गुरुवार, 31 मई 2012

वापस लौटना चाहते हैं कश्मीरी चरमपंथी

   कश्मीर घाटी में पिछले 20 सालों से भारतीय शासन के खिलाफ लड़ने वाले स्थानीय विद्रोही अब चरमपंथ त्यागने के बाद वापस लौट रहे हैं.
कारण साफ है – पाकिस्तान सरकार का घटता समर्थन, ये आभास कि ‘कश्मीर जिहाद” का भविष्य अनिश्चित है और भारत सरकार की ओर से की गई माफी की पेशकश.
पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर की राजधानी मुजफ़्फराबाद में रह रहे एक पूर्व चरमपंथी मोहम्मद अहसान का कहना था, “यहाँ रहने का कोई फायदा नहीं”.
अहसान भी वापस श्रीनगर जाने की तैयारी कर रहे हैं. वो कहते हैं, “जिहाद खत्म हो गया है और हमारा पीछा गरीबी कर रही है. यहाँ अनजान लोगों के बीच भीख मांगने से बेहतर है कि अपनी जमीन पर अपने लोगों के बीच रहा जाए.”
उन्होंने नेपाल की राजधानी काठमांडू जाने के लिए किसी तरह 130,000 पाकिस्तानी रुपए की व्यवस्था की है. वो अपनी पत्नी और दो बच्चों को भी वापस ले जा रहे हैं.
नेपाल पहुँचने के बाद वो भारत के अंदर चले जाएँगे जहाँ से फिर उनकी श्रीनगर के लिए यात्रा शुरू होगी.
एक अनुमान के मुताबिक मुजफ्फराबाद के आसपास करीब 4,000 चरमपंथी फंसे हुए हैं. इनमें से कई वापस जाना चाहते हैं, लेकिन उनके पास वापस जाने के लिए साधन मौजूद नहीं है.

दून एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त, सात की मौत

   जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर के मेहरावा स्टेशन की रेलवे क्रासिंग पार करते ही हावड़ा से देहरादून जा रही दून एक्सप्रेस की नौ बोगियां एक जोरदार आवाज के साथ गुरुवार को पटरी से उतर गई। इस हादसे में सात की मौत हो गई है और कई यात्रियों के घायलों की खबर है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कई डिब्बों में लगे चक्के टूटकर अलग हो गए और कई क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती हैं। रेल प्रशासन राहत कार्य में जुट गया है। सभी घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा है। एडीजी रेलवे गुरदर्शन सिंह ने बताया कि हादसे में चार यात्रियों की मौत हो चुकी है।
गुरुवार दोपहर हावड़ा से देहरादून जा रही दून एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई। शुरुआती जांच में रेल विभाग ने हादसे की वजह रेल का तेज गति में होना बताया जा रहा है। इस बीच लखनऊ से राहत गाड़ी को मौके पर भेजा गया है। यह वहां मौजूद सुरक्षित यात्रियों को अपने गंतव्य तक लेकर जाएगी। रेलवे विभाग ने कहा है कि फिलहाल उनका सारा ध्यान राहत कार्य पर लगा है। विभाग के मुताबिक पटरी से उतरे सभी डिब्बों की अच्छे से जांच की जा रही है ताकि उनमें कोई यात्री फंसा न रहे।

भारत बंद का व्यापक असर

   दिल्ली। पेट्रोल मूल्यवृद्धि के खिलाफ बुलाए गए भारत बंद का राजधानी दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों में भी व्यापक असर देखने को मिल रहा है। गुरुवार सुबह बंद का समर्थन कर रहे भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार सुबह से ही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रमुख सड़कों पर उतरकर वाहनों की आवाजाही को बाधित करना शुरू कर दिया। इस दौरान कहीं कहीं दिल्ली परिवहन की बसें या तो जाम में फंसी खड़ी रहीं या फिर प्रदर्शनकारियों ने उनकी हवा निकाल दी।
दिल्ली में अक्षरधाम, आईटीओ, लक्ष्मीनगर, समेत कई मार्गाे को प्रदर्शनकारियों ने पूरी तरह से जाम कर दिया। वहीं दिल्ली-रोहतक मार्ग को भी प्रदर्शनकारियों ने बंद कर दिया।
अक्षरधाम मार्ग पर भाजपा के संजय जोशी और मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रदर्शनकारियों का साथ दिया। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस बंद का आटो चालक भी साथ दे रहे हैं। दिल्ली में जगह जगह ट्रेनें रोके जाने की भी खबर है। वहीं इंडिया गेट पर प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। दिल्ली में भाजपा ने 100 जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।
इस बीच भाजपा के मुख्तार अब्बास नकवी को विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया है। हालाकि प्रदर्शन के पहले उन्होंने कहा भारत बंद सफल है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्ण बंद की अपील भी की है। वहीं काग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि बंद बेअसर है। साथ ही झूठी सूचनाएं फैलाइ जा रही है। दिल्ली में बंद को देखते हुए पुलिस ने एडवाइजरी जारी किया है कि लोग अक्षरधाम की तरफ न जाएं।
     सपा प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में लगभग पंद्रह बार पेट्रोल की कीमत में वृद्धि की गई है। इसका आम जन पर व्यापक असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल की कीमतों में लगातर हो रही बढ़ोत्तरी के विरोध में सभी सपा कार्यकर्ता अपने अपने क्षेत्रों में शांतिपूर्वक बंद करायेंगे।
    उधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने आह्वान किया कि कार्यकर्ता बाजारों को बंद कराए। मीडिया प्रभारी नरेंद्र सिंह राणा ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी के नेतृत्व में प्रात: नौ बजे पार्टी मुख्यालय से जुलूस निकाला जाएगा। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने महंगाई के विरोध में प्रदर्शन का एलान किया है। जनता दल यूनाइटेड प्रवक्ता सुभाष पाठक ने बताया कि जिला मुख्यालयों पर कार्यकर्ता जुलूस निकालकर बाजार बंद करायेंगे।
     वहीं पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ माओवादियों ने भी बंद का ऐलान किया है। नक्सली बंद को देखते हुए रेल महकमे में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। खुफिया विभाग की रिपोर्ट के अनुसार नक्सली बंद के दौरान अपने प्रभाव वाले इलाके के रेलवे ट्रैक और स्टेशनों को निशाना बना सकते हैं। इसके मद्देनजर संवेदनशील स्टेशनों पर विशेष निगरानी के निर्देश जारी किए गए हैं।
गौरतलब है कि रेलवे सुरक्षा बल की क्विक रिस्पांस टीम को झारखंड के धनबाद, हटिया, मुरी समेत अन्य स्टेशनों पर अलर्ट कर दिया गया है। किसी भी तरह की वारदात होने पर तत्काल टीम घटनास्थल पर पहुंचेगी। बिहार, छत्तीसगढ़, बंगाल और ओडिशा में भी ऐसी ही सतर्कता बरती जा रही है।

आनंद की जीत पर भी न्यूड होंगी पूनम !

   नई दिल्ली। भारतीय ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद द्वारा पांचवी बार शतरंज में जीत का खिताब हासिल करने के बाद यह बात काफी चर्चा में आ गई है कि जिस तरह मॉडल पूनम पांडे ने केकेआर की जीत पर अपने कपड़े उतार दिए थे, क्या आनंद की जीत पर भी वह अपनी बात पर कायम रहेंगी।
गौरतलब है कि विश्वनाथन की जीत के बाद से ही ट्विटर पर यह बात चर्चित हो गई है जैसा कि पूनम ने कहा था कि वह जीते हुए खिलाड़ियों के लिए कुछ भी कर सकती है। तो क्या केकेआर के बाद अब आनंद की बारी है। हालांकि अब तक पूनम की ओर से किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
गौरतलब है कि भारतीय ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने बुधवार को रैपिड शतरंज टाईब्रेकर में इजरायल के चैलेंजर बोरिस गेलफेंड को हराकर लगातार चौथी और कुल पाचंवीं बार विश्व खिताब जीत लिया है। आनंद ने यहा स्टेट ट्रेटियाकोव गैलरी में चार बाजियों के टाईब्रेकर में दूसरी बाजी जीती, जबकि बाकी तीन बाजिया उन्होंने ड्रॉ कराई। भाग्य ने भी अंतिम बाजी में अहम भूमिका निभाई जिससे भारतीय दिग्गज खिलाड़ी जीत दर्ज करने में सफल रहा।
इस जीत का मतलब है कि भारत का यह दिग्गज शतरंज खिलाड़ी 2014 तक विश्व चैंपियन रहेगा, जब अगली विश्व चैंपियनशिप का आयोजन किया जाएगा।
हालांकि मुकाबला काफी तनाव भार रहा, जिसने मास्को के मौसम में भारत की गर्मियों का एहसास करा दिया। शतरंज बोर्ड पर गर्मागर्म चर्चा, उतार चढ़ाव भारी बाजिया और इससे भी अधिक चैंपियन और चैलेंजर के बीच कड़ा संघर्ष dekhanen  को मिला। आनंद की सफलता का श्रेय उनकी तेजी को जाता है। अधिकांश मौकों पर देखा गया कि गेलफेंड के पास अंत में सिर्फ कुछ सेकेंड बचे हैं, जबकि आनंद ने पास तब भी कुछ मिनट का समय बाकी था। फिर भी आनंद ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया।

सोमवार, 28 मई 2012

पिछले पांच वर्षो में यूपी ने देखा जंगलराज

   लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बी एल जोशी ने राज्य में पिछले पाच वर्षो के शासनकाल को भ्रष्टतम और जंगलराज करार देते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार की पहली प्राथमिकता कानून एवं व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करके विकास की गाड़ी को पटरी पर लाना है।
राज्यपाल जोशी ने सोमवार से शुरु हुए राज्य विधानमंडल के बजट सत्र से पहले दोनो सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा कि देश की राजनीति के रुख को मोड़ने की क्षमता रखने वाला यह राज्य पिछले पाच वर्षो में देश के इतिहास में सबसे बडे़ भ्रष्टाचार, निर्दोष लोगों के उत्पीड़न और जंगलराज का गवाह बना।
राज्यपाल ने अपने 41 पृष्ठों वाले अभिभाषण में पिछले पाच साल के शासनकाल को कोसते हुए कहा कि इस दौरान जनता को पत्थर, मूर्तियों और स्मारकों के अलावा कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि इस दौरान राजनैतिक अधोपतन के चलते पूरे प्रदेश को शर्मसार कर देने वाली कई घटनाएं घटित हुई।
कानून एवं व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करके प्रदेश में अमन चैन एवं आपसी सौहार्द कायम करने को प्रदेश सरकार की सवचर््ेच्च प्राथमिकता बताते हुए जोशी ने कहा कि विगत पाच वर्षो के लूट खसोट के एजेंडे के स्थान पर प्रदेश सरकार ने विकास का एजेंडा तैयार किया है, जो प्रदेश को प्रगति के
पथ पर ले जाएगा।
जोशी ने नव सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी सरकार के विकास एजेंडे और भावी कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए किसानो, नौजवानों, छात्र छात्राओं, अल्पसंख्यकों, दलितों एवं पिछड़ो के लिए चलाई जा रही और प्रस्तावित योजनाओं की भी जानकारी दी।
यह कहते हुए कि प्रदेश की जनता मूर्ति, पत्थर व स्मारक की जगह सडक, पानी व बिजली जैसी अवस्थापना सुविधाओं की आकाक्षी है, जोशी ने बुंदेलखड और पूर्वाचल जैसे पिछडे इलाकों में चल रही अथवा प्रस्थावित अवस्थापना विकास सुविधाओं की जानकारी दी है।
जोशी ने अपने अभिभाषण में कहा है कि प्रदेश की 17 पिछडी जातियों [राजभर, निषाद, प्रजापति, मल्लाह, कहार, कश्यप, कुम्हार, धीमर, बिंद, भर, केवट, धीवर, बाथम, मछुआ, माझी, तुरहा, गौड] को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल कर उन्हें अनुसूचित जातियों को मिलने वाले सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना है।
उन्होंने समाजवादी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल और प्रदेश सरकार द्वारा घोषित योजनाओं मसलन छात्रों को लैपटाप, टैबलेट दिए जाने और 30 से 40 साल के युवकों को बेरोजगारी भत्ता आदि का उल्लेख करते हुए कहा है कि सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रशासन देकर प्रदेश को हर क्षेत्र में विकास के पथ पर आगे ले जाने को प्रतिबद्ध है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार औद्योगिक विकास को गति देने के लिए नई औद्योगिक नीति बनाएगी और पश्मिाचंल के नोएडा, दादरी, गाजियाबाद निवेश अंचल के अलावा केन्द्र सरकार के सहयोग से पूर्वाचल एवं बुंदेलखड क्षेत्र में ऐसे ही एक-एक निवेश अंचल स्थापित किए जाएंगें।
प्रदेश में सड़क एवं परिवहन सुविधाओं के विकास की योजनाओं का उल्लेख करते हुए जोशी ने कहा है कि लखनऊ में यातायात को सुगम बनाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन से 37.5 किलोमीटर की दूरी में मेट्रो रेल चलाने के लिए 12,500 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करवाई गई है।
कृषक दुर्घटना बीमा की राशि एक लाख से बढाकर पाच लाख रुपये कर दिए जाने के निर्णय का उल्लेख करते हुए जोशी ने बताया कि प्रदेश सरकार कृषकों की आमदनी बढाने के लिए पशुपालन एवं दुग्ध व्यवसाय तथा बागवानी आदि क्षेत्रों को बढावा देने की योजना बनाई है।
उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा है कि प्रदेश सरकार 12वीं पंचवर्षीय योजना में दस प्रतिशत विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य लेकर विकास योजनाओं की रचना करेगी और क्षेत्रीय विषमताओं को दूर करने तथा देश एवं प्रदेश के प्रति व्यक्ति आय के मौजूदा 50 प्रतिशत अंतर को कम करने के लिए हर संभव कोशिश करेगी।
राज्यपाल को बहरहाल, 16वीं विधानसभा के गठन के बाद अपना अभिभाषण पढने के दौरान बसपा सहित सभी विपक्षी दलों की नारेबाजी और हंगामे से रूबरू होना पड़ा और वह अपने अभिभाषण के शुरुआती और अंतिम के कुछ भाग को पढ़कर ही सदन की संयुक्त बैठक से चले गए।

"आकाश" का फिर से सफल परीक्षण

    बालेश्वर [ओडिशा]। बीते पांच दिनों में तीसरी दफा भारत ने चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज [आईटीआर] से सोमवार को अपने देश में विकसित सतह से हवा में मार करने वाली दो 'आकाश' मिसाइलों का सफल परीक्षण किया। मिसाइलों के 24 और 26 मई को हुए ट्रायल के बाद फिर से इनका परीक्षण किया गया। 'आकाश' की मारक क्षमता 25 किलोमीटर तक की है। यह अपने साथ 60 किलोग्राम तक के आयुध ले जा सकता है ताकि हवाई हमलों को नाकाम कर सके।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि दोनों आकाश मिसाइलों का उड़ान परीक्षण रोड मोबाइल लांचर से एक के बाद एक कर किया गया। यह आईटीआर के लांच पैड-3 से करीब 11 बजकर दो मिनट पर प्रक्षेपित किए गए।
सूत्रों ने बताया कि ट्रायल के दौरान मिसाइलों का मकसद एक तैरती हुई वस्तु को भेदना था। इस वस्तु को समुद्र के ऊपर एक निश्चित ऊंचाई पर स्थित प्रक्षेपण परिसर-2 से एक पायलटरहित विमान का सहारा मिला हुआ था।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन [डीआरडीओ] के एक अधिकारी ने कहा कि विकास से जुड़े परीक्षण पूरे होने और रक्षा शस्त्रागार में शामिल किए जाने के बाद भारतीय रक्षा बलों की ओर से संचालित यह एक नियमित यूजर ट्रायल था।
अधिकारियों ने कहा कि प्रक्षेपण के तुरंत बाद टेलीमेट्री स्टेशनों और रेडार से प्राप्त सभी आंकड़ों की मदद से परीक्षण का आंकलन किया गया।
विमान-रोधी रक्षा प्रणाली 'आकाश' इलेक्ट्रॉनिक्स एंड रेडार डेवलेपमेंट इस्टैब्लिशमेंट [एलआरडीई] की ओर से विकसित 'राजेंद्र' रेडार के साथ एक बार में ही कई निशाने भेद सकता है। एलआरडीई बेंगलूर में स्थित डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला है। रेडार निगरानी रखने, निशाने का पता लगाने, इसे हासिल करने और मिसाइल को इसकी ओर गाइड करने का काम करता है। रक्षा विशेषज्ञों ने 'आकाश' मिसाइल प्रणाली की तुलना अमेरिकी 'एमआईएम-104 पैट्रियट' से की है। 'एमआईएम-104 पैट्रियट' सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। 

यूपी विधानसभा में जबरदस्त हंगामा

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को बसपा ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर जबरदस्त हंगामा मचाया। हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गई है।
राज्यपाल बीएल जोशी ने बजट सत्र होते ही जैसे ही अपना अभिभाषण पढ़ना शुरू किया वैसे ही बसपा विधायकों ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया। हाथों में बैनर लिए बसपा विधायकों ने विधानसभा में जबरदस्त नारेबाजी की और राज्यपाल की ओर कागज के टुकड़े फेंके। बसपा विधायकों ने धक्कामुक्की की और मेज-कुर्सियों पर चढ़कर नारेबाजी की। जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गई।
इससे पहले, सदन को सुचारू ढंग से चलाने के लिए सत्र से पूर्व रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर सर्वदलीय बैठक में विधानसभाध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री ने जनसमस्याओं को दूर करने में विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा की। बैठक में बसपा के न शामिल होने से ही साफ हो गया कि वह सदन में सरकार को चैन से नहीं बैठने देगी। मुख्यमंत्री ने जनसमस्याओं के समाधान के लिए संयुक्त प्रयास को जरूरी बताया। बजट सत्र को लंबे समय तक चलाने मंशा जाहिर की। उन्होंने समस्याओं के निराकरण को विपक्ष को चर्चा के लिए भरपूर समय देने का भरोसा दिलाया।
इससे इतर कई विपक्षी दलों ने अपनी अलग बैठककर सदन में सरकार की घेरने की रणनीति तय की। इन दलों का मानना रहा कि सरकार बनने के बाद से कानून व्यवस्था तेजी से बिगड़ी है। सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं द्वारा आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है और सरकार मूकदर्शक रही है। सरकार पर हमले के लिए बिजली की बदहाली को भी विपक्ष अपना हथियार बनाएगी। इसके अलावा गेहूं खरीद में गड़बड़ी, योजनाओं का बदला गया नाम, प्रमोशन में आरक्षण जैसे मुद्दों का उठा कर विपक्ष सरकार के लिए परेशानी पैदा करने का काम करेगी। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भी रविवार को सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाकर उनसे सदन चलाने में सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने नए सदस्यों को अधिक से अधिक मौका प्रदान करने का आग्रह करते हुए कहा कि सदन के महत्वपूर्ण समय का उपयोग प्रदेश हित में होना चाहिए।

शुक्रवार, 25 मई 2012

मुशर्रफ ने कराई मेरी मां की हत्या : बिलावल भुट्टो

   वाशिंगटन: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि उनकी मां और पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के लिए पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ जिम्मेदार हैं।

बिलावल ने सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में कहा, उन्होंने (मुशर्रफ ने) मेरी मां (बेनजीर) की हत्या कराई। अपनी मां की हत्या के लिए मैं उन्हें जिम्मेदार मानता हूं। यह पूछे जाने पर कि बिलावल ऐसा क्यों कह रहे हैं, उन्होंने कहा, क्योंकि उन्हें (मुशर्रफ को) खतरे की जानकारी थी। खुद उन्होंने (मुशर्रफ ने) पूर्व में उन्हें (बेनजीर को) धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि आपकी सुरक्षा का सीधा संबंध हमारे रिश्तों और हमारे बीच सहयोग से है।

इन दिनों अमेरिका के दौरे पर आए बिलावल ने कहा कि जब उन्होंने आपातकाल लागू किया था और यह साफ हो गया था कि वह हमारी आंखों पर पर्दा डाल रहे हैं, तब वह पाकिस्तान में लोकतंत्र की वापसी बिल्कुल नहीं चाहते थे। मेरी मां ने उनके खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी और उनकी सुरक्षा घटा दी गई। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के पुत्र ने कहा कि उनकी योजना अगले चुनाव में बड़ी भूमिका निभाने और राजनीति में शामिल होने की है।

बिलावल ने कहा, मैं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का अध्यक्ष हूं। पिछले चुनाव में मैंने प्रचार नहीं किया था। मैं विश्वविद्यालय चला गया था। मुझे नहीं लगता कि अभी मेरे पास सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कोई जनादेश है। मैं अगले चुनाव में प्रचार करना और फिर बड़ी भूमिका निभाना चाहता हूं।

उनसे पूछा गया कि क्या वह कभी अपने देश के नेता बनना चाहेंगे। इस पर उनका जवाब था, मैं जिस तरह से भी अपनी जनता की मदद कर सकता हूं, करना चाहूंगा। पाकिस्तान में अभी बहुत कठिन समय है और हम सबको मदद करनी होगी। पाकिस्तान में उनकी सुरक्षा के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में बिलावल ने कहा कि उन्हें इसकी चिंता नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि पाकिस्तानी सरकार मुझे पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएगी, उस सरकार की तरह नहीं जिसने पाकिस्तान में मेरी मां की सुरक्षा के साथ छेड़छाड़ की थी।

पेट्रोल मूल्यवृद्धि पर रोलबैक के संकेत

    नई दिल्ली। पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी के खिलाफ देश में शुरू हो चुके राजनीतिक बवाल और साथ ही जनाक्रोश की लहर से दबाव में आई केंद्र सरकार मूल्यवृद्धि से जनता को कुछ राहत देने की संभावना तलाश रही है। तेल कंपनियों से कहा गया है कि वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी को देखते हुए अगली समीक्षा के दौरान पेट्रोल की खुदरा कीमत घटाने का रास्ता निकालें।
जनता के गुस्से को कम करने के प्रयासों के तहत ही कांग्रेस शासित राज्यों केरल ने बिक्री कर एवं उत्तराखंड ने पेट्रोल पर वैट न लेने का फैसला किया है, जिससे इन दोनों राज्यों में दाम क्रमश: 1.63 रु. और 1.87 रु घट जाएंगे। कांग्रेस पार्टी ने इस कदम का स्वागत करते हुए अन्य राज्यों से भी ऐसा कदम उठाने का अनुरोध किया है।
कांग्रेस पार्टी ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि देर-सबेर पेट्रो मूल्य वृद्धि से कुछ राहत दी जा सकती है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने बताया कि 'अर्थव्यवस्था की कुछ मजबूरियां हैं। लेकिन पार्टी आम आदमी की संवेदनशीलता को समझती है। पार्टी को उम्मीद है कि केंद्र, राज्य और तेल कंपनियां संयुक्त तौर पर कोई रास्ता निकालेंगी जिससे आम आदमी को मूल्यवृद्धि से राहत मिल सके।'
कांग्रेस सांसद प्रवीण ऐरन पेट्रोल कीमतें बढ़ाने का विरोध करते हुए कहा कि लगता है कि पार्टी अध्यक्ष को भी निर्णय की जानकारी नहीं थी और फैसला कर लिया गया।
कांग्रेस की नाखुशी के बाद सरकारी तेल कंपनियों ने संकेत दिए हैं कि वे आगामी कीमत समीक्षा के दौरान कुछ कटौती कर सकती हैं। इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के अध्यक्ष आरएस बुटोला ने कहा, 'हम सरकारी कंपनी हैं और रोलबैक के बारे में अगर कोई निर्देश आता है तो हम उसका पालन करेंगे। अभी तक कोई निर्देश नहीं आया है। हालांकि क्रूड कीमत के मौजूदा ट्रेंड को देखते हुए उम्मीद है कि अगले महीने खुदरा कीमत में कुछ कमी होगी।'
पिछले दो महीने में क्रूड की कीमत 125 डॉलर से घट कर अभी 105 डॉलर के करीब आ गई है। अप्रैल, 2012 में भारत ने औसतन 118.04 डॉलर प्रति बैरल की दर से क्रूड खरीदा था। इस महीने अभी तक क्रूड की औसत कीमत 109 डॉलर प्रति बैरल रही है। साथ ही अगर रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले थोड़ी मजबूत होती है तब भी तेल कंपनियां आम जनता को महंगे पेट्रोल से कुछ राहत देने पर विचार करेंगी।
पेट्रोल मूल्य वृद्धि से बढ़ रही नाराजगी को दूर करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस शासित राज्यों से पेट्रोल पर बिक्री कर या वैट की दर में कमी करने को भी कहा है। आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र सरीखे कांग्रेस शासित राज्य देश में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा कर वसूलने वालों में शामिल है।
देश के विभिन्न हिस्सों से पेट्रोल मूल्य वृद्धि को लेकर हो रहे प्रदर्शन और विपक्षी पार्टियों की तरफ से राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करने के ऐलान को देखते हुए केंद्र सरकार डीजल कीमत पर अपना नियंत्रण हटाने के फैसले में कुछ देरी कर सकती है। वित्तामंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में कल शुक्रवार को प्राधिकृत मंत्रि समूह की बैठक प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि इसमें अन्य पेट्रोलियम उत्पादों पर दी जा रही सब्सिडी को कम करने के प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।

गुरुवार, 24 मई 2012

टैक्स हटे तो 36 रुपये में मिलेगा पेट्रोल

   नई दिल्ली। पेट्रोल पर यदि सारे टैक्स वापस ले लिए जाएं तो उपभोक्ताओं को यह मात्र 36 रुपये प्रतिलीटर के हिसाब से मुहैया कराया जा सकता है।
दरअसल, केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा हर प्रकार के टैक्स लगाए जाने के कारण 38.42 रुपये का पेट्रोल हम तक करीब 50 फीसद ज्यादा बढ़कर 73.18 [दिल्ली में] रुपये प्रतिलीटर में पहुंच रहा है। पेट्रोल के आधार मूल्य पर लगभग 14.35 रुपये एक्साइज ड्यूटी, दो फीसद कस्टम ड्यूटी, तीन प्रतिशत एजुकेशन सेस, डीलर कमीशन 1.5 रुपये और 20 फीसद वैट [दिल्ली में]
जोड़कर उपभोक्ताओं तक पहुंचता है। यदि दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 73.18 रुपये प्रतिलीटर का उदाहरण लें तो
इसका आधार मूल्य 36 रुपये है और 38 रुपये विभिन्न टैक्सों के रूप में केंद्र व राज्य सरकारों के खजाने में जा रहे हैं। पेट्रोल के आधार मूल्य में कच्चे तेल की कीमत, प्रसंस्करण व शोधन खर्च, ढुलाई खर्च अन्य खर्च शामिल होते हैं।
समय-समय पर विभिन्न स्तरों पर पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स को कम करने की मांगे उठती रहती है लेकिन कोई भी पक्ष खासकर राज्य सरकारें टस से मस नहीं होती हैं। राज्यों के राजस्व के बड़ा हिस्सा तेलों पर लगाए जाने वाले टैक्स से ही आता है। हालांकि गोवा में राज्य सरकार में पहल करते हुए टैक्स वापस ले लिए हैं जहां कीमतें बढ़ने के बावजूद वहां पेट्रोल लगभग 60 रुपये प्रतिलीटर ही बिकेंगी।
चार महानगरों में पेट्रोल के दाम :
[दाम रुपये प्रति लीटर] मौजूदा मूल्य ... नया दाम .. वृद्धि
दिल्ली .... 65.64 ....73.18 .. 7.54
कोलकाता ......70.03 .... 77.88 .. 7.85
मुंबई ......... 70.66 .... 78.57 .. 7.91
चेन्नई ........ 69.55 .... 77.53 .. 7.98
भारत के बाहर पेट्रोल के दाम :
पाकिस्तान- 59.00 प्रतिलीटर
श्रीलंका- 61.70 प्रतिलीटर
नेपाल- 75.20 प्रतिलीटर
बांग्लादेश- 43.40 प्रतिलीटर
चीन - 72.10 प्रतिलीटर
अमेरिका- 53.70 प्रतिलीटर
जर्मनी- 113.30 प्रतिलीटर
यूके- 101.10 प्रतिलीटर
इटली- 118.60 प्रतिलीटर
दुबई- 24.40 प्रतिलीटर
[दाम रुपये प्रति लीटर]

बुधवार, 23 मई 2012

जानलेवा पेट्रोल मूल्य वृद्धि

 पेट्रोल के दामों में 7.50 रुपये की वृद्धि पर आप सभी देश वासियों को हार्दिक बधाई। पेट्रोल की कीमतों में अभी तक के इतिहास में सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी हुई है. कांग्रेस का कहना है कि इस पर सरकार का कोई जोर नहीं है... तो फिर सवाल यह उठता है कि यूपी इलेक्‍शन के समय पेट्रोल की कीमत क्‍यों नहीं बढ़ाई गई... अब जब सारे इलेक्‍शन समाप्‍त हो गए तो सरकार ने पेट्रोल की कीमत बढ़ा दी है... क्‍या सरकार की ओर से उसके तीन साल पूरे होने पर यह जनता को तोहफा समझा जाए... और महंगाई के इस झन्‍नाटेदार चाटा को सहने के लिए तैयार हुआ जाए... वह भी आज आधी रात से...

रविवार, 20 मई 2012

"सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे मोदी"

   नई दिल्ली। आठ साल सत्ता में रहने के बाद कांग्रेसनीत संप्रग सरकार धीरे-धीरे अपनी जमीन खो रही है। एक ताजा सर्वेक्षण में मनमोहन सरकार को आजादी के बाद सबसे भ्रष्ट सरकार का दर्जा दिया गया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की लोकप्रियता घटी है। जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी लोकप्रियता के मामले में सबसे आगे हैं। यह सर्वेक्षण ऐसे समय आया है जब संप्रग-2 सरकार 22 मई को ही अपने तीन साल पूरे करने जा रही है।
    अप्रैल-मई के दौरान देश के 28 शहरों में किए गए एबीपी न्यूज-नील्सन के सर्वे के मुताबिक संप्रग के मुकाबले भाजपा की साथ मजबूत हुई है। सर्वेक्षण के मुताबिक अगर आज लोकसभा चुनाव हो जाएं, तो भाजपा को 28 फीसदी वोट मिलेंगे, जबकि कांग्रेस को 20 फीसदी से ही संतोष करना होगा। वर्ष 2009 के आम चुनाव में काग्रेस ने 207 सीटें जीती थी, जबकि भाजपा को 116 सीटें ही मिली थीं।
हालांकि, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अच्छा या बहुत अच्छा बताने वालों की तादाद 37 फीसदी रही। संप्रग सरकार प्रदर्शन के मामले में औसत अंक 2.95 के साथ नीचे उतरी है, जबकि पिछले साल उसे 3.22 औसत अंक मिले थे।
    सर्वे में शामिल 57 फीसद लोगों का कहना था कि आजादी के बाद संप्रग-2 सरकार देश की सबसे भ्रष्ट सरकार है। 25 फीसदी लोग चाहते हैं कि सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए तत्काल कदम उठाए। सर्वे के मुताबिक 24 फीसदी लोगों ने खाद्य व पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों पर लगाम के लिए निगरानी की बात कही।
    गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को लोगों ने 17 फीसद वोट के साथ देश के सबसे अच्छे नेता के तौर पर स्थापित किया है। जबकि मनमोहन सिंह इस मामले में उनसे महज एक फीसद पीछे रहे। राहुल की लोकप्रियता पिछले वर्ष की 19 फीसदी से घटकर 13 फीसद रह गई। सोनिया पिछले साल के 14 फीसदी के मुकाबले इस साल नौ फीसद पर ही रह गई।

उन्मुक्त गगन की उड़ान होगी या नहीं ?


   एक बुलबुल (चिड़िया ) नें मेरे घर के एक छोटे से पेड़ पर स्थापित अपनें घोंसले में दो प्यारे-प्यारे बच्चों को जन्म दिया है। मेरी दो साल की बिटिया रिशिका आज कल दिन भर उन्हें निहारती  रहती है। पेड़ के नीचे बिल्ली मौसी दिन भर इन लाडलों की ताक में रहती है। कभी-कभी बुलबुल के ये दोनों लाडले चहल-कदमी के लिए नीचे भी उतर आते हैं। क्या ये तमाम मुसीबतों को पार कर कभी उन्मुक्त गगन में उड़ान भर सकेंगे? ये चिंता मुझे भी रहती है।  

शनिवार, 19 मई 2012

सही कौन ..गाँधी या गोडसे ?

  गांधी-वध के मुकद्दमे के दौरान न्यायमूर्ति खोसला से नाथूराम गोडसे ने अपना वक्तव्य स्वयं पढ़ कर सुनाने की अनुमति माँगी थी और उसे यह अनुमति मिली थी। नाथूराम गोडसे का यह न्यायालयीन वक्तव्य भारत सरकार द्वारा प्रतिबन्धित कर दिया गया था। इस प्रतिबन्ध के विरुद्ध नाथूराम गोडसे के भाई तथा गांधी-वध के सह-अभियुक्त गोपाल गोडसे ने 60 वर्षों तक वैधानिक लडाई लड़ी और उसके फलस्वरूप सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रतिबन्ध को हटा लिया तथा उस वक्तव्य के प्रकाशन की अनुमति दी। नाथूराम गोडसे ने न्यायालय के समक्ष गांधी-वध के जो 150 कारण बताये थे उनमें से प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं।:

नाथू राम गोडसे और गांधी का एक दुर्लभ चित्र
1. अमृतसर के जलियाँवाला बाग़ गोली काण्ड (1919) से समस्त देशवासी आक्रोश में थे तथा चाहते थे कि इस नरसंहार के नायक जनरल डायर पर अभियोग चलाया जाये। गांधी ने भारतवासियों के इस आग्रह को समर्थन देने से स्पष्ट मना कर दिया।
2. भगत सिंह व उसके साथियों के मृत्युदण्ड के निर्णय से सारा देश क्षुब्ध था व गांधी की ओर देख रहा था, कि वह हस्तक्षेप कर इन देशभक्तों को मृत्यु से बचायें, किन्तु गांधी ने भगत सिंह की हिंसा को अनुचित ठहराते हुए जनसामान्य की इस माँग को अस्वीकार कर दिया।
3. 6 मई 1946 को समाजवादी कार्यकर्ताओं को दिये गये अपने सम्बोधन में गांधी ने मुस्लिम लीग की हिंसा के समक्ष अपनी आहुति देने की प्रेरणा दी।
4. मोहम्मद अली जिन्ना आदि राष्ट्रवादी मुस्लिम नेताओं के विरोध को अनदेखा करते हुए 1921 में गांधी ने खिलाफ़त आन्दोलन को समर्थन देने की घोषणा की। तो भी केरल के मोपला मुसलमानों द्वारा वहाँ के हिन्दुओं की मारकाट की जिसमें लगभग 1500 हिन्दू मारे गये व 2000 से अधिक को मुसलमान बना लिया गया। गांधी ने इस हिंसा का विरोध नहीं किया, वरन् खुदा के बहादुर बन्दों की बहादुरी के रूप में वर्णन किया।
5. 1926 में आर्य समाज द्वारा चलाए गए शुद्धि आन्दोलन में लगे स्वामी श्रद्धानन्द की अब्दुल रशीद नामक मुस्लिम युवक ने हत्या कर दी, इसकी प्रतिक्रियास्वरूप गांधी ने अब्दुल रशीद को अपना भाई कह कर उसके इस कृत्य को उचित ठहराया व  शुद्धि आन्दोलन को अनर्गल राष्ट्र-विरोधी तथा हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिये अहितकारी घोषित किया।
6. गान्धी ने अनेक अवसरों पर शिवाजी , महाराणा प्रताप व गुरू गोविन्द सिंह को पथभ्रष्ट देशभक्त कहा।
7. गांधी ने जहाँ एक ओर कश्मीर के हिन्दू राजा हरि सिंह को कश्मीर मुस्लिम बहुल होने से शासन छोड़ने व काशी जाकर प्रायश्चित करने का परामर्श दिया, वहीं दूसरी ओर हैदराबाद के निज़ाम के शासन का हिन्दू बहुल हैदराबाद में समर्थन किया।
8. यह गांधी ही थे जिन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना को कायदे-आज़म की उपाधि दी थी।
9. कांग्रेस के ध्वज निर्धारण के लिये बनी समिति (1931) ने सर्वसम्मति से चरखा अंकित भगवा वस्त्र पर निर्णय लिया किन्तु गांधी की जिद के कारण उसे तिरंगा कर दिया गया।
10. कांग्रेस के त्रिपुरा अधिवेशन में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को बहुमत से कांग्रेस अध्यक्ष चुन लिया गया किन्तु गांधी पट्टाभि सीतारमय्या का समर्थन कर रहे थे,अत: सुभाष बाबू ने निरन्तर विरोध व असहयोग के कारण पद त्याग दिया।
11. लाहौर कांग्रेस में वल्लभभाई पटेल का बहुमत से चुनाव सम्पन्न हुआ किन्तु गांधी की जिद के कारण यह पद जवाहरलाल नेहरु को दिया गया।
12. 14-15 1947 जून को दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बैठक में भारत विभाजन का प्रस्ताव अस्वीकृत होने वाला था, किन्तु गांधी ने वहाँ पहुँच कर प्रस्ताव का समर्थन
करवाया। यह भी तब जबकि उन्होंने स्वयं ही यह कहा था कि देश का विभाजन उनकी लाश पर होगा।
13. जवाहरलाल की अध्यक्षता में मन्त्रिमण्डल ने सोमनाथ मन्दिर का सरकारी व्यय पर पुनर्निर्माण का प्रस्ताव पारित किया, किन्तु गान्धी जो कि मन्त्रिमण्डल के सदस्य भी नहीं थे; ने सोमनाथ मन्दिर पर सरकारी व्यय के प्रस्ताव को निरस्त करवाया और 13 जनवरी 1948 को आमरण अनशन के माध्यम से सरकार पर दिल्ली की मस्जिदों का सरकारी खर्चे से पुनर्निर्माण कराने के लिए दबाव डाला।
14. पाकिस्तान से आये विस्थापित हिन्दुओं ने दिल्ली की खाली मस्जिदों में जब अस्थाई शरण ली तो गान्धी ने उन उजड़े हिन्दुओं को जिनमें वृद्ध, स्त्रियाँ व बालक अधिक थे मस्जिदों से खदेड़ बाहर ठिठुरते शीत में रात बिताने पर मजबूर किया गया।
15. 22 अक्तूबर 1947 को पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण कर दिया, उससे पूर्व माउण्टबैटन ने भारत सरकार से पाकिस्तान सरकार को 55 करोड़ रुपये की राशि देने का परामर्श दिया था। केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल ने आक्रमण के दृष्टिगत यह राशि देने को टालने का निर्णय लिया किन्तु गांधी ने उसी समय यह राशि तुरन्त दिलवाने के लिए आमरण अनशन शुरू कर दिया जिसके परिणामस्वरूप यह राशि पाकिस्तान को भारत के हितों के विपरीत दे दी गई। 

"सुनो सुनो माया वचन"

  नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शनिवार को कहा कि सपा शासन में उत्तर प्रदेश की हालत दिन पर प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है। उन्होंने कहा कि गलत सरकारी नीतियों की वजह से महंगाई बढ़ रही है।
संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं और मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में पुनिया की मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति दलित हितों को रखकर हुई थी, लेकिन उन्होंने दलित हित में कोई भी कार्य नहीं किया। मायावती ने आरोप लगाया कि पूनिया कांग्रेस की गांधीवादी सोच रखते हैं और उन्होंने सस्ती लोकप्रियता के लिए मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ बेवजह जांच बिठाई जा रही है।
मायावती ने कहा कि बसपा प्रमुख का पद उन्हें विरासत में नहीं मिला है। इसके लिए उन्होंने कार्यकर्ता से अध्यक्ष पद तक सफर किया है।
मायावती ने प्रदेश सरकार पर हमला करते कहा कि अखिलेश की सरकार महज कागजी सरकार बन कर रह गई है। उन्होंने कहा कि अखिलेश दलित विरोधी हैं और जानबूझ कर मेरी सरकार के द्वारा बनाई गई जनकल्याण की नीतियों को एक-एक कर खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जानबूझ कर दलित अधिकारियों को निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सपा सरकार के आते ही प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई और दिनदहाड़े महिलाओं की आबरू लूटी जा रही है। लोग घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं। प्रदेश में कारोबारी अपने-आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जिससे प्रदेश का विकास बाधित हो रहा है। सपा सरकार में माफिया को खुला संरक्षण मिल रहा है। सारे अपराधिक तत्व जेलों से बाहर आ रहे हैं। जिससे प्रदेश में भय का माहौल व्याप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दो माह में ही 293 डकैती, 800 हत्याएं, 256 अपहरण ओर 700 लूट की घटनाएं हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में तबादलों का पिछले 60 साल को रिकार्ड टूट गया है। चहेते अफसरों को मनमांगी पोस्टिंग दी जा रही है।
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में वे दूसरी पार्टियों के रुख पर नजर रख रही हैं। संप्रग व राजग का उम्मीदवार सामने आने पर ही वह कोई फैसला लेंगी। 

शुक्रवार, 18 मई 2012

मायाराज के यमराज मुसीबत में

    मायाराज में उत्तर प्रदेश को चारागाह समझ कर अनाप-शनाप लूट मचा चुके, कुछ पूर्व महामान्नीय चेहरों पर चिंता की लकीरें देख आम आदमी बहुत खुश है। कुछ संदिग्ध लुटेरों के चेहरे सीबीआई की जांच के कारन तनाव ग्रस्त हैं, तो कुछ को राज्य सरकार की जांच एजेंसियों से लगातार तनाव मिल रहा है। मेरे मन में कभी-कभी यह ख्याल आता है कि जब प्रदेश में इतनी बड़ी लूट चल रही थी, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री क्या कर
 रही थी? क्या इतनी बड़ी लूट बगैर किसी मुख्यमंत्री 
के शामिल हुए बिना संभव है? आप क्या सोंचते हैं ?

मंगलवार, 15 मई 2012

बच के रहना रे बाबा....

    अब पिछली माया सरकार के काले कारनामें खुलनें शुरू हो गए हैं। दलितों की बात करनें वाली इस दौलत की बेटी नें स्मारकों के निर्माण में भी जमकर लूट खसोट कराई।  स्वास्थ्य विभाग की लूट का खुलासा तो देवी जी के मुख्यमंत्री रहते हुए ही होनें लगा था। आगे आगे देखिये होता है क्या?
मुझे तो लगता है कि पूर्ण बहुमत की सरकार होनें का माया के कारिंदों नें माया को यह मतलब समझाया था कि प्रदेश को
पूर्ण मनोयोग से लूटो। एक समय प्रदेश के नेता कुछ नहीं करते थे, और बहाना करते थे कि जनता नें त्रिशंकु जनादेश दिया है, मनमौजी कार्य करनें को आतुर नेता त्रिशंकु जनादेश का दुरूपयोग करते थे, लेकिन माया सरकार नें तो पूर्ण बहुमत का भी दुरूपयोग ही किया। परन्तु  अब माया की माया का तिलस्म टूट रहा है। नवागत अखिलेश सरकार को माया की दुर्दशा से प्रेरणा लेनें की जरुरत है। क्योंकि कल माया जिस स्थिति में थी, आज अखिलेश हैं। मुख्यमंत्री से हम सब यही कहेंगे, बच के रहना रे बाबा....।

शनिवार, 12 मई 2012

फोटोग्राफी का शौक

आज कल मुझे फोटोग्राफी का शौक चढ़ा है। मेरी खींची कुछ फोटो पर निगाह डालिए और बताइए कि क्या इस क्षेत्र 
में भी मैं कुछ कर सकता हूँ या नहीं ।










शुक्रवार, 11 मई 2012

राम-रस जग को चखाय गये तुलसी।



तुलसी ने मानस लिखा था जब जाति-पाँति-सम्प्रदाय-ताप से धरम-धरा झुलसी।
झुलसी धरा के तृण-संकुल पे मानस की पावसी-फुहार से हरीतिमा-सी हुलसी।
हुलसी हिये में हरि-नाम की कथा अनन्त सन्त के समागम से फूली-फली कुल-सी।
कुल-सी लसी जो प्रीति राम के चरित्र में तो राम-रस जग को चखाय गये तुलसी।


आत्मा थी राम की पिता में सो प्रताप-पुन्ज आप रूप गर्भ में समाय गये तुलसी।
जन्मते ही राम-नाम मुख से उचारि निज नाम रामबोला रखवाय गये तुलसी।
रत्नावली-सी अर्द्धांगिनी सों सीख पाय राम सों प्रगाढ प्रीति पाय गये तुलसी।
मानस में राम के चरित्र की कथा सुनाय राम-रस जग को चखाय गये तुलसी।

राम राम रटते रहो

      राम राम रटते रहो जौ लगि घट में प्रान, 
      कबहूँ तो दीन दयाल के भनकि पड़ेगी कान।

गुरुवार, 10 मई 2012

जाये तो जाये कहाँ?

    उत्तर प्रदेश की जनता नें बड़ी आस और उम्मीद से प्रदेश में सत्ता परिवर्तन  किया  था, लेकिन अब ये उम्मीदें मिटटी में मिलती दिख रही हैं। निडर अपराधी और लापरवाह पुलिस अधिकारी इस अखिलेश सरकार की असली मंशा जाहिर कर रहे हैं।  दिनदहाड़े सडकों पर  जहाँ बेख़ौफ़ अपराधी गोलियां बरसा रहे हैं, वहीं पुलिस अधिकारी लोगो को हत्या करनें की मुफ्त सलाहें बाँट रहे हैं। ऐसे में आम आदमी नहीं समझ पा रहा है कि वो न्याय के लिए जाये तो जाये कहाँ? इन लापरवाह अधिकारियों के पास जो आम आदमी को हत्याएं करनें का नायाब तरीका बतला रहे हैं, या फिर मा0 मुख्यमंत्री जी के जनता दर्शन में, जहाँ हजारों फरियादी बगैर मुख्यमंत्री जी का दर्शन पाए ही मायूश होकर लौट रहे हैं।

विधायकी तो मिली नहीं, ऊपर से नौकरी भी चली गई

    अलीगढ़ : खैर सीट से वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ना एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री के लिए भारी पड़ गया। विधायकी तो मिली नहीं ऊपर से नौकरी भी चली गई। इसके अलावा दो अन्य आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भी अन्य कारणों से सेवा समाप्त की गई है।
विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्री है ममता, जो अतरौली के सहनोल केन्द्र पर तैनात थी। इन्होंने लोकमंच के टिकट से चुनाव लड़ा था। इन पर जनता की कृपा नहीं बरसी। जमानत चली गई थी। महज 657 वोट मिले थे। ममता के चुनाव लड़ने की शिकायत किसी ने विभागीय अधिकारियों से कर दी। जांच हुई तो मामला सही पाया गया। बिना सूचना दिए केन्द्र से अनुपस्थित रहने व चुनाव लड़ने के चलते उनकी सेवा समाप्त कर दी गई। आरोप यह भी है कि ममता अलीगढ़ में रहती हैं और केन्द्र पर नहीं जातीं।
ममता के अलावा सोनोठ (गौंडा) में तैनात प्रभा देवी व चितरौती (अकराबाद) केन्द्र पर तैनात रेखा का की भी सेवा समाप्त की गई है। इन दोनों पर आरोप है कि ये केन्द्र पर नहीं जाती थीं। सीडीओ शमीम अहमद के अनुसार अभी नौ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की जांच लंबित है।
इनका कहना है
सेवामुक्त की गईं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की अभी विभागीय जांच भी की जाएगी, अगर पुष्टाहार में गोलमाल मिला तो दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
-एम.जेड खान, जिला कार्यक्रम अधिकारी

रविवार, 6 मई 2012

सत्यमेव जयते

   आप सब की तरह मैं भी आमिर खान के सत्यमेव जयते टीवी कार्यक्रम का  बेशब्री से इन्तजार कर रहा था। अपनें अनोखे और सामाजिक सरोकारों से सराबोर कार्यक्रम बनानें के लिए प्रसिद्ध श्रीमान आमिर नें सत्यमेव जयते का निर्माण कर एक बार फिर अपनें सच्चे भारतीय होनें का एहसास कराया है। उनका आज का धारावाहिक कन्या भ्रूण हत्या जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर केन्द्रित था। एक सकारात्मक कार्यक्रम के लिए आमिर जी को हार्दिक बधाई।

शुक्रवार, 4 मई 2012

"लोकतंत्र" या "राजतंत्र" ?

 1- राजीव गाँधी के सुपुत्र राहुल गाँधी 
2- जीतेन्द्र प्रसाद के सुपुत्र जितिन प्रसाद 
3- मुलायम पुत्र अखिलेश यादव 
4- शरद पवार की पुत्री शुप्रिया शुले 
5- फारुख अब्दुल्ला के पुत्र ऊमर अब्दुल्ला 
6- बाला साहब ठाकरे का लाल उद्धव ठाकरे 
7- पी ए  संगमा की पुत्री अगाथा संगमा 
8- राजेश पायलट की औलाद सचिन पायलट 
9- माधव राव सिंधिया की आँख का तारा ज्योतिरादित्य सिंधिया 
10- प्रकाश करात की धर्म पत्नी वृंदा करात 
हम हिन्दुस्तानी गर्व पूर्वक क्या ऐसे "लोकतान्त्रिक राजतंत्र" को "लोकतंत्र" कह सकते हैं?

गुरुवार, 3 मई 2012

आम्रपाली आद्या कमोडिटीज़

  धन हमेशा ही व्यक्ति की जरुरत रही है। परन्तु आज के समाज में यह परम आवश्यकता बन चूका है। हमारे आस-पास धनार्जन के अनेंक विकल्प मौजूद हैं, यह हमारी अपनी प्रवृत्ति पर निर्भर करता है की हम कौन सा रास्ता अख्तियार करते हैं। शेयर और कमोडिटी (वायदा बाज़ार ) भी धनार्जन का एक बेहतर विकल्प हो सकता है। बशर्ते आप अपना निवेश सतर्कता और सजगता पूर्वक करें। मैनें इसी कार्य हेतु "आम्रपाली आद्या कमोडिटीज़ प्राइवेट लिमिटेड"  का शाखा कार्यालय 145-46, सहारा शापिंग सेंटर, फैजाबाद रोड, इंदिरा नगर, लखनऊ, में स्थापित किया है। जिस भी सज्जन को इस क्षेत्र से जुडी कोई भी जानकारी हासिल करनी हो 
वह मुझसे मेरे कार्यालय या मोबाईल पर संपर्क कर सकता है। आपका अपना-
सुशील अवस्थी "राजन" 9454699011
    

बुधवार, 2 मई 2012

केजरीवाल-रामदेव पर भड़के सांसद

   नई दिल्ली/ग्वालियर। योग गुरू बाबा रामदेव अपने बयान के बाद बाद अब संासदों के निशाने पर हैं। इससे पहले टीम अन्ना के अरविंद केजरीवाल भी सांसदों को अपशब्द कहने पर सांसदों की नाराजगी झेल चुके हैं। बाबा रामदेव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव के बाद केजरीवाल पर भी ऐसी ही तलवार लटकी हुई है। बुधवार को संसद में इन दोनों के बयानों के खिलाफ सांसदों ने जमकर खरीखोटी सुनाई।
टीम अन्ना के बाद योगगुरु बाबा रामदेव भी सासदों के निशाने पर आ गए हैं। सासदों के खिलाफ अपशब्द कहने और अपमानित करने के आरोप में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला चलाने का दबाव बढ़ने लगा है। लोकसभा में बुधवार को सपा के शैलेंद्र कुमार ने यह सवाल उठाया, जिसका कई सदस्यों ने समर्थन हुआ।
उन्होंने पहले ही इस आशय का नोटिस दिया हुआ है। काग्रेस सदस्य जगदंबिका पाल पहले ही टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नोटिस दे चुके हैं। रामदेव ने मंगलवार को छत्ताीसगढ़ में सासदों को डकैत और हत्यारा करार दिया था। उन्होंने कहा था कि संसद में कुछ अच्छे लोग भी हैं, लेकिन कई लोगों को हटाना होगा।
रामदेव के बयान पर बुधवार को शून्यकाल के दौरान सासद शैलेंद्र कुमार ने रामदेव का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग बेरोकटोक संसद की गरिमा पर चोट कर रहे हैं। लिहाजा, सरकार को सतर्क हो जाना चाहिए। सरकार को सबसे पहले उन एनजीओ की जाच करनी चाहिए जो अकूत धन इकट्ठा कर रहे हैं। उनसे यह पूछा जाना चाहिए कि पैसे का स्त्रोत क्या है?
योगगुरु के बयान पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि बाबा रामदेव कुंठित व्यक्ति हैं। हालाकि, इसके उलट राजद प्रमुख की पत्‍‌नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी कहना है कि स्वामी रामदेव ने किसी एक नेता के लिए कुछ नहीं कहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने योगगुरु का बचाव करते हुए कहा कि बाबा रामदेव ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि अगर बाबा गलत कह रहे हैं, तो पार्टिया अपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को टिकट क्यों देती हैं। अपने बयान पर विवाद खड़ा होने के बाद बाबा रामदेव का कहना है कि मेरे बयान पर मच रहा बवाल गलत है।
उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वह केवल इतना ही कह रहे थे कि जो ईमानदार सासद हैं, मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन संसद में चोर और लुटेरे भी बैठे हैं। उनसे संसद को बचाना है। योगगुरु ने बुधवार को कहा कि जो लोग मेरे बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं, उनसे निवेदन है कि वह पहले मेरी पूरी बात सुनें। लोकसभा अध्यक्ष द्वारा दी गई प्रतिक्रिया पर भी बाबा ने अफसोस जताया। रामदेव ने अपने बयान पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्‍‌नी राबड़ी देवी के अलग-अलग विचारों पर चुटकी भी ली। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की माताएं दयालु और विवेकशील हैं। इसलिए जब मेरे बयान पर लालूजी के यहा यह हाल है, तो बाकी राजनीतिक घरानों में क्या हाल होगा।

लुटेरे और जाहिल बैठे हैं संसद में

    नई दिल्ली। भ्रष्टाचार पर आंदोलन कर रहे बाबा रामदेव ने एक बार फिर सांसदों पर हमला बोलते हुए कहा कि संसद के भीतर कुछ लोग अच्छे हैं, लेकिन ज्यादातर लुटेरे और जाहिल लोग बैठे हुए हैं। उन्होंने सांसदों को हत्यारा तक करार देते हुए कहा कि इनमें से कुछ लोग इन्सान के रूप में शैतान हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि वे अच्छे सांसदों का सम्मान करते हैं।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में अपने अभियान की शुरुआत करते हुए रामदेव ने कहा कि हमारी देश की संसद को बचाने की जरूरत है, क्योंकि इसे 543 रोगी चला रहे हैं। हमने उन्हें कुर्सी पर तो बैठा दिया है, लेकिन उनको कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं। वह देश इसलिए चला रहे हैं, क्योंकि हमने ऐसा ही सिस्टम बनाया है जिससे कि वह संसद में पहुंच जा रहे हैं। हमें ऐसे लोगों से देश को बचाना है, संसद को बचाना है।
मालूम हो कि इससे पहले टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल भी सांसदों के खिलाफ आपत्तिाजनक टिप्पणी कर चुके हैं। 25 फरवरी को यूपी के ग्रेटर नोएडा में एक चुनावी सभा में बोलते वक्त केजरीवाल ने कहा था कि संसद में लुटेरे बैठे हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि संसद में हत्यारे और दुष्कर्मी बैठे हैं और उनसे उन्हें कोई उम्मीद नहीं है। केजरीवाल के मुताबिक संसद का चरित्र बदलने की जरूरत है।

मंगलवार, 1 मई 2012

जय बजरंगी

  आज मैनें हनुमान चालीसा का शत बार अर्थात 100 बार पाठ किया है। हमारी दैनिक दिक्कतों में तो कही कोई कमी नहीं आई, फिर भी अन्य दिनों की अपेक्षा आज मुझे कुछ ज्यादा सुकून और शांति है।

योगी का एक मंत्री.. जिसे निपटाने के लिए रचा गया बड़ा षडयंत्र हुआ नाकाम

  सुशील अवस्थी 'राजन' चित्र में एक पेशेंट है जिसे एक सज्जन कुछ पिला रहे हैं। दरसल ये चित्र आगरा के एक निजी अस्पताल का है। पेशेंट है ...