सोमवार, 30 अप्रैल 2012

हर नेता के दिल में एक बंगारू धड़कता है!

    दिल्ली की सीबीआई अदालत ने कमाल कर दिया। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को चार साल की सजा दे दी और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। बंगारू का अपराध क्या था? उन्होंने किसी नकली फर्म से कोई नकली माल रक्षा मंत्रालय को बिकवाने का आश्वासन दिया था और बदले में उन्होंने एक लाख रुपए की ‘भेंट’ स्वीकार की थी। अदालत ने माना कि रिश्वत देने वाली फर्म नकली थी, रिश्वत देने वाला नकली था, बिकने वाला माल नकली था, लेकिन रिश्वत लेने वाला और रिश्वत असली थी। इसलिए जज ने रिश्वत देने वाले को सजा नहीं दी। यह कैसा न्याय, जज ने यह नहीं बताया कि बंगारू ने एक लाख रुपए लेकर बदले में क्या रक्षा मंत्रालय को यह सिफारिश की कि क्या वह उस घटिया माल को खरीद ले? क्या रक्षा मंत्रालय ने सत्ता दल के अध्यक्ष की सिफारिश या दबाव के कारण उस घटिया माल को खरीद लिया? यदि नहीं तो फिर बंगारू लक्ष्मण को दोषी ठहराना और उनको सदाचार का लंबा-चौड़ा उपदेश झाड़ना क्या सचमुच न्याय है?

यह न्याय भी नकली ही मालूम पड़ता है। इससे बढ़कर हास्यास्पद फैसला क्या हो सकता है? इसका अर्थ यह कदापि नहीं, कि जो बंगारू लक्ष्मण ने किया, वह उचित था। वह अनुचित तो था ही और उसकी जो सजा उनको और उनकी पार्टी को मिलनी चाहिए थी, वह उसी समय मिल भी गई थी। अब अदालत द्वारा उनको चार साल की सजा देना और रिश्वत देने का नाटक करने वालों के खिलाफ मुंह नहीं खोलना, कानून की धज्जियां उड़ाना है। जाहिर है कि सीबीआई अदालत का यह फैसला किसी भी अन्य अदालत में औंधे मुंह गिरेगा। इस फैसले से सीबीआई की ‘महान प्रतिष्ठा’ में चार चांद लग गए हैं! बंगारू के फैसले पर देश के सारे नेता हतप्रभ हैं। सबकी बोलती बंद है। कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर वार जरूर कर रहे हैं, लेकिन लोग चुप क्यों हैं? क्योंकि हर नेता के सीने में एक बंगारू धड़क रहा है। क्या देश में एक भी नेता ऐसा है, जो दावा कर सके कि जो बंगारू ने किया वह वैसा नहीं करता। भारतीय राजनीति का चरित्र् ही ऐसा है कि हर नेता को अपने राजनीतिक जीवन में असंख्य बार बंगारू बनना पड़ता है। सारे नेता यही खैर मना रहे हैं कि वे बंगारू की तरह रंगे हाथ नहीं पकड़े गए। अदालत को गलतफहमी है कि उसने बड़ा तीर मार दिया है।

जनता की मांग: अखिलेश करें बलात्कारियों का सफाया


Demand of the people the rapists eliminated Akhilesh
यूपी में सरकार बदलने के साथ ही अपराधों खासकर बलात्कारों का दौर तेज हो गया। पिछले एक माह में बलात्कार और उसके बाद जला देने की घटनाओं के बाद जनता सपा सरकार से अपेक्षा कर रही है कि इन हैवानों का सफाया किया जाए। पिछले दिनों इसी मसले पर आई खबरों पर यूजर की राय कुछ ऐसी ही रही जिसमें सपा सरकार से बलात्कारियों पर कठोरता बरतने की मांग की गई। जनता की राय में अधिकतर कमेंट में सपा सरकार को ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई के लिए कहा गया। कई यूजरों ने सपा सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया है।

हैवानियत का नया दौर, रेप के बाद जलाना बना फैशन
यूपी में रेप की बढ़ती घटनाओं पर पिछले दिनों आई खबर पर कई कमेंट आए। कई कमेंट्स में सरकार को जमकर कोसा गया तो कुछ कमेंट्स में इसे विरोधियों की चालबाजी कहा गया। हालांकि बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर सभी पाठको की राय एक ही थी कि बलात्कारियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

उप्र में गुंडागर्दी और बलात्कार आम बात
दिल्ली से प्रमोद कुमार का मानना था कि उप्र में गुंडागर्दी आम हो गई है। प्रदेश में कानून नाम की चीज नहीं, यहां जंगल राज कायम है। गाजीपुर से निखिल श्रीवास्तव का कहना था कि जो हो रहा है वो गलत है, उसके लिए कोई कड़ा कदम उठाना पड़ेगा। दिल्ली से ही चंदर ने लिखा है कि सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए ताकि औरतें सुरक्षित रह सकें।

सपा सरकार को कोसा
दिल्ली से मधुसूदन देवरानी ने लिखा है कि ये सब मुलायम सिंह के शासनकाल से चल रहा है। अब अखिलेश यादव की बारी है। एक नौजवान मुख्यमंत्री के होते मां बहनों के ये हाल हैं तो और लोगों की क्या हालत होगी। महाराज गंज के प्रमोद कुमार ने इन घटनाओं के लिए पुलिस तंत्र को दोषी ठहराया है। प्रतापगढ़ से जीवेश नंदन श्रीवास्तव ने लिखा है कि सपा सरकार में अपराध को लाइसेंस मिल जाता है। बिजनौर से जेपी शर्मा ने लिखा है कि जनाब अभी तो ट्रांसफर और पोस्टिंग जैसे कमाऊ कार्यों में लगे हैं। ये तो सपा की शुरुआत है आगे आगे देखिये क्या होता है।

समाज को बदलनी होगी सोच
दिल्ली से जावर जफर ने लिखा है - सरकार बदलने से फर्क नहीं पड़ता। इस तरह की घटनाएँ तबतक बंद नहीं होंगी जब तक समाज की सोच नहीं बदलेगी। हमें समाज में ऐसे भूखे भेड़ियों पर निगाह रखनी होगी जो इस तरह की वारदात को अंजाम देते हैं। साथ ही कानून में ऐसे जुर्म की सख्त सजा का प्रावधान भी करना होगा जिससे मुजरिम जुर्म करने से पहले १० बार सोचे। केवल सरकार को दोष दे देने से प्रॉब्लम सॉल्व नहीं होगी हमें समाज के प्रति जवाबदेह बनना होगा। लखनऊ से रविंद्र नाथ यादव ने लिखा है कि सत्ता बदलने से न तो कभी हैवानियत में बदलाव आया है और न ही दंड से आज तक अपराध कम हुए है। इंसान को इंसान बनाओ

अखिलेश तुम कदम उठाओ
कई पाठकों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से गुहार की है कि वे सख्त कदम उठाकर ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाएं। बिलारी से फहीम रजा ने कहा है कि अखिलेश जनता की उम्मीद के मुताबिक इन दरिंदों को सबक सिखाओ ताकि क़भी दूसरा इस संबंध में ऐसा सोचे तो कांप जाए। मउ नाथ भंजन से सुशील कुमार यादव ने भी लिखा है- अखिलेश को कुछ अलग करना ही होगा पिछली सरकार की तुलना में तभी तो समझ में आएगा की उप में नई सत्ता है और नया कानून है तभी लोगो को सपा पर विश्वास होगा।


रविवार, 29 अप्रैल 2012

बीमारियों में अचूक रामबाण है 'नीम' का जूस

      गर्मी आते ही एक चीज की याद सताने लगती है वह है जूस की| अब चाहे वह गन्ने का हो या फिर कोई और| आज हम आपको एक नए जूस के बारे में बताने जा हैं जिसे शायद सुनकर आपको अजीब भी लगे लेकिन यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद है| जी हाँ हम बात कर रहे हैं नीम के जूस की|


भारत में एक कहावत प्रचलित है कि जिस धरती पर नीम के पेड़ होते हैं वहाँ मृत्यु और बीमारी कैसे हो सकती है। नीम एक चमत्कारी वृक्ष माना जाता है। भारत में इसके औषधीय गुणों की जानकारी हजारों सालों से रही है। चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। इसे ग्रामीण औषधालय का नाम भी दिया गया है। यह पेड़ बीमारियों वगैरह से आजाद होता है और उस पर कोई कीड़ा-मकौड़ा नहीं लगता, इसलिए नीम को आजाद पेड़ कहा जाता है। 



नीम एक ऐसा पेड़ है जो सबसे ज्यादा कड़वा होता है परंतु अपने गुणों के कारण चिकित्सा जगत में इसका अपना एक अहम स्थान है। तो आइये जाने नीम जूस पीने के क्या क्या फायदे हैं| 



नीम जूस के फायदे-



आपको बता दें कि नीम जूस पीने से शरीर की गंदगी निकल जाती है। जिससे बालों की क्‍वालिटी, त्‍वचा की कामुक्‍ता और डायजेशन अच्‍छा हो जाता है। इसके अलावा इसके रस की दो बूंदे आंखो में डालने से आंखो की रोशनी बढ़ती है और अगर कन्जंगक्टवाइटिस हो गया है, तो वह भी जल्‍द ठीक हो जाता है। इतना ही नहीं नीम जूस मधुमेह रोगियों के लिये भी फायदेमंद है। अगर आप रोजाना नीम जूस पिएंगे तो आपका ब्‍लड़ शुगर लेवल बिल्‍कुल कंट्रोल में हो जाएगा। 



इसके अलावा मसूड़ों से खून आने और पायरिया होने पर नीम के तने की भीतरी छाल या पत्तों को पानी में औंटकर कुल्ला करने से लाभ होता है। इससे मसूड़े और दाँत मजबूत होते हैं। नीम के फूलों का काढ़ा बनाकर पीने से भी इसमें लाभ होता है। नीम का दातुन नित्य करने से दांतों के अन्दर पाये जाने वाले कीटाणु नष्ट होते हैं। दाँत चमकीला एवं मसूड़े मजबूत व निरोग होते हैं। इससे चित्त प्रसन्न रहता है।



प्रेगनेंसी के दौरान नीम का रस योनि के दर्द को कम करता है। कई प्रेगनेंट औरते लेबर पेन से मुक्‍ती पाने के लिये नीम के रस से मसाज करती हैं। प्रसूता को बच्चा जनने के दिन से ही नीम के पत्तों का रस कुछ दिन तक नियमित पिलाने से गर्भाशय संकोचन एवं रक्त की सफाई होती है, गर्भाशय और उसके आस-पास के अंगों का सूजन उतर जाता है, भूख लगती है, दस्त साफ होता है, ज्वर नहीं आता, यदि आता भी है तो उसका वेग अधिक नहीं होता।

शनिवार, 28 अप्रैल 2012

ADBHUT


यूपी में हैवानियत का नया दौर, रेप के बाद जलाना बना फैशन

     उत्तर प्रदेश में सत्ता भले ही बदल गई हो लेकिन महिलाओं के साथ हो रहा हैवानियत भरा व्यवहार नहीं बदला है। एक दलित महिला मुख्यमंत्री के जाने के बाद एक हाईटेक युवा मुख्यमंत्री का आना भी अबला और मजबूर महिलाओं के लिए राहत नही ला पाया है। औरतों के प्रति अपराध कम नहीं हुए हैं लेकिन हैवानियत का खेल कुछ बदल सा गया है। पहले जहां औरतों के चेहरों पर तेजाब डालने की घटनाएं जोरों पर थी वहीं अब बलात्कार और जिंदा जलाने की घटनाओं में एकाएक तेजी आई है।

अब जिंदा जलाने की घटनाएं बढ़ी
मायावती के राज में राज्य में युवतियों और छोटी छोटी बच्चियों के साथ रेप और हैवानियत की घटनाएं आम थी। खुद सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग ने भी राज्य में औरतों के साथ बलात्कार और हैवानियत की घटनाओं पर संज्ञान लिया था। तब बलात्कार के बाद तेजाब डालने या फिर नाक कान काटने या आंखें फोड़ देने की घटनाएं जोर पकड़ रही थी। मायावती ने हालांकि दुष्कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे लेकिन इन आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ी।

औरतों से ज्यादती नहीं हुई कम
मायावती का राज खत्म होने के बाद सपा की सरकार आने के बाद यूपी की आधी आबादी को आस बढ़ी कि अब औरतों से ज्यादती कम होगी। लेकिन ज्यादती तो कम नहीं हुई लेकिन उसका चलन बदल गया। बलात्कार में विफल होने या शादी से इनकार सुनने के बाद युवतियों के जिंदा जलाने के वाकए एकाएक बहुत बढ़ गए हैं। आंकड़े गवाह है कि एक माह में इस तरह की दर्दनाक घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है।

लड़की को बना दिया आग का गोला
गाजीपुर में तीन दर‌िदों ने पहले एक किशोरी से दुष्कर्म किया फ‌िर उसे जिंदा जलाकर मार डाला। 16 वर्षीया किशोरी देर घर से अकेले शौच करने बाहर गई थी। इसके कुछ देर बाद ही वह घर से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर आग का गोला बन गई। आग की लपटों से घिरी किशोरी की दर्दनाक चीख पुकार सुनकर गांव के लोग और परिजन मौके पर पहुंचे और किसी तरह आग बुझाकर उसे अस्पताल ले गए। उपचार के दौरान किशोरी ने कबीरचौरा अस्पताल में दम तोड़ दिया।

रिश्तेदार ने बनाया हवस का शिकार
देवरिया में एक सिरफिरे ने मोहल्ले की किशोरी के साथ दुराचार का प्रयास किया। युवती के विरोध पर युवक ने किरोसिन डाल कर उसे जिंदा जला दिया। किशोरी रात में बिजली जाने पर घर के सभी लोगो के छत पर सोने चले जाने के बाद घर में अकेली सो रही थी तभी पड़ोस का युवक घर में आ घुसा और युवती से दुराचार का प्रयास किया। विरोध करने पर उसने पेट्रोल डालकर लड़की को आग लगा दी।

मिट्टी का तेल डालकर आग के हवाले किया
बाराबंकी जिले में एक नाबालिग लड़की के साथ पहले तो उसके रिश्‍तेदार ने ही बलात्‍कार किया फिर उसके उपर मिट्टी का तेल डालकर आग के हवाले कर दिया। बलात्‍कारी ने घर का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और फरार हो गया। साहस दिखाते हुए युवती ने आग बुझाया और शोर मचाना शुरु कर दिया। शोर सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उसे इलाज के लिये अस्‍पताल में भर्ती कराया।

घर पर अकेला पाकर रेप किया और जलाया
बरेली में 18 साल की एक युवती से रेप के बाद चार युवकों ने उसे जिंदा जला दिया। युवती ने मरने से पहले पुलिस को दिए बयान में बताया कि तीन युवक उसके घर आए। उस समय उसका भाई घर पर नहीं था। तीनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया और बाद में करोसिन छिड़ककर और आग लगाने के बाद भाग गए। जब उसकी ननद घर पहुंची तो उसने दरवाजा खोला। तब तक वह 80 फीसदी जल चुकी थी।

रेप की शिकायत की तो आग लगा दी
फते‍हपुर के शिवपुरी में गांव के ही कुछ युवकों ने 20 साल की युवती को अगवा कर उससे सा‌मूहिक बलात्कार किया। युवती ने आपबीती अपने परिजनों को बताई और परिजन उसे लेकर पुलिस के पास पहुंच गये। पुलिस से शिकायत करने के बाद युवती जब घर लौट रही थी तभी युवकों ने उसके शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया।

घर में घुसकर बलात्कार किया
महोबा के भरवारा गांव में एक युवक ने घर में घुसकर दिनदहाड़े महिला से बलात्कार किया। महिला की चीख पुकार सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने बलात्कारी युवक को दौड़कर पकड़ लिया। जमकर पिटाई करने के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया। वाकया तब हुआ जब महिला घर में अकेली थी। युवक घर में घुसा दरवाजा अंदर से बंद करने के बाद घरेलू काम में व्यस्त महिला के साथ युवक ने बलात्कार किया। महिला की चीख पुकार सुनकर आस पड़ोस के लोग पहुंच गए।

पहले आबरू लूटी और मारपीट की
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हैवानों की दरिंदगी का शिकार हुई। पीड़ित लड़की भीरा क्षेत्र के अंबारा गांव की है। पड़ोसी युवक ने घर में घुसकर न केवल उसकी आबरू लूट ली बल्कि शोर मचाने पर बांके से प्रहार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। लड़की की जल्द ही बारात आने वाली थी। इस मामले में आरोपी के साथी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना के समय लड़की की मां किसी परिचित को देखने अस्पताल गई थी।

बाल गृह मे भी सुरक्षित नहीं बच्चियां
गांव और खेत की औरतें क्या नन्हीं बच्चियां तक भी यूपी में सुरक्षित नहीं। इलाहाबाद के राजकीय बाल गृह में दो अनाथ बच्चियों से बलात्कार का मामला सामने आया तो हड़कंप मच गया। दरअसल बाल गृह का चपरासी ही अनाथ और मासूम बच्चियों से बलात्कार करता था। कई साल तक इस हैवानियत का शिकार बनी दो बच्चियों में से जब एक को किसी दंपत्ति ने गोद लिया तो बच्ची ने आपबीती बताई। बच्चियों से बलात्कार की इस सनसनीखेज घटना से प्रशासन तक हिल गया।

क्या आपको लगता है कि यूपी में अखिलेश सरकार के आने के बाद बलात्कार बढ़े हैं? क्या दिल्ली के बाद यूपी भी औरतों के लिए असुरक्षित बन गया है?

सचिन को लेकर बाबा ने साधा केंद्र पर निशाना

    नई दिल्ली। सचिन तेंदुलकर के राज्यसभा में नामांकन को लेकर बाबा रामदेव ने शनिवार को केंद्र को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सचिन की आड़ में सरकार असली मुद्दों से ध्यान बांटने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार सचिन को साथ लेकर अपनी साख बचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सचिन का राज्यसभा के लिए नामांकन महज राजनीति नौटंकी है। यदि सरकार चाहती तो उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित कर सकती थी।
उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे और मेरा साथ केंद्र सरकार को रास नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि अन्ना और हमारे आंदोलन का विलय नहीं होगा। परंतु हमारी भ्रष्टाचार के खिलाफ और कालेधन को वापस लाने की लड़ाई जारी रहेगी।

शुक्रवार, 27 अप्रैल 2012

बंगारु दोषी करार, न्यायिक हिरासत में

     नई दिल्ली। सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को तहलका कांड में फंसे भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारु लक्ष्मण को दोषी करार दिया। कोर्ट इस मामले में शनिवार को सजा सुनाएगी। बंगारु लक्ष्मण पर फर्जी हथियार डीलरों से रिश्वत लेने का आरोप है। इस मामले में सीबीआई और आरोपी के वकीलों के तर्क सुनने के बाद अदालत ने 4 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा था। इस बीच, सीबीआई ने बंगारु लक्ष्मण को अपनी हिरासत में ले लिया है।
तहलका डॉट काम द्वारा 2001 में कराए गए स्टिंग ऑपरेशन में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष बंगारु लक्ष्मण कैमरे पर एक लाख रुपये लेते हुए पकडे़ गए थे। 13 मार्च, 2001 को सीडी जारी होने के बाद राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हुआ था। जिसके बाद बंगारु को भाजपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।
बंगारु पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं। बंगारु के पूर्व निजी सचिव टी. सत्यमूर्ति को निचली अदालत ने गवाह बन जाने के बाद माफी दे दी थी।

यूपी में पदोन्नति में आरक्षण पर रोक

     नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में पिछली मायावती सरकार द्वारा पदोन्नति में आरक्षण के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इसके साथ ही वरिष्ठता में भी पदोन्नति में आरक्षण को गलत ठहराया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की पूर्ववर्ती मायावती सरकार ने 14 सितंबर 2007 से पदोन्नति में आरक्षण प्रणाली लागू की थी, जिसे 15 जून 1995 से प्रभावी बनाया गया। इसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दर्ज मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार के इस फैसले को अनुचित ठहराया था। साथ ही 4 जनवरी 2011 को इसे निरस्त कर दिया। कोर्ट के इस फैसले के आलोक में नई सपा सरकार ने भी पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगा दी। बाद में हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी जिसे आज बरकरार रखा गया।

सचमुच भारत के रत्‍‌न हैं सचिन तेंदुलकर

     सचिन रमेश तेंदुलकर का जन्म मुंबई में 24 अप्रैल 1973 को हुआ था। वर्तमान समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को किसी भी परिचय की जरूरत नहीं है। उनको भारत सरकार ने अब तक पद्मभूषण, पद्मश्री, राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया है जबकि उनको भारत रत्न दिए जाने की मांग भी तेजी पकड़ चुकी है।
इसके अलावा वह इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें भारतीय वायु सेना ने ग्रुप कैप्टन का दर्जा भी दिया। सचिन तेंदुलकर को अगर चलती फिरती रिकार्ड बुक बोला जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। सचिन ने अपने 23 साल के लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में एक बल्लेबाज के तौर पर लगभग सारे ही रिकार्ड अपने नाम कर लिए हैं।
सचिन के नाम वनडे और टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन और शतक जड़ने का रिकार्ड है। टेस्ट क्रिकेट में सचिन अपने शतकों का अ‌र्द्धशतक भी बना चुके हैं। जबकि हाल ही में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय करियर में सौवां शतक भी पूरा कर लिया। इतना ही नहीं सचिन पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने वनडे मैचों में दोहरा शतक ठोका था। कभी टेनिस एल्बो तो कभी कमर दर्द से परेशान होकर सचिन को क्रिकेट से दूर भी होना पड़ा है, लेकिन मास्टर ब्लास्टर हर मुश्किल परिस्थितियों से निकल कर इस मुकाम पर पहुंचे हैं।
सचिन ने महज 16 साल की उम्र में क्रिकेट में पदार्पण किया। 1989 में इस धुरंधर बल्लेबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच से अपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सफर शुरू किया। सचिन 15 रन पर वकार यूनुस की गेंद बोल्ड हो गए थे। लेकिन सचिन ने जिस तरह पाक के तेज गेंदबाजों का सामना किया वह काबिल-ए-तारीफ था। सियालकोट में हुए फाइनल टेस्ट में सचिन को एक बाउंसर गेंद नाक पर लगी, उनकी नाक से खून निकलने लगा। लेकिन सचिन ने प्राथमिक चिकित्सा नहीं ली और बल्लेबाजी के लिए फिर से तैयार हो गए।
आज सचिन को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। हालांकि सचिन ऐसा नहीं मानते हैं। सचिन जितने अच्छे खिलाड़ी हैं उतने ही अच्छे इंसान भी हैं। हालांकि सचिन टीम इंडिया के सफल कप्तान नहीं बन सके। सचिन ने खुद इसको स्वीकार किया और कप्तानी छोड़ दी। जब भी सचिन के खेल की आलोचना हुई है इस बल्लेबाज ने जवाब हमेशा अपने बल्ले से दिया है। सचिन के खौफ का यह आलम था कि दुनिया के महान लेग स्पिनर शेन वार्न ने कहा था कि सचिन उनके सपने में आकर उनकी गेंदों पर शाट मारते हैं। भारत का कोई ऐसा सम्मान नहीं है जिससे इस बल्लेबाज को नवाजा नहीं गया हो।
सचिन ने अभी तक छह विश्व कप में हिस्सा लिया और 2011 में वह पहली बार विश्व विजेता टीम का हिस्सा बनने में भी सफल रहे।

एनडी तिवारी को देना ही होगा ब्लड सैंपलः हाईकोर्ट

      पुत्र विवाद मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायणदत्त तिवारी को बड़ा झटका दिया है। मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने साफ किया कि एनडी तिवारी को डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल देना ही होगा। यदि जरूरत पड़ी तो इसमें पुलिस की भी मदद ली जा सकती है। ऐसे मामले में ‌किसी भी व्यक्ति को सैंपल के लिए बाध्य किया जा सकता है।

रोहित को भी डीएनए टेस्ट कराने का निर्देश
इससे पहले अदालत ने पिछली सुनवाई में कथित पुत्र रोहित, उसकी मां उज्ज्वला शर्मा और उसके पूर्व पति वीपी शर्मा का डीएनए टेस्ट करवाने का भी निर्देश दिया था। अदालत ने साफ किया था कि जिस तरह तिवारी ने सैंपल देने से मना किया है उनका रवैया मनमाना है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोहित उन्हीं का बेटा है।

गुरुवार, 26 अप्रैल 2012

भारत-पाक युद्ध से हो सकती वैश्विक भुखमरी

    एक रिपोर्ट के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होने की स्थिति में एक अरब से ज्यादा लोग भुखमरी के शिकार हो सकते हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार इंटरनेशनल फिजियन्स फॉर द प्रिवेंशन ऑफ न्यूक्लियर वार (आईपीपीएनडब्ल्यू) के जरिए जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया के इन दो पड़ोसियों के बीच परमाणु युद्ध होने से पूरी दुनिया में पर्यावरण पर इसका असर पड़ेगा और चीन, अमरीका और दूसरे देशों में खाद्य उत्पादन में कमी आएगी.
अमरीकी शहर शिकागो में मंगलवार को हुए नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं के एक सम्मेलन में इस रिपोर्ट को जारी किया गया.
इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले इरा हेल्फैंड का कहना है, ''इस बात के नए सबूत सामने आए हैं कि भारत और पाकिस्तान जैसे देशों के थोड़े से परमाणु हथियार भी धरती के पारितंत्र को दूरगामी नुकसान पहुंचा सकते हैं और पहले से ही कुपोषण के शिकार लाखों लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. इसलिए इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए.''

'परमाणु अकाल'

रिपोर्ट के मुताबिक परमाणु युद्ध के परिणाम स्वरूप सूखे से होने वाली मौतों से बचा नहीं जा सकता है.
"इस बात के नए सबूत सामने आए हैं कि भारत और पाकिस्तान जैसे देशों के थोड़े से परमाणु हथियार भी धरती के पारितंत्र को दूरगामी नुकसान पहुंचा सकते हैं और पहले से ही कुपोषण के शिकार लाखों लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. इसलिए इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए."
इरा हेल्फैंड, रिपोर्ट तैयार करने वाले
हेल्फैंड ने आगे कहा, ''एक दशक के दौरान एक अरब लोगों की गैरजरूरी और रोकी जा सकने वाली मौत मानव इतिहास में एक अभूतपूर्व त्रासदी होगी. इससे मानव जाति का विनाश तो नहीं होगा लेकिन इतना जरूर है कि हम जिसे आधुनिक सभ्यता कहते हैं उसका अंत हो जाएगा.''
हेल्फैंड के अनुसार परमाणु सूखे के संभावित खतरे को देखते हुए इस बात की जरूरत है कि परमाणु हथियारों के प्रति हमारी सोच में बुनियादी बदलाव लाया जाए.
वैज्ञानिकों ने भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले एक काल्पनिक परमाणु युद्ध का पर्यावरण पर होने वाले असर का अध्ययन किया और उनके जरिए जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर हेल्फैंड और उनकी टीम के सदस्यों ने यह रिपोर्ट तैयार की है.
हत्फ-4
पाकिस्तान ने बुधवार को परमाणु हथियार युक्त मिसाइल हत्फ-4 का सफल परीक्षण किया.
हेल्फैंड और कृषि विशेषज्ञों की एक टीम ने अपने शोध के दौरान पाया कि परमाणु धमाकों के कारण तापमान गिर जाएगा और इसके कारण खाद्यान के पैदावार में कमी आएगी.
पैदावार में कमी के कारण दुनिया भर में लोगों को खाने पीने की चीजें नहीं मिल पाएंगीं और फिर खाद पदार्थों की कीमत भी इससे प्रभावित होगी.
रिपोर्ट के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत सीमित परमाणु युद्ध से भी अमरीका में पूरे एक दशक तक खाद्य पदार्थों की पैदावार में लगभग 10 फीसदी की कमी आ जाएगी.
रिपोर्ट के मुताबिक चीन में भी चावल की पैदावार में महत्वपूर्ण कमी आएगी.

मानवीय द्रष्टिकोण या सत्यमेव जयते का प्रमोशन?


   
     फिल्म स्टार आमिर खान के मानवीय द्रष्टिकोण की हमेशा सराहना हुई है। राम लखन ऑटो चालक के बेटे की शादी में पहुँच कर आमिर नें एक बार फिर सुर्खियाँ बटोरी हैं। इसे आमिर का मानवीय द्रष्टिकोण कहा जाये या फिर अपनें नए टीवी कार्यक्रम सत्यमेव जयते के लिए प्रमोशन का एक नया और अनोखा तरीका। आप भी बताइए आप क्या मानते हैं? 

बुधवार, 25 अप्रैल 2012

रिसेट-1 कृषि व आपदा प्रबंधन में मदद को तैयार

      श्रीहरिकोटा [आंध्र प्रदेश]। अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक और मील का पत्थर हासिल करते हुए भारत ने सभी मौसमों में धरती की तस्वीर लेने में सक्षम अपने पहले स्वदेश निर्मित राडार इमेजिंग उपग्रह आरआइसेट-1 का सफल प्रक्षेपण किया। इससे देश की दूर संवेदी क्षमता में इजाफा होगा और कृषि तथा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मदद मिलेगी।
इस उपग्रह के सटीक प्रक्षेपण से भारत उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है जिनके पास राडार के जरिए तस्वीरें लेने वाली स्वदेशी प्रौद्योगिकी है। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम के निदेशक पीएस वीरराघवन ने कहा, 'अब तक यह प्रौद्योगिकी केवल अमेरिका, कनाडा, जापान और यूरोपीय संघ के पास थी।'
प्रक्षेपण की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जटिल प्रक्षेपण वाहन प्रौद्योगिकी में महारत साबित करने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
चेन्नई से करीब 90 किलोमीटर दूर यहां के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी [पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल] के जरिए 1858 किलोग्राम वजनी देश के पहले 'माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग' उपग्रह को 71 घंटे तक चली उल्टी गिनती के बाद सुबह करीब पांच बजकर 47 मिनट पर प्रक्षेपण के लगभग 19 मिनट बाद कक्षा में स्थापित कर दिया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] के प्रक्षेपण वाहन पीएसएलवी ने आरआइसेट-1 के प्रक्षेपण के साथ अपनी 20 सफल उड़ानें पूरी कर एक बार फिर अपनी विश्वसनीयता स्थापित की है। इसके द्वारा प्रक्षेपित किया गया यह अब तक सबसे भारी उपग्रह है।
आरआइसेट-1 इसरो के लगभग 10 साल के प्रयासों का नतीजा है। इसके पास दिन एवं रात तथा बादलों की स्थिति में भी धरती की तस्वीरें लेने की क्षमता है। अब तक भारत कनाडाई उपग्रह की तस्वीरों पर निर्भर था क्योंकि मौजूदा घरेलू दूरसंवेदी उपग्रह बादलों की स्थिति में धरती की तस्वीरें नहीं ले सकते थे।
इसरो अध्यक्ष के. राधाकृष्णन ने कहा कि 44 मीटर लंबा रॉकेट शानदार ढंग से उड़ान भरते हुए आकाश में प्रवेश कर गया। उन्होंने इस मिशन को एक बड़ी सफलता करार दिया। उपग्रह के कक्षा में स्थापित होते ही नियंत्रण कक्ष में बैठे वैज्ञानिकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
प्रसन्नचित दिख रहे राधाकृष्णन ने कहा, 'मुझे यह घोषणा करते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि पीएसएलवी सी-19 मिशन एक बड़ी सफलता है। हमारे पीएसएलवी की यह लगातार 20वीं सफल उड़ान है। इसने भारत के पहले राडार इमेजिंग सैटेलाइट को सटीक रूप से वांछित कक्षा में स्थापित कर दिया।' भारत ने 2009 में सभी मौसमों में काम करने वाले एक अन्य राडार इमेजिंग उपग्रह आरआइसेट-2 का प्रक्षेपण किया था, लेकिन इसे निगरानी उद्देश्यों के लिए इजरायल से 11 करोड़ अमेरिकी डॉलर में खरीदा गया था।
मिशन के निदेशक पी कुन्हीकृष्णन ने बताया कि आरआइसेट-1 अत्याधुनिक नए मिशन नियंत्रण केंद्र के जरिए प्रक्षेपित किया गया। इस केंद्र का उद्घाटन जनवरी में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने किया था।
आरआइसेट-1 का प्रक्षेपण मार्च में किया जाना था, लेकिन इसरो विवाद, एंट्रिक्स-देवास सौदे में चार पूर्व अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के चलते इसकी तैयारियों में विलंब हो गया।
इसरो ने आज के प्रक्षेपण के लिए पीएसएलवी के अत्याधुनिक संस्करण पीएसएलवी-एक्स एल का इस्तेमाल किया। एक्स एल संस्करण का इस्तेमाल इससे पहले चंद्रयान-1 और जीसेट-12 अभियानों के लिए किया गया था।
विकास सहित आरआइसेट-1 की लागत 378 करोड़ रुपये है, जबकि 120 करोड़ रुपये रॉकेट [पीएसएलवी सी-519] के निर्माण पर खर्च हो चुके हैं। इस तरह यह 498 करोड़ रुपये का मिशन है।
उपग्रह 536 किलोमीटर की ऊंचाई पर इसकी अंतिम कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसकी मिशन अविध पांच साल है और यह रोजाना कक्षा में 14 चक्कर लगाएगा।
कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल के अतिरिक्त आरआइसेट-1 को 24 घंटे देश की सीमाओं की निगरानी के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसरो ने कहा था कि उपग्रह को रक्षा क्षेत्र के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। मुख्यत: जासूसी उपग्रह आरआइसेट-2 पहले से ही यह काम कर रहा है।
धुंध एवं कोहरे सहित सभी मौसमों में तस्वीरें लेने की आरआइसेट-1 की क्षमता उन क्षेत्रों के लिए काफी लाभकारी होगी जो अक्सर बादलों से ढके रहते हैं। इसमें सभी परिस्थितियों में तस्वीरें उपलब्ध कराने के लिए 'सी बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार' [एसएआर] लगा है।
एसएआर कृषि क्षेत्र, खासकर खरीफ सत्र में धान की फसल पर निगरानी और बाढ़ एवं चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन क्षेत्र में निगरानी रखने की अद्वितीय क्षमताओं से लैस है।
उपग्रह खासकर खरीफ के सत्र में लाभदायक होगा जब वातावरण में अक्सर बादल छाए रहते हैं। इसके जरिए ली जाने वाली फसलों की तस्वीरों से योजनाकारों को उत्पादन के आकलन और पूर्वानुमान व्यक्त करने में मदद मिलेगी।
बाढ़ के दौरान उपग्रह से ली जाने वाली तस्वीरें प्रभावित क्षेत्र और जल स्तर का स्पष्ट ब्यौरा उपलब्ध करा सकेंगी। राधाकृष्णन ने कहा कि इसरो के लिए वर्ष 2012-13 काफी व्यस्तताओं से भरा है और इस दौरान अनेक प्रक्षेपण होने हैं। उन्होंने बताया कि इसरो जल्द ही फ्रेंच गुयाना से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के एरियन-5 के जरिए एक उपग्रह और इस साल अगस्त में भारत से पीएसएलवी के साथ छह उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा।
बहु प्रतीक्षित जीएसएलवी मार्क-3 पर उन्होंने कहा कि वाहन तैयार हो रहा है और इसरो प्रतिष्ठानों में इसके परीक्षण हो रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अत्याधुनिक प्रक्षेपण वाहन जीएसएलवी मार्क-3 कई दौर पार कर चुका है, निचला चरण पूरा हो चुका है तथा हम एक साल के भीतर श्रीहरिकोटा से जीएसएलवी मार्क-3 की प्रायोगिक उड़ान को अंजाम दे रहे होंगे।'
राधाकृष्णन ने कहा कि वातावरणीय उड़ान चरण में वाहन की प्रणाली को परखने के लिए यह प्रयास अत्यावश्यक होगा। उन्होंने बताया कि देश पीएसएलवी के जरिए भारतीय-फ्रांसीसी उपग्रह [सरल या सैटेलाइट विद एरगोस एंड आल्तिका] का भी प्रक्षेपण करेगा और चालू वित्त वर्ष में भारत के पहले नौवहन उपग्रह के प्रक्षेपण की भी योजना है।
वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक यशपाल ने प्रक्षेपण को उल्लेखनीय उपलब्धि करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कोई आयोजन नहीं, बल्कि एक महती कार्य का निष्पादन है।
वैज्ञानिक समुदाय की सराहना करते हुए प्रोफेसर यूआर राव ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। पहली बार सिंथेटिक अपर्चर राडार [एसएआर] का इस्तेमाल किया गया और यह काफी कठिन प्रौद्योगिकी थी तथा इसरो की टीम ने इसे शानदार ढंग से अंजाम दिया।

हबल स्पेस टेलीस्कोप

     हबल स्पेस टेलीस्कोप अंतरिक्ष में अपने 22 वर्ष पूरा कर रही है, उसके जन्मदिन के सम्मान में, हम यहाँ इस दूरबीन द्वारा गहरे अन्तरिक्ष के कुछ चित्र आप सबसे साझा कर रहे हैं।


अमिताभ बच्चन निर्दोष हैं

    मुंबईं। लगभग 25 साल बाद एक बार फिर बोफोर्स का जिन्न बाहर निकला है, लेकिन इस बार इस जिन्न ने बालीवुड के महानायक व इलाहाबाद से कांग्रेस के पूर्व सांसद अमिताभ बच्चन समेत उनके पूरे परिवार को काफी राहत मिली है। बोफोर्स तोप दलाली मामले में क्लीन चिट मिलने के बाद अमिताभ बच्चन ने ईश्वर का शुक्रिया अदा किया है। वहीं जया बच्चन ने कहा कि आखिर सच्चाई सामने आ ही गई। पर 25 साल में बच्चन परिवार को जो मानसिक त्रासदी झेलनी पड़ी, इसका जवाब कौन देगा।

अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि भला कौन मेरे दर्द को समझेगा। खुद के अनुभव और दर्द से मैंने इसे सहा है। कई सालों से झेल रहे इस दर्द को कोई भी नहीं समझ सकता है। मैंने इस कष्ट को हर पल और हर घंटे महसूस किया है। 25 साल बाद इस मामले में मैं पढ़ता हूं कि एक अहम इंसान मुझे निर्दोष बताता है।


उल्लेखनीय है कि स्वीडन के पूर्व पुलिस प्रमुख स्टेन लिंडस्ट्रोम ने दावा किया है कि इस मामले में कई भारतीय संस्‍थाओं और निर्दोष लोगों को फंसाया गया था। राजीव गांधी के दोस्तों को बेवजह इस मामले में घसीटा गया। स्टेन का इशारा अमिताभ बच्चन की ओर है। 

अब्दुल कलाम जिंदाबाद

     डाक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को प्रत्येक भारतीय सम्मान की द्रष्टि से देखता है। ईमानदारी, सादगी और देश भक्ति की जीती- जागती मिशाल हैं हमारे कलाम साहब। ऐसे राष्ट्र भक्त नागरिक के  इस देश के राष्ट्रपति पद पर आसीन हो जानें से भला किसका नुकसान हो सकता है? लेकिन न जानें क्यों हमारे नेता और पार्टियाँ उन्हें फिर से राष्ट्रपति बनाये जानें को लेकर एकमत नहीं हो पा रहे हैं? 
     हम लोग एक लोकतान्त्रिक देश के नागरिक हैं। हम आम लोगों की सोंच में बड़ी ताकत है। बस हमें एकमत होकर आवाज़ उठानें की जरुरत है। जैसे मैं अकेले मानता हूँ कि कुछ भी हो जाये इस बार कलाम साहब को ही हिंदुस्तान का राष्ट्रपति बनना चाहिए वैसे ही इस देश के बहुत से नागरिक भी यही चाहते हैं। क्यों न सशक्त हो रहे सोशल मीडिया के जरिये हम सब एक सोंच रखनें वाले भारतीय नागरिक कलाम साहब को फिर से राष्ट्रपति बनाये जानें को लेकर एक मुहिम चलायें? आखिर इस देश की पार्टियाँ और नेता हैं तो हमारे ही दम से। जब हम इन नकारों को यह सन्देश देनें में सफल हो जायेंगे कि अगर हमारे और इस देश के बच्चे-बच्चे के अज़ीज़ कलाम साहब के राष्ट्रपति बननें में यदि आपकी पार्टी और आपनें अडंगा डाला तो ठीक नहीं होगा, तब देखिएगा दुनिया की कोई ताकत हमारे कलाम साहब को भारत का राष्ट्रपति बननें से नहीं रोंक सकती। आइये सभी सोशल नेटवर्किंग साइटों को इस सन्देश से पाट दें।
आप सबका अपना - सुशील अवस्थी "राजन"  09454699011

कलाम को फिर से राष्ट्रपति बनाना चाहिए

    डाक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को प्रत्येक भारतीय सम्मान की द्रष्टि से देखता है। ईमानदारी, सादगी और देश भक्ति की जीती- जागती मिशाल हैं हमारे कलाम साहब। ऐसे राष्ट्र भक्त नागरिक के  इस देश के राष्ट्रपति पद पर आसीन हो जानें से भला किसका नुकसान हो सकता है? लेकिन न जानें क्यों हमारे नेता और पार्टियाँ उन्हें फिर से राष्ट्रपति बनाये जानें को लेकर एकमत नहीं हो पा रहे हैं? 
     हम लोग एक लोकतान्त्रिक देश के नागरिक हैं। हम आम लोगों की सोंच में बड़ी ताकत है। बस हमें एकमत होकर आवाज़ उठानें की जरुरत है। जैसे मैं अकेले मानता हूँ कि कुछ भी हो जाये इस बार कलाम साहब को ही हिंदुस्तान का राष्ट्रपति बनना चाहिए वैसे ही इस देश के बहुत से नागरिक भी यही चाहते हैं। क्यों न सशक्त हो रहे सोशल मीडिया के जरिये हम सब एक सोंच रखनें वाले भारतीय नागरिक कलाम साहब को फिर से राष्ट्रपति बनाये जानें को लेकर एक मुहिम चलायें? आखिर इस देश की पार्टियाँ और नेता हैं तो हमारे ही दम से। जब हम इन नकारों को यह सन्देश देनें में सफल हो जायेंगे कि अगर हमारे और इस देश के बच्चे-बच्चे के अज़ीज़ कलाम साहब के राष्ट्रपति बननें में यदि आपकी पार्टी और आपनें अडंगा डाला तो ठीक नहीं होगा, तब देखिएगा दुनिया की कोई ताकत हमारे कलाम साहब को भारत का राष्ट्रपति बननें से नहीं रोंक सकती। आइये सभी सोशल नेटवर्किंग साइटों को इस सन्देश से पाट दें।
आप सबका अपना - सुशील अवस्थी "राजन"  09454699011

हेलीकाप्टर खरीद सौदे में ली 350 करोड़ की दलाली!

     नई दिल्ली। भारत के रक्षा सौदों पर एक के बाद सवाल खड़े होते दिखाई दे रहे हैं। ताजा मामला हेलीकाप्टर खरीद में ली गई दलाली का है। इस बाबत रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने कहा है कि वह इटली के साथ हुए हेलीकॉप्टर करार में भ्रष्टाचार के आरोपों पर गंभीरता से ध्यान देंगे।
रक्षा मंत्री का यह बयान उस खुलासे के बाद आया है जिसमें इटली की कंपनी अगस्टा वैस्टलैंड पर भारत में वीवीआईपी के इस्तेमाल के लिए बेचे गए 12 हेलीकाप्टर में करीब साढे तीन सौ करोड़ रुपये की दलाली का आरोप लगा था।
इस सौदे के मुताबिक अगस्ट वैस्टलैंड को 3546 करोड़ रुपये में बारह हेलीकाप्टर बेचने हैं। इनका इस्तेमाल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत अन्य वीवीआईपी के लिए होना है। इस सौदे के रूप में हेलीकाप्टर की सप्लाई अगले वर्ष हो जाएगी।
इटली के एक अखबार ला रिपब्लिक के मुताबिक इस दलाली में जांचकर्ताओं को स्वीटजरलैंड के कंसल्टेंट गिडो राल्फ हाश्के का नाम सामने आया है। जिसके बाद उसके आफिस पर भी छापा मारा गया है।
इस सौदे में दलाली की खबर हाश्के की कंपनी के ही एक कर्मचारी ने लीक की है। 62 वर्षीय हाश्के डिफेंस बिजनिस डील का जाना माना चेहरा हैं। उनके पास में अमेरिका समेत स्वीटजरलैंड की भी नागरिकता है।

भारत की बढ़ती सैन्य ताकत से अमेरिका गदगद

    वाशिगटन। अमेरिका के दो विद्वानों का मानना है कि भारत द्वारा हाल ही में किए गए अग्नि-5 मिसाइल के परीक्षण की अमेरिका द्वारा आलोचना नहीं किए जाने से पता चलता है कि वह चीन जैसी उभरती सामरिक शक्ति की चुनौतियों का मुकाबला करने के भारत के प्रयासों से खुश है।
थिंकटैंक हैरिटेज फाउंडेशन में दक्षिण एशियाई मामलों की वरिष्ठ रिसर्च फेलो लीजा कर्टिस और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में रिसर्च फेलो बेकर स्प्रिंग ने कहा, अमेरिका, परमाणु और मिसाइल के क्षेत्र में भारत की प्रगति को लेकर सहज महसूस करता है। दोनों ने कहा कि लंबी दूरी अग्नि-5 का सफल परीक्षण क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी चीन के खिलाफ परमाणु क्षेत्र में मुकाबला करने की दिशा में नई दिल्ली का एक बड़ा कदम है। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम लंबी दूरी के अग्नि-5 मिसाइल के परीक्षण की किसी भी देश ने आलोचना नहीं की है। कर्टिस और स्पि्रंग ने कहा कि परीक्षण के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सभी परमाणु संपन्न देशों से संयम बरतने का आह्वान किया। उसने इस बात की ओर भी ध्यान दिलाया कि परमाणु अप्रसार को लेकर भारत का रिकॉर्ड शानदार रहा है। उन्होंने कहा, वाशिगटन का यह रुख पिछली सदी के आखिरी दशक में भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल विकास पर रहे उसके रुख से बिल्कुल विपरीत है। उस समय वाशिगटन ने परमाणु और मिसाइल को लेकर भारत के रुख में बदलाव के लिए नई दिल्ली पर दबाव बनाया था।
उन्होंने कहा कि भारत की मिसाइल क्षमता के संदर्भ में अमेरिकी रुख में बदलाव से यह स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के रिश्ते में कितना अधिक विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अब भारत को रणनीतिक साझेदार मानता है, क्योंकि उसकी आर्थिक और राजनीतिक ताकत बढ़ रही है, जो एशिया में सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने में योगदान देगी।

पाकिस्तान ने हत्फ-4 [शाहीन 1ए] का परीक्षण किया

   इस्लामाबाद। भारत को अग्नि- 5 का जवाब देने के लिए पाकिस्तान ने बुधवार को हत्फ-4 [शाहीन 1ए] मिसाइल का 
परीक्षण किया।
जियो न्यूज के मुताबिक भारत द्वारा परमाणु-क्षमता संपन्न व 5,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-5 
मिसाइल के परीक्षण के कुछ दिन बाद ही पाकिस्तान ने यह परीक्षण किया है। 
पाकिस्तान ने इससे पूर्व मिसाइल परीक्षण कर भारत को अग्नि- 5 का जवाब दिए जाने की बात कही थी। 
इसके लिए पाक ने चेतावनी नोटिस भी जारी किया था,
जिसमें लिखा था 
कि पाक आने वाले दिनों में मिसाइल परीक्षण कर सकता है लिहाजा भारत अरब सागर में अपने जहाज और
यहां से जाने वाली हवाई उड़ानों पर कुछ दिनों के लिए रोक लगाए।
बुधवार को हुआ हत्फ 4 का परीक्षण भी इसी की एक कड़ी है। इससे पूर्व पाकिस्तान की नौसेना ने मिसाइलों से लैस 
पहला अत्याधुनिक
फास्ट अटैक युद्धक पोत दो दिन पहले ही चीन की गोदी से अपने बेड़े में शामिल किया है। 

मंगलवार, 24 अप्रैल 2012

भारत को अग्नि-५ का जवाब देगा पाक

     इस्लामाबाद। भारत की ओर से पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा मारक क्षमता वाली अंतर महाद्वीपीय मिसाइल अग्नि-5 के सफल परीक्षण से पाकिस्तान बौखला उठा है। अब वह भी ऐसी ही मिसाइल के परीक्षण की योजना बना रहा है।
पाकिस्तान की अगले पांच दिनों के भीतर लंबी दूरी की मिसाइल के परीक्षण की योजना है। उसने इस संबंध में भारत सरकार को सूचना दी है। पाकिस्तान ने इस बाबत भारत सरकार को कहा है कि वह अपनी सभी यात्री विमानों को सर्तक कर दें कि वे अगले पांच दिनों तक हिंद महासागर के ऊपर उड़ान न भरें। गौरतलब है कि पाकिस्तान इससे पहले सबसे ज्यादा 2500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली मिसाइल शाहीन-2 का सफल परीक्षण कर चुका है।

सोमवार, 23 अप्रैल 2012

दूसरी बार राष्ट्रपति बनेंगे 'मिसाइल मैन'?


Missile Man APJ Abdul Kalam may be second time india President
देश के अगले राष्ट्रपति को लेकर सियासी दांवपेंच शुरू हो गया है। कृषि मंत्री और राकांपा प्रमुख शरद पवार ने एक गैर राजनीतिक व्यक्ति को राष्ट्रपति पद के लिए आदर्श विकल्प बताकर इसे और रोचक बना दिया है। ऐसे में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम देश के अगले राष्ट्रपति के लिए तगड़े प्रत्याशी के तौर पर उभर रहे हैं।

नए राष्ट्रपति का चुनाव जून में होना है। उल्लेखनीय है कि मौजूदा राष्टपति प्रतिभा पाटिल का कार्यकाल 25 जुलाई 2012 को खत्म हो रहा है।

मनमोहन सरकार के पास संख्या बल की कमी
राष्ट्रपति पद चुनाव के लिए मनमोहन सरकार के पास संख्या बल की कमी है। विपक्षी दल भी किसी एक प्रत्याशी के नाम पर आमराय बनाने में असफल रहे हैं। एसे में यह माना जा रहा है कि इस बार कोई गैर राजनीतिक उम्मीदवार ही देश का अगला राष्ट्रपति होगा। इस दौड़ में एपीजे अब्दुल कलाम का नाम सबसे आगे माना जा रहा है।

पीए संगमा का नाम आगे नहीं बढ़ाया
हालांकि पवार ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी की ओर से इस पद के लिए पीए संगमा के नाम का समर्थन किया जा रहा है। पवार ने कहा कि यूपीए और एनडीए दोनों के पास अपने-अपने उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनाने के लिए पर्याप्त नंबर नहीं है। ऐसे में मुझे लगता है कि इस पद के लिए कोई गैर राजनीतिक व्यक्ति सर्वथा उपयुक्त होगा।

हमें अपनी सीमाएं पताः पवार
उनसे पूछा गया था कि क्या राकांपा ने इस पद के लिए पूर्व लोकसभा स्पीकर पी. एस. संगमा का नाम प्रस्तावित किया है। पवार ने कहा कि हमारे कुल 16 सांसद हैं और हमें अपनी सीमाएं पता हैं। सभी पार्टियां इस पद के लिए एक योग्य उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनाने के लिए प्रयास कर रही हैं। देश की मौजूदा राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का कार्यकाल इस साल जुलाई में समाप्त हो रहा है।

हर दल की ताकतः
दल--विधायक--सांसद--वोट की कीमत

यूपीए
कांग्रेस --1177--277--3,30,485
तृणमूल--199--28--48,049
द्रमुक--25--25--21,780
राकांपा--94--16--23,850
राजद--27--6--8934
एनसी 28--5--5556
मुस्लिम लीग--20--2--4456
जेवीएम--11--2--3352
एआईएमआईएम--7--1--1744
बीपीएफ--12--2--2808
केरल कांग्रेस--9--1--2076
राष्ट्रीय लोकदल--9--6--6220
लोजपा--1--1--881
कुल--1619--372--4,60,191

एनडीए
भाजपा--825--163--2,23,885
जनता दल (यूनाइटेड)--121--30--42,153
शिरोमणि अकाली दल--57--7--11,564
शिवसेना--45 15--18,495
जेएमएम--18--2--4584
अगप--10--3--3284
एचजेसी--1--1--820
कुल--1077--221--3,04,785

अन्य दल
समाजवादी पार्टी--230--30--68,812
बहुजन समाज पार्टी--91--36--43,349
अन्नाद्रमुक--158--14--36,920
वामपंथी दल (4)--196--39--51,682
टीडीपी--86--11--20,516
जनता दल (सेकुलर)--30--3--6138
पीडीपी--22--0--1584
टीआरएस--12--2--3192
कुल--928--155--2,62,408

नोटः राष्ट्रपति बनने के लिए किसी भी उम्मीदवार को कम से कम 5,49,442 मत प्राप्त करने होंगे।

 

शनिवार, 21 अप्रैल 2012

"क्या हुआ तेरा वादा"

      उत्तर प्रदेश की नई सपा सरकार बेरोजगारी भत्ते के अपनें ही बुने लोकलुभावनें जाल में फंसती दिख रही है। सरकार बनते ही जिस तरह प्रदेश के सेवा योजन कार्यालयों में पंजीकरण के लिए भीड़ उमड़ी थी, तभी स्पष्ट होनें लगा था कि यह सरकार ठीक से अपना वादा नहीं निभा सकेगी। परन्तु युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद आयोजित प्रेस वार्ता में सी एम् द्वारा दिखाई गयी दरियादिली से बेरोजगारों को भरोसा हुआ था कि कुछ भी हो यह मुख्यमंत्री अपना वादा निभाएगा जरुर। उम्र के तमाम पेंच और बंधनों में बाँधनें के बावजूद २१ लाख बेरोजगारों को १००० रूपया प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देनें में भी यह सरकार पूरी तरह राजी नहीं दिख रही है। अब सरकारी मंशा २१ लाख युवा बेरोजगारों के आंकड़े को भी किसी न किसी तरह कम करनें की है। मुख्यमंत्री जी आपका मिशन २०१२ तो जनता को लुभावनें वादों की पोटली थमा कर संपन्न हो गया है, लेकिन अगर आपकी सरकार ऐसे ही सुस्त चाल चलती रही तो २०१४ के लोकसभा चुनाओं में आप जनता को क्या कहेंगे? क्योंकि जनता तो आप से पूंछेगी ही कि "क्या हुआ तेरा वादा"

अग्नि-५ की आंच से तप रहा है चीन

    बीजिंग। चीन के रणनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की अग्नि-5 मिसाइल आठ हजार किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है। लंबी दूरी की मिसाइल का प्रक्षेपण यह दिखाता है कि भारत विश्व शक्ति बनने के लिए ठोस कदम उठा रहा है।
सेना के शीर्ष अनुसंधानकर्ता डू वेनलोग ने कहा कि भारत ने अपनी मिसाइल की क्षमता को इसलिए कम बताया है, ताकि दूसरे देश चिंता व्यक्त नहीं करें। उन्होंने कहा कि मिसाइल की मारक क्षमता असल में आठ हजार किलोमीटर की दूरी तक है, न कि पांच हजार किलोमीटर तक जैसा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने दावा किया है।
भारत के इस प्रक्षेपण को लेकर चीनी विश्लेषक और मीडिया लगातार चर्चा कर रहे हैं। अखबारों में 'भारत ने ऐसी मिसाइल का परीक्षण किया जो शंघाई को निशाना बना सकती है', 'मिसाइल परीक्षण से चीन मारक क्षमता की परिधि में आया' जैसे समाचार छापे जा रहे हैं।
एक अन्य अग्रणी अनुसंधानकर्ता एवं चाइना फॉरेन अफेयर्स यूनिवर्सिटी के रणनीतिक एवं संघर्ष प्रबंधन केंद्र के निदेशक सु हाओ ने अखबार चाइना डेली से कहा कि अग्नि-5 का परीक्षण यह दर्शाता है कि भारत विश्व शक्ति बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है।
विशेषज्ञ ने दावा किया कि लंबी दूरी तक मार करने वाली अग्नि-5 की सफलता के साथ ही भारत परमाणु हथियार और विमानवाहक पोत हासिल करने के बाद अंतत: सामरिक कौशल का तीसरा स्तर हासिल करने में सफल हो गया है।
सू ने कहा कि पारंपरिक हथियारों की तुलना में परमाणु हथियार एवं लंबी दूरी की मिसाइलें अधिक प्रतिरोधक शक्ति वाली होती हैं और वे विश्व शक्ति बनने के लिए जरूरी हैं। दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ फू जियाओकियांग ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि मिसाइल परीक्षण भारत को न सिर्फ अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल रखने वाले देशों के क्लब में शामिल करता है, बल्कि यह उसे बहु धु्रवीय विश्व में एक बड़ी भूमिका वाला देश भी बनाता है।

अब पनडुब्बी से मार करने वाली मिसाइल की बारी

     अग्नि-5 मिसाइल के कामयाब परीक्षण के बाद रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन [डीआरडीओ] ने अपने अग्नि कार्यक्रम पर अल्प विराम लगा दिया है। फिलहाल अग्नि-6 जैसी कोई परियोजना उसकी टेबल पर नहीं है। साथ ही एक मिसाइल के अनेक लक्ष्यों को नष्ट करने वाली अग्नि-5 के एमआइआरवी संस्करण के लिए भी सरकारी मंजूरी नहीं मिली है। अब डीआरडीओ का अगला लक्ष्य भारत के लिए पनडुब्बी से मार करने वाली बैलेस्टिक मिसाइल [एसएलबीएम] के मिशन पर 'ओके' का टैग लगाना है।
अग्नि-5 के सफल परीक्षण के बाद मीडिया से रूबरू डीआरडीओ महानिदेशक डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने बताया कि इस प्रक्षेपास्त्र का अगला परीक्षण इस साल के अंत तक होगा। अबकी बार कैनिस्टर [मिसाइल दागने के लिए तैयार विशेष खोल] के जरिए इसका परीक्षण किया जाएगा।
रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार सारस्वत ने अग्नि की रेंज पर किसी तरह के नियंत्रण से इंकार कर यह भी स्पष्ट कर दिया कि जरूरत पड़ने पर भारत इसकी क्षमता और दायरा बढ़ा सकता है। उनका कहना था कि प्रक्षेपास्त्र देश की रक्षा जरूरतों और खतरों को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं।
एमआइआरवी पर अभी मंजूरी नहीं
सारस्वत ने स्वीकार किया है कि अभी उन्हें अग्नि-5 के एमआइआरवी यानी एक साथ कई स्थानों पर निशाना लगाने में सक्षम मल्टीपल टार्गेट रीएंट्री संस्करण की सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। डीआरडीओ इस तकनीक पर काम कर रहा है। लेकिन इसके परीक्षण के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता। डीआरडीओ के मुताबिक जरूरत पड़ने पर अग्नि-5 को एंटी सैटेलाइट [उपग्रह को नष्ट करने वाला] प्रक्षेपास्त्र और आवश्यकतानुसार छोटे सैन्य उपग्रह लांच करने वाले रॉकेट के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि सारस्वत ने जोर देकर कहा कि भारत अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ का हामी नहीं है और उपग्रह रोधी प्रक्षेपास्त्र का उसका कोई कार्यक्रम भी नहीं है।
अरिहंत के लिए बैलेस्टिक मिसाइल
डीआरडीओ प्रमुख ने इस बात पर तो जोर दिया कि आगे भी अग्नि के अगले संस्करण बनाए जाएंगे। लेकिन अभी अग्नि-6 जैसी कोई योजना उनके पास नहीं है। हालांकि पनडुब्बी से दागी जाने वाली मिसाइल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि यह परियोजना उन्नत चरणों में है। सूत्रों के मुताबिक विशाखापत्तनम क्षेत्र में इसके कुछ परीक्षण भी किया जा चुके हैं। स्वदेशी नाभिकीय पनडुब्बी अरिहंत को इससे लैस कर अगले दो सालों में नौसेनिक बेड़े में शामिल किया जाना है। अरिहंत के समुद्री परीक्षण इस साल अगस्त से शुरू होने हैं। रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन 750 किमी क्षमता की के-15 और 3500 किमी मारक क्षमता वाली के-4 मिसाइलों पर काम कर रहा है। डॉ सारस्वत ने कहा कि अभी इनके नाम तय नहीं किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि भारत के पास अभी तक पनडुब्बी से दागी जाने वाली लंबी दूरी की कोई मिसाइल नहीं है। जबकि अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस की पनडुब्बियां इससे लैस हैं।

शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

अन्ना की हुंकार, एक मई से फिर शुरू होगा आंदोलन


movement will start from Shirdi by May 1 Anna
जन लोकपाल और काले धन के खिलाफ अलग-अलग अभियान चला रहे अन्ना हजारे और बाबा रामदेव अब एक साथ आंदोलन चलाएंगे।

3 जून को अनशन पर बैठेंगे
अन्ना हजारे और बाबा रामदेव ने शुक्रवार को एक संयुक्त प्रेस सम्मेलन में कहा कि जनलोकपाल बिल और काले धन के मुद्दे पर वे दोनों एक साथ हैं। रामदेव ने कहा कि एक मई से मैं छत्तीसगढ़ के दुर्ग से और अन्ना हजारे महाराष्ट्र के शिरडी से आंदोलन शुरू करेंगे।

आर-पार की लड़ाई का ऐलान
हजारे ने कहा कि यदि सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो अगस्त से सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू होगी। यह आंदोलन वर्ष 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा।

अन्ना ने कहा कि उनका आंदोलन महाराष्ट्र के 35 जिलों में चलेगा। दोनों करीब महीने भर बाद 3 जून को दिल्ली में एक साथ एक दिन के सांकेतिक अनशन पर बैठेंगे।

घोटालों से देश का विकास रुका
अन्ना ने कहा कि लोकपाल की मांग को लेकर मैं मई में पूरे महाराष्‍ट्र का भ्रमण करूंगा और जनता को जागरूक करूंगा। रामदेव ने कहा‌ कि घोटालों से देश का विकास रुका है।

काला धन देश को मिलना चाहिए। मालूम हो कि अन्ना हजारे जन लोकपाल कानून के लिए और बाबा रामदेव कालेधन के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं।

 

8 हजार किमी तक मार करेगी अग्नि-6!

     अग्नि-5 की सफलता के बाद अब भारत जल्द ही अग्नि-6 मिसाइल को विकसित करने के अपने अभियान को आगे बढ़ाने में जुट जाएगा। अग्नि-5 की योजना को परवान चढ़ाते-चढ़ाते भारत ने अग्नि-6 की भी तैयारियां शुरू कर दी थी। अग्नि-6 मिसाइल से वो 6 से 8 हजार किलोमीटर तक मारक क्षमता हासिल कर लेगा।
सूत्रों के अनुसार भारत अपने को रक्षा क्षेत्र में मजबूत करने के लिए 10 हजार किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली मिसाइल भी बनाना चाहता है। जिसका सुझाव पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल पी.वी. नायक ने केंद्र को दिया था। केंद्र इस सुझाव पर विचार कर रहा है। 10 से 14 हजार तक की मारक क्षमता वाली मिसाइलें पूरे विश्व में केवल चीन, रूस और अमेरिका के पास ही हैं।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन [डीआरडीओ] अग्नि-6 मिसाइल को जमीन से और पनडुब्बी से छोड़ने की तकनीक पर भी कार्य करेगा।

गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

आम्रपाली आद्या कमोडिटीज़ प्राइवेट लिमिटेड का उदघाटन

आम्रपाली आद्या कमोडिटीज़ प्राइवेट लिमिटेड के ब्रांच आफिस का उद्घाटन करते विधान परिषद् सदस्य अरविन्द त्रिपाठी गुड्डू साथ में (ऍम डी) देवेन्द्र सिंह     


उदघाटन के बाद सुशील अवस्थी (बी. एम्.) के साथ फुर्सत के पलों का लुत्फ़ उठाते विधायक जी 

उदघाटन के अवसर पर उपस्थित महानुभाव  


   कल लखनऊ में फैजाबाद रोड स्थित सहारा शापिंग सेंटर में आम्रपाली आद्या कमोडिटीज़ प्राइवेट लिमिटेड का उदघाटन था, इस सुअवसर पर विधान परिषद् सदस्य यूपी श्री अरविन्द त्रिपाठी गुड्डू जी मुख्य अतिथि थे। कमोडिटी के इस काम को यहाँ शुरुआत देनें का काम श्री देवेन्द्र सिंह जी ने किया है, और वह बतौर एम् डी दिशा निर्देशन करेंगे। जबकि बी एम् के तौर पर सुशील अवस्थी काम देखेंगे। इस काम को सफलता पूर्वक संपन्न करनें के लिए मै आप सभी मित्रों से सहयोग की उम्मीद करता हूँ। आशा है आप सभी मित्रों और शुभ चिंतकों का मुझे सहयोग प्राप्त होगा। आपका - सुशील 9454699011

गुरुवार, 12 अप्रैल 2012

अब 'निर्मल बाबा फ्रॉड' को ज्यादा खोज रहे हैं लोग, आज दर्ज हो सकती है एफआईआर

      नई दिल्ली. अपने अजीबोगरीब उपायों से हर समस्‍या का चुटकी में हल बता कर लाखों भक्‍त बनाने वाले निर्मल बाबा इन दिनों विवादों में हैं। करीब तीन दर्जन  टीवी चैनलों पर रोज  विज्ञापन  दिखवा कर  निर्मलजीत  सिंह नरूला (निर्मल बाबा) आज  घर-घर में चर्चा का विषय बन गए हैं। उन पर  'कृपा का कारोबार' करने का आरोप लग रहा है। उनकी कमाई और निजी जिंदगी के बारे में भी अब खुलकर सवाल किए जा रहे हैं। छठी इंद्री होने का दावा करने वाले निर्मल बाबा में लोगों की रुचि अचानक काफी बढ़ गई है। इंटरनेट सर्च को लेकर रिसर्च करने से यह बात साफ होती है। लेकिन खास बात यह है कि बाबा का तिलिस्‍म टूटता दिख रहा है, क्‍योंकि पिछले कुछ दिनों में इंटरनेट पर लोग 'फ्रॉड निर्मल बाबा' को सबसे ज्‍यादा सर्च कर रहे हैं। 
 
संभव है, बाबा के खिलाफ आज लखनऊ में एफआईआर भी दर्ज हो जाए। इसके लिए दो बच्‍चों ने पुलिस में शिकायत दर्ज की है। वे आज एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाले हैं। यह मांग नहीं माने जाने पर वे कोर्ट की शरण में जाने वाले हैं। 
 
टीवी के जरिए घर-घर पहुंच चुके इस बाबा के बारे में गूगल टूल्स के जरिए रिसर्च करने पर पता चला कि उनके बारे में लोगों की दिलचस्पी में पिछले तीन माह में जबरदस्त इजाफा हुआ है। तीन साल पहले तक वह लगभग गुमनाम थे। अगस्त 2009 में गूगल में सबसे पहले निर्मल बाबा को सर्च किया गया। साल 2010 के अंत तक भी उनमें लोगों की कोई खास रुचि नहीं थी और गिने चुने लोग ही इंटरनेट पर उनके बारे में जानकारी तलाशने की कोशिश करते थे। सितंबर 2011 से लोगों ने इंटरनेट पर निर्मल बाबा के बारे में जानने में दिलचस्पी दिखाई और तब से यह ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। निर्मल बाबा इंटरनेट जगत पर सबसे ज्यादा चर्चित साल 2012 में ही हुए।
 
2011 के अंत में निर्मल बाबा से जुड़ी जानकारियां खोजने में लोगों की रुचि इतनी बढ़ी कि सर्च ट्रेंड के मानकों को तोड़ते हुए यह ब्रेकआउट सूची में आ गए। गूगल के सर्च टूल्स से जुटाए आंकड़ों और जानकारी के मुताबिक साल 2011 में निर्मल बाबा के समागम, निर्मल दरबार, फेसबुक पेज, तस्वीरों, वॉलपेपर, वेबसाइट, फोटो और उनके यूट्यूब वीडियो को सबसे ज्यादा खोजा गया। तब तक सिर्फ भारत से ही निर्मल बाबा के बारे में लोग सर्च करते थे। यदि सर्च को सौ के स्केल पर नापें तो लगभग एक प्रतिशत यानि नजरअंदाज करने लायक लोग अमेरिका से भी निर्मल बाबा के बारे में जानकारी तलाशते थे। लेकिन पिछले तीन महीनों में निर्मल बाबा के बारे में लोगों की रुचि का पैमाना बदला है।
 
भारत में जहां उनमें लोगों की दिलचस्पी और भी ज्यादा बढ़ी है वहीं नेपाल, चीन और ब्रिटेन से भी उन्हें इंटरनेट पर खोजा जा रहा है। लेकिन यहां सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि मीडिया में उनके बारे में नकारात्मक खबरें आने और फेसबुक और ब्लॉग्स में उनके तरीकों पर हो रही खुली चर्चा के बाद अब 'निर्मल बाबा फ्रॉड' की वर्ड से गूगल पर खूब सर्च हो रहे हैं। 
 
पिछले तीन महीनों में लोगों ने निर्मल बाबा के जीवन और उनकी सच्चाई के बारे में सर्च करने में ज्यादा रुचि दिखाई है। पिछले एक हफ्ते में लोगों की दिलचस्पी निर्मल बाबा के अतीत को जानने में भी जगी है। लोग अब उनकी बायोग्रॉफी और हिस्ट्री को भी गूगल में तलाश रहे हैं। यही नहीं निर्मल बाबा की वेबसाइट और उनसे मिलने के लिए अपाइंटमेंट फिक्स करने में भी लोगों की रुचि इसी रफ्तार से बढ़ रही है। हालांकि उन्‍होंने आजकल निजी तौर पर लोगों से मिलना बंद कर रखा है। 
 
वेबसाइट भी है सुपरहिटः निर्मल बाबा की वेबसाइट भी पिछले 6 महीने में जबरदस्त लोकप्रिय हुई है। जून 2011 में जहां उनकी वेबसाइट पर हर महीने रोजाना पांच हजार से भी कम लोग आ रहे थे वहीं यह आंकड़ा अक्टूबर 2011 में रोजाना 20 हजार से भी अधिक हो गया। अप्रैल 2012 में यह बढ़कर 42 हजार विजिटर प्रतिदिन तक आ गया है। गूगल टूल्स के मुताबिक हर महीने करीब तीन लाख लोग लगभग 8 लाख बार निर्मल बाबा की वेबसाइट पर आते हैं जिनसे उनकी वेबसाइट को 18 लाख पेजव्यू मिलते हैं। यह आंकड़ा देश की कई छोटी-मोटी समाचार वेबसाइटों से भी ज्यादा है। प्रत्येक विजिटर उनकी वेबसाइट पर करीब साढ़े 6 मिनट बिताता है।
 
फेसबुक पर भी खूब चर्चित हैं निर्मल बाबाः
फेसबुक पर निर्मल बाबा के दो पेज हैं। एक पेज 23 जुलाई 2011 को शुरू किया गया था। शुरू में तो यह लोकप्रिय नहीं था। लेकिन अब इस पेज से एक लाख 13 हजार से ज्यादा लोग जुड़े हैं। इस पेज पर सितंबर 2011 के बाद से कोई अपडेट नहीं किया गया है लेकिन फिर भी अप्रैल में इससे 11747 नए लोग जुड़े जबकि मार्च में 27773 लोग इस पेज से जुड़े। सितंबर के बाद सिर्फ 24 मार्च को इस पेज पर एक पोस्ट हुआ जिसमें लोगों को उनके नए पेज 'निर्मलबाबाजी' से जुड़ने की जानकारी दी गई। वहीं फिलहाल सक्रिय निर्मल बाबा का पेज 5 नवंबर 2010 को शुरु हुआ था जिससे अब तक कुल 3 लाख 53 हजार से भी अधिक लोग जुड़ चुके हैं। निर्मल बाबा के चमत्कारों को लेकर इस पेज पर गंभीर बहस हो रही है। इस पेज पर अंतिम पोस्ट 6 अप्रैल 2012 को किया गया था जिसमें भक्तों को पूर्णमासी कार्यक्रम के समाप्त किए जाने की जानकारी दी गई है।
 
लेकिन आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि इस पोस्ट को जहां 17 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया वहीं 421 ने शेयर किया। अकेले इस पोस्ट पर ही लगभग 18 हजार टिप्पणियां की गई हैं जिनमें से अधिकतर में बाबा की आलोचना है और उनके तौर-तरीकों पर प्रश्न खड़े किए गए हैं। बाबा के कुछ भक्तों का यह भी कहना था कि बाबा अब काफी लोकप्रिय हो गए हैं। उन्हें अब  अपने विज्ञापन बंद कर देने चाहिए। यहां पर कुछ लोग निर्मल बाबा का उपहास उड़ा कर उनसे अपने ऊपर भी कृपा करने के लिए कह रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा लोग उनके कृपा के कारोबार पर प्रश्नचिन्ह उठा रहे हैं। इस पोस्ट पर टिप्पणियों में कुछ फेसबुक यूजर निर्मल बाबा को गालियां भी दे रहे हैं।
 
बाबा के फेसबुक पेज पर सिर्फ अंतिम पोस्ट पर आई टिप्पणियों का अध्ययन करने पर यह भी पता चला कि बाबा के समर्थन में ज्यादातर टिप्पणियां महिलाओं ने की थी। वहीं जिन पुरुषों ने बाबा के समर्थन में वहां पर अपनी बात रखी उनके प्रोफाइल फर्जी ज्यादा प्रतीत हो रहे थे।  इन प्रोफाइलों में से ज्यादातर प्रोफाइल मार्च या अप्रैल में ही बनाए गए हैं। इससे ऐसा भी प्रतीत होता है कि बाबा ने टीवी के बाद फेसबुक के जरिए भी मोर्चा लेने की पूरी तैयारी की है। 
 
बाबा के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि वो जूनियर आर्टिस्टों को पैसा देकर अपने समागम में प्रश्न करवाते थे और अपने अनुसार बुलवाते थे लेकिन उनके फेसबुक पेज का अध्ययन करने के बाद यह और स्पष्ट हो गया है कि फर्जी प्रोफाइलों का सहारा लेकर  उनका पक्ष रखा जा रहा है। माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर भी निर्मल बाबा की लोकप्रियता कोई कम नहीं है। उन्हें यहा पर भी 42 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
 
बाबा के बारे में बढ़ रही लोगों की रुचि को सिर्फ सकारात्मक नहीं माना जा सकता क्योंकि उनके फेसबुक पेज पर पोस्ट की गई ज्यादातर टिप्पणियों में उनकी कृपा के तौर तरीकों पर ही प्रश्न  उठाए गए हैं। वहीं यूट्यूब पर बाबा की तीसरी आंख के वीडियो दिखाने वाले चैनल पर भी टिप्पणी करना प्रतिबंधित हैं।
 

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