भारत और पाकिस्तान के रक्षा सचिवों की सियाचिन ग्लेशियर
और अन्य मुद्दों पर दो दिनों की बातचीत सोमवार से रावलपिंडी में शुरु हो
रही है.सियाचिन विश्व का सबसे ऊंचाई वाला क्षेत्र है जहां
1984 से भारत-पाक सेनाएं आमने-सामने हैं. हालांकि दोनों देशों ने पहले भी
इस मसले पर काफी बैठकें की हैं लेकिन अबतक इसका कोई कारगर हल सामने नहीं आ
पाया है.भारत के रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा
रविवार को इसी सिलसिले में पाकिस्तान पहुंचे. पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का
नेतृत्व रक्षा सचिव नर्गिस सेठी करेंगी जिन्हें प्रधानमत्री यूसुफ रजा
गिलानी का करीबी माना जाता है.सियाचिन में हाल में हिंमस्खलन में लगभग 139
पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष परवेज
कयानी ने कहा था कि सियाचिन का मुद्दा सुलझाया जाना चाहिए.लेकिन पर्यवेक्षकों का मानना है कि इसके बावजूद इस मुद्दे पर प्रगति के आसार कम हैं.
अड़चन
बीबीसी हिंदी सेवा प्रमुख अमित बरूआ का कहना है कि सियाचिन मसले पर दोनों मुल्कों के बीच बारह बार बातचीत हो चुकी हैं लेकिन अभी तक कोई ठोस राह सामने नहीं आई है.हालांकि 1992 में एक समझौता होते होते रह गया.अमित बरूआ ने कहा, "हालांकि इस बार की वार्ता का
एक सकारात्मक पहलू ये है कि पाकिस्तान की सरकार और खासतौर पर सेना में भी
इस मसले का हल ढ़ूंढ़ने को लेकर सोच गहन हुई है."निपटारे में रूकावट ये रही है कि, "दोनों पक्ष चाहते हैं कि उनकी सेनाओं के वहां से हटने के बाद इसका लगातार सत्यापन होता रहे."
नाटकीय घोषणा
इस दौर की बातचीत से पहले भारत के रक्षा मंत्री
एके एंटनी ने सचेत किया था कि इस बातचीत से किसी नाटकीय घोषणा की उम्मीद
नहीं करनी चाहिए.उनका कहना था, "राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से
हमारे लिए इस अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे पर किसी नाटकीय घोषणा या फैसले की
उम्मीद नहीं करनी चाहिए. आप एक बार की चर्चा से किसी नाटकीय घोषणा की
उम्मीद नहीं कर सकते हैं."पाकिस्तान के रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार ने
बीबीसी से एक विशेष साक्षात्कार में खुद कहा था कि सियाचिन मसले के निपटारे
में दोनों देशों की फौजे रूकावट हैं.इस बार जब समाधान की बात पाकिस्तानी फौज की ओर से उठी है भारतीय सेना पक्ष की ओर से इसके विरोध की खबरें बार-बार सामने आती रही हैं.गौरतलब है कि वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों के बाद से रुकी हुई भारत-पाकिस्तान वार्ता पिछले साल दोबारा शुरु हुई है.समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इसी सिलसिले के
तहत भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी अगले महीने 17-18 तारीख को
इस्लामाबाद में मिलेंगे.एसएम कृष्णा और हिना रब्बानी खर के बीच होने वाली
मुलाकात में दोबारा वार्ता शुरु होने के बाद हुई रिश्तों में हुई प्रगति की
समीक्षा होगी. इससे पहले दोनों देशों के विदेश सचिव आपस में बातचीत
करेंगे.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें