नई दिल्ली। पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी के खिलाफ देश
में शुरू हो चुके राजनीतिक बवाल और साथ ही जनाक्रोश की लहर से दबाव में आई
केंद्र सरकार मूल्यवृद्धि से जनता को कुछ राहत देने की संभावना तलाश रही
है। तेल कंपनियों से कहा गया है कि वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल
की कीमतों में नरमी को देखते हुए अगली समीक्षा के दौरान पेट्रोल की खुदरा
कीमत घटाने का रास्ता निकालें।
जनता के गुस्से को कम करने के प्रयासों के तहत ही कांग्रेस शासित
राज्यों केरल ने बिक्री कर एवं उत्तराखंड ने पेट्रोल पर वैट न लेने का
फैसला किया है, जिससे इन दोनों राज्यों में दाम क्रमश: 1.63 रु. और 1.87 रु
घट जाएंगे। कांग्रेस पार्टी ने इस कदम का स्वागत करते हुए अन्य राज्यों से
भी ऐसा कदम उठाने का अनुरोध किया है।
कांग्रेस पार्टी ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि देर-सबेर पेट्रो मूल्य वृद्धि से कुछ राहत दी जा सकती है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने बताया कि 'अर्थव्यवस्था की कुछ
मजबूरियां हैं। लेकिन पार्टी आम आदमी की संवेदनशीलता को समझती है। पार्टी
को उम्मीद है कि केंद्र, राज्य और तेल कंपनियां संयुक्त तौर पर कोई रास्ता
निकालेंगी जिससे आम आदमी को मूल्यवृद्धि से राहत मिल सके।'
कांग्रेस सांसद प्रवीण ऐरन पेट्रोल कीमतें बढ़ाने का विरोध करते हुए
कहा कि लगता है कि पार्टी अध्यक्ष को भी निर्णय की जानकारी नहीं थी और
फैसला कर लिया गया।
कांग्रेस की नाखुशी के बाद सरकारी तेल कंपनियों ने संकेत दिए हैं कि वे
आगामी कीमत समीक्षा के दौरान कुछ कटौती कर सकती हैं। इंडियन ऑयल
कार्पोरेशन के अध्यक्ष आरएस बुटोला ने कहा, 'हम सरकारी कंपनी हैं और रोलबैक
के बारे में अगर कोई निर्देश आता है तो हम उसका पालन करेंगे। अभी तक कोई
निर्देश नहीं आया है। हालांकि क्रूड कीमत के मौजूदा ट्रेंड को देखते हुए
उम्मीद है कि अगले महीने खुदरा कीमत में कुछ कमी होगी।'
पिछले दो महीने में क्रूड की कीमत 125 डॉलर से घट कर अभी 105 डॉलर के
करीब आ गई है। अप्रैल, 2012 में भारत ने औसतन 118.04 डॉलर प्रति बैरल की दर
से क्रूड खरीदा था। इस महीने अभी तक क्रूड की औसत कीमत 109 डॉलर प्रति
बैरल रही है। साथ ही अगर रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले थोड़ी मजबूत होती है
तब भी तेल कंपनियां आम जनता को महंगे पेट्रोल से कुछ राहत देने पर विचार
करेंगी।
पेट्रोल मूल्य वृद्धि से बढ़ रही नाराजगी को दूर करने के लिए कांग्रेस
पार्टी ने कांग्रेस शासित राज्यों से पेट्रोल पर बिक्री कर या वैट की दर
में कमी करने को भी कहा है। आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र
सरीखे कांग्रेस शासित राज्य देश में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा कर वसूलने
वालों में शामिल है।
देश के विभिन्न हिस्सों से पेट्रोल मूल्य वृद्धि को लेकर हो रहे
प्रदर्शन और विपक्षी पार्टियों की तरफ से राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करने के
ऐलान को देखते हुए केंद्र सरकार डीजल कीमत पर अपना नियंत्रण हटाने के फैसले
में कुछ देरी कर सकती है। वित्तामंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में कल
शुक्रवार को प्राधिकृत मंत्रि समूह की बैठक प्रस्तावित है। माना जा रहा है
कि इसमें अन्य पेट्रोलियम उत्पादों पर दी जा रही सब्सिडी को कम करने के
प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
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