बुधवार, 27 अप्रैल 2011

सुनु सुत तोहि उरिन मै नाही


सुनु सुत तोहि उरिन मै नाही,
देखेउ करि विचार मन माही|

किसी भी नौकर के लिए इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है कि उसका मालिक ही उसका कर्जदार हो जाये,और सार्वजनिक तौर पर कहे कि बेटा मै तुमसे उरिन ही नहीं हो सकता,ऐसा कर्जदार बनाया है तूने| यही तो भाव है रामायण के राम और हनुमान के इस चित्र का| हो सकता है कि तेज़ी से तरक्की कर रही दुनिया में राम और रामायण के अस्तित्व पर कुछ प्रश्न उठ रहे हों, कोई मानता है कि राम भगवान् हैं, पर कुछ लोग कहते हैं कि नहीं| वैसे आज भी मानने वालों कि ही संख्या अधिक है| हमारा उद्देश्य रामायण के प्रमुख पात्रों के कार्यों को आपके सामने प्रस्तुत करना है,ताकि हम उन पात्रों के सद्गुणों को अपने जीवन में  धारण कर सकें|
सुशील अवस्थी "राजन"

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