मंगलवार, 31 मई 2011

सुन सको तो सुनो नसीमुद्दीन जी

उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी बहुत कम धरने करने के लिए विख्यात है| लेकिन केंद्र सरकार के खिलाफ ये पार्टी धुंआ-धार प्रदर्शन कर रही है| चलिए पार्टी लोकतान्त्रिक तरीकों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल तो करना सीख गयी| उन्नाव में ऐसे ही एक प्रदर्शन में राज्य सभा सदस्य ब्रजेश पाठक व उनके नेताओं के किसी ने दर्जनों जोड़ी जूते चप्पल ही उड़ा दिए| बेचारे पाठक जी .....? लखनऊ में नसीमुद्दीन सिद्दीकी,नकुल दुबे,डॉ.अखिलेश दास,विधान परिषद् सदस्य अरविन्द त्रिपाठी "गुड्डू" की मौजूदगी में केंद्र सरकार को कोसा गया| कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन का उत्साह चरमोत्कर्ष पर रहा| महामाननीय सिद्दीकी जी ने वचन उच्चारे कि "दुनिया की कोई ताकत मायावती जी को प्रधान मंत्री बनने से नहीं रोंक सकती" बताइए .......|
        जो  ताकत प्रधान मंत्री बनाती है यदि वह आपके साथ है तो फिर भला दुनिया की कौन सी ताकत किसी को प्रधान मंत्री बनने से रोंक सकती है सिद्दीकी साब| माया दोबारा मुख्य मंत्री बन जांय आप लोग सिर्फ इस पर ही ध्यान केन्द्रित करिए| क्योंकि यदि मुख्य मंत्री पद आपके पास रहा तो ही तो प्रधान मंत्री पद का सपना जिन्दा रह सकेगा| सिद्दीकी साब आप राजनीती के दिग्गज खिलाडी हैं| पर मेरे जैसे आम आदमी से आप शर्त लगा लीजिये| प्रधान मंत्री पद भूल जाइये,आप लोग माया को सिर्फ मुख्यमंत्री बना के दिखा दीजिये| मै उसी दिन यूपी छोंड दूंगा जिस दिन माया जी दोबारा मुख्य मंत्री बन जाएँगी| माया की खुशफहमी की सिर्फ एक ही वजह है कि उनके खिलाफ यूपी में कोई नितीश कुमार,नरेन्द्र मोदी या ममता बनर्जी नहीं है| पर जनता के पास मिली जुली सरकार का सुन्दर विकल्प है| किसी की मनमानी नहीं चलेगी|
        जनता के मूड को समझ कर रणनीति बनाइये| आप पूर्ण बहुमत से आ रहे थे आप नहीं जान पाए| आप सफाचट  होकर जा रहें है,पर जान नहीं पा रहें हैं| माया को मैंने सिर्फ एक खूबी के लिए ही वोट दिया था, कि कानून व्यवस्था मजबूत होगी| माया के आते ही दिखा भी जब अपने ही सांसद को जेल की राह दिखाई गयी| फिर उसके बाद ऐसा क्या हुआ सिद्दीकी साहब कि आपके ही लोग कानून व्यवस्था से बलात्कार करने पर उतारू हो गए| दलित और गरीब सवर्णों को आपकी सरकार के चाल चलन से सबसे ज्यादा कष्ट उठाना पड़ा है क्या आपको पता है| यह सिलसिला आज भी जारी है|
        दलित सिर्फ मायावती का अंध भक्त इसलिए ही रहा है क्योंकि माया ने हमेशा दलितों को अपनी सरकार सञ्चालन का टेलर ही दिखाया था,पर इसबार उसने पूरी फिल्म देख ली है| पूर्ण बहुमत की सरकार के बाद इसबार किसे दोष देंगे? केंद्र सरकार को? देश में कई मुख्य मंत्री हैं जिन्हें केंद्र का सहयोग नहीं मिल रहा है पर उनकी विकास परक सोंच के कारन उनके अपने प्रदेश विकास की राह पर चल रहें है| आपकी सरकार में सिर्फ पत्थरों की ही घिसाई हुई है| जनता आपकी भी सिर्फ घिसाई ही करेगी| अशिक्षित दलित के बेटा बेटी पढ़ लिखकर बेहतर जीवन जी सकें इसके लिए किये गए आपके काम ही आपकी पुनः वापसी का मार्ग प्रशस्त करेगे ऐसा कुछ किया हो तो याद करो| कल्पना लोकों दलालों की जमात और ए सी कमरों से बहार आकर देखो तो...| जो मै कह रहा हूँ वही पाओगे भाई नसीम जी| मेरे सत्य वचनों की सजा क्या है मुझे पता है.....| आप न सोंचिये| सच सुनने का माद्दा हो तो बताना...... फिर लिखूंगा| आप सबका- सुशील अवस्थी "राजन"

सोमवार, 30 मई 2011

जय बजरंगी जय हनुमान

आप सभी को बड़े मंगल की हार्दिक शुभकामनायें| तपती दुपहरी में लखनऊ के लोग स्टाल लगाकर राहगीरों को जल,शरबत व पूड़ियाँ बांटते हैं| बजरंगी के नाम पर यह प्रथा कितनी पुरानी है जान पाना थोडा कठिन है| लेकिन इस प्रथा में बजरंगी के प्रति लखनऊ वासियों की अपार श्रद्धा जरुर झलकती है| कहा जाता है अवध के नजदीक होने के कारन बजरंगी का लगाव यहाँ से रहा है| कहतें है कि लखनऊ का पुराना नाम लक्ष्मण पुरी था| और इसे भगवान् राम के प्रिय अनुज लखन लाल ने बसाया था| इस नाते भी हनुमान जी का व्यक्तिगत जुडाव लखनऊ से रहा है|
     देश के दुसरे हिस्सों में बड़े मंगल को किस रूप में मनाया जाता है आप लोग बताइए न| यदि आपके शहर में यह प्रथा प्रचलित है तो यकीन मानिये ये वैसे ही लखनऊ से आपके यहाँ पहुंची होगी जैसे गणेश पूजा महाराष्ट्र से व दुर्गा पूजा का आधुनिक रूप बंगाल से देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचा है| आपका अपना- सुशील अवस्थी "राजन"

पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित किया जाय

     दुनिया के किसी कोने में कोई आतंकी घटना हो और उसमे पाकिस्तान का नाम न आये क्या कभी ऐसा हुआ है? यहाँ तक कि दुनिया का सबसे कुख्यात आतंकवादी सरगना ओसामा बिन लादेन जिसे अमरीका के नेतृत्व में कई देश ढूँढ़ रहे थे, वह भी आख़िरकार पाकिस्तान में ही मिला| तो फिर दुनिया उसे आतंकी देश क्यों नहीं घोषित करती? क्योंकि दुनिया के दो ताकतवर देश अमरीका और चीन उसे भारत के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहते हैं| दुनिया उसे आतंकी देश घोषित करे या न करे भारत को तो स्पस्ट रूप से घोषित कर देना चाहिए| फिर दुनिया के देशों से कहना चाहिए कि यदि आप भारत से मधुर सम्बन्ध बनाना  चाहते हो तो पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करो| ठीक वैसे ही जैसे हम हर देश से सुरक्षा परिषद् में स्थाई सीट के लिए समर्थन जुटा रहें हैं, पाकिस्तान के कुकर्मों के खिलाफ भी दुनिया से समर्थन मांगना चाहिए| कोई भी देश दुनिया का कितना भी बड़ा दरोगा क्यों न हो भारत के विशाल बाज़ार को दरकिनार कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं बनाये रह सकता| फिर देखिये पाक घुटनों पर आता है या नहीं| यदि हम ऐसा नहीं कर रहें हैं तो समझो कि हम मुम्बई आतंकी हमले को भुलाने का ही जतन कर रहें हैं| आप ही बताइए न कि मै क्या कोई अतार्किक बात कह रहा हूँ क्या?
        पर हमारे भारत भाग्य विधाताओं की दुर्बुद्धि तो देखिये दुश्मन देश को बिजली उपलब्ध कराने के प्रस्ताव भेजे जा रहें हैं| जिस लातों के भूत पाकिस्तान पर चरण प्रहार करने चाहिए उससे वार्ता की भारतीय सरकार की अकुलाहट आम भारतीय की समझ से परे है| जानकार कहतें है कि सब अमरीका के दबाव में हो रहा है| अमरीका की गुलामी स्वीकारने  वाले हमारे आकाओं को अमरीका से ही सीखना चाहिए कि देश के दुश्मन को कैसे ढूँढ़ कर उसे नेस्तनाबूद किया जाता है| आपकी लडाई दुनिया का कोई देश लड़ने से रहा, वह तो हमें खुद ही लडनी होगी| पहले तो हमें अपनी डबल माइंड वाली स्थिति से उबरकर यह तय करना होगा कि पाकिस्तान दोस्त देश है या दुश्मन| आम भारतीय जानता है कि अपने निर्माण से लेकर आज तक पाक ने कोई भी दोस्ती का काम नहीं किया, फिर तो दुश्मन ही हुआ न| दुश्मन से जैसा बर्ताव किया जाता वह भारत के राजनयिक व सरकार नहीं जानते क्या? बाढ़ और सूखे पर पाकिस्तान को करोड़ों रुपये की मदद देने को बेचैन भारत किस मुंह से अमरीका से कहता है कि आपकी मदद का पाक भारत के खिलाफ इस्तेमाल करेगा|
       आम भारतीय को अपनी सरकार पर दबाव बनाकर भारत  सरकार को दोगली नीतियों से अलग होने के लिए बाध्य करना चाहिए| हमारे गाँव में एक कहावत है "आपन दाम खोट पारखी का कौन दोष" मतलब जब अपने में ही दोष है तो किसी दूसरे को दोष देने का क्या फायदा| यही तो हो रहा है| अमरीका और चीन कम दोषी हैं,हमारी अपनी सरकारें और हमारे अपने भारत भाग्य विधाता ज्यादा दोषी हैं| देश के असली मालिक जनता को अपने नौकरों के कान ऐठने का समय आ गया है| क्या आप तैयार हैं? अरे कान ऐठने के लिए और क्या..| 
आपका अपना-
            सुशील अवस्थी "राजन"

शनिवार, 28 मई 2011

हमारा दल के सदस्य बनिए

यूपी की राजनीती में एक नयी पार्टी का पदार्पण हुआ है हमारा दल, जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं श्री स्वदेश कुमार कोरी|   श्री कोरी पहले कांग्रेस में प्रदेश प्रवक्ता हुआ करते थे| अब उन्होंने अलग पार्टी बनाई है| श्री कोरी हमारे पुराने मित्र हैं| मेरी इक्षा हुई कि हमारा दल का जिक्र अपने फेसबुकी मित्रों से करूँ|
     आप लोगों में से जो भी राजनीती में रूचि रखता हो वह श्री कोरी से संपर्क कर सकता है| उनकी नीतियों रीतियों की जानकारी कर सकता है| 9415017577  श्री स्वदेश जी का व्यक्तिगत मोबाइल नंबर  है| जहाँ तक मै जानता हूँ कबीर दास के आदर्शों पर आगे बढ़ने का संकल्प लेकर निकले श्री कोरी को जनता का समर्थन मिलना चाहिए| सभी बड़ी पार्टियों को झेल चुकी यूपी की जनता के सामने  एक नया विकल्प होगा|
        स्वदेश जी ने अपनी पार्टी का भावी एजेंडा बताते हुए कहा कि फ़िलहाल तो यूपी के २०१२ के विधान सभा चुनावों में पार्टी को अधिकाधिक सीटों पर लड़ाना ही उनका प्रमुख लक्ष्य है| उनके लक्ष्य में यदि आप अपना अंशदान देना चाहें तो श्री कोरी के नंबर पर संपर्क करें| हर बड़े काम की इतनी ही छोटी शुरुआत होती है| आज वटवृक्ष के रूप में दिख रही बसपा  की भी कभी ऐसी ही शुरुआत हुई थी| क्या पता मै आज जिस पार्टी की चर्चा आपसे कर रहा हूँ बड़े भविष्य की छोटी शुरुआत हो|
       श्री कोरी एक ईमानदार और सच्चे व्यक्ति हैं| एकबार उनसे संपर्क जरुर किया जाय| यही हमारी हार्दिक इक्षा है| धन्यवाद ...आपका -सुशील अवस्थी "राजन"

शुक्रवार, 27 मई 2011

कौन थामना चाहेगा कांग्रेस का हाँथ ?


कांग्रेस+लालू=लालू ख़तम
कांग्रेस+रामविलास पासवान=पासवान ख़तम 
कांग्रेस+मुलायम=मुलायम ख़तम 
कांग्रेस+वामपंथी=वामपंथ ख़तम 
कांग्रेस+करूणानिधि=करुना ख़तम 
कांग्रेस+ममता=ममता ख़तम ?? 
      उपर्युक्त उदाहरन के बाद कौन पार्टी कांग्रेस का हाँथ थामना चाहेगी ? अंदाज़ा लगाइए न ? 

गुरुवार, 26 मई 2011

अफज़ल गुरु और कसाब को जल्द मिले फाँसी

प्रत्येक देश भक्त भारत वासी चाहता है कि संसद हमले के दोषी अफज़ल गुरु और मुंबई में निर्दोष नागरिकों को मौत बाँटने वाले पाकिस्तानी नागरिक अजमल आमिर कसाब को जल्द से जल्द फाँसी के फंदे पर लटकाया जाय| महामहिम राष्ट्रपति द्वारा पंजाब के देविंदर पाल सिंह भुल्लर व असम के महेंद्र नाथ सिंह की दया याचिकाएं खारिज किये जाने के बाद उम्मीद जगी है कि अफजल गुरु और राजीव गाँधी के हत्यारों को भी शीघ्र फाँसी दी जा सकेगी|
         बहुत देर से लिया गया न्यायिक निर्णय भी अन्याय जैसा ही होता है| राजीव गाँधी के भी हत्यारे अभी जीवित हैं| यह जानकर आम आदमी को बड़ा आश्चर्य होता है| आम आदमी तकनीकी बहस में नहीं पड़ना चाहता है| बस हमारे भारत भाग्य विधाताओं को कमी तलाश कर उसका निदान करना चाहिए| क्योंकि लचर कानून व्यवस्था आतंकियों व अपराधियों को प्रेरित करती है, अपनी नापाक साजिशों को साकार करने के लिए| जन-मन के विचारों की क़द्र की जानी चाहिए|

मंगलवार, 24 मई 2011

कौन लड़ रहा है आतंकवाद से ?

(सुशील अवस्थी "राजन") कौन लड़ रहा है आतंकवाद से? अमरीका,पाकिस्तान या फिर भारत...? मेरा अपना उत्तर है कि इनमे से कोई नहीं| सब ढोंग ढकोसला है| अमरीका की आतंकवाद के खिलाफ लडाई सिर्फ उसी आतंकवाद से  है,जो उसके अपने देश को नुकसान पहुँचाता है| बाकी दुनिया के आतंकवाद से उसका कोई लेना देना नहीं है|
         पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लडाई में सिर्फ माल पैदा करने में लगा है| आतंकवाद के खिलाफ लडाई के नाम पर उसे तो अमरीका जैसी दुधारू गाय मिल गयी है| ये बात अलग है कि दूध के साथ आजकल ये गाय कुछ ज्यादा ही लातें चला रही है| फिर भी ठीक-ठाक माल अन्दर हो चुका है|
          भारत  दुनिया का सर्वाधिक आतंकवाद पीड़ित देश है| पर हमारी स्थिति आतंकवाद से लड़ने के नाम पर सर्वाधिक हास्यास्पद है| हम जानते हैं कि आतंकवाद की जड़ कहाँ है पर कभी उस जड़ पर प्रहार करने की हिम्मत हम आज तक नहीं जुटा पाए| हमेशा अमरीका ब्रिटेन फ़्रांस का मुह ताकते रहे कि हमारी लडाई कोई और आकर लड़ जाय| दूसरे देश की सीमाओं में जाकर लड़ने की बात छोडिये हमारे अपने देश में आतंकवाद की जघन्य घटनाओं में शामिल आतंकवादियों अफज़ल गुरु और अजमल आमिर कसाब की हम सेवा चाकरी में लगे हैं| पाकिस्तान से आये दिन हम निवेदन करते रहते हैं कि जिन आतंकियों की आप सेवा सुरक्षा न कर पा रहें हों हमें दे दो| उनकी भी ऐसे ही सेवा करेंगे| जिन्हें पकड़ लिया उन्हें तो निपटा नहीं पा रहें और मांग रहें हैं|
         अब आप बताइए ना कौन लड़ रहा है आतंकवाद के खिलाफ लडाई अमरीका,पाक या भारत?

रविवार, 22 मई 2011

पाकिस्तान के भष्मासुर


हिन्दुओं के पौराणिक आख्यानों में भष्मासुर की एक कथा आती है, जिसमे वह भगवान् शंकर को प्रसन्न कर उनसे वरदान लेता है कि वह जिसके भी सर पर हाँथ रख दे वह भष्म हो जाय| एवमस्तु कह शंकर उसे वरदान देते हैं| लेकिन भस्मासुर शंकर के वरदान को परखने के लिए उन्ही पर प्रयोग करना चाहता है| भगवान् शंकर परेशान हो भागने लगते हैं|
        आज पाकिस्तान द्वारा पालित पोषित आतंकवादी भी भष्मासुर बन गए हैं| ये भष्मासुर अब पाकिस्तान को ही नेस्तनाबूत करने पर तुले हैं| क्या पाकिस्तान अब भी अपनी गलती को स्वीकारेगा ये देखनेवाली बात होगी| कल रात फैसल एयरबेस पर आतंकियों द्वारा किये गए हमले के बाद भी पाकिस्तान को कुछ और हमलों को झेलने के लिए अपने आपको तैयार रखना होगा| पाकिस्तान की हालत देख कर एक बात सत्य साबित होती दिख रही है कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होय|

गुरुवार, 19 मई 2011

रावण रथी विरथ रघुवीरा

रावण रथी विरथ रघुवीरा
राम चरित मानस  के राम-रावण युद्ध प्रसंग में तुलसीदास जी ने उक्त पंक्ति लिखी है|  न्याय और धर्म के प्रतीक भगवान् राम की  पैदल अर्थात साधन विहीनता और अन्यायी रावण की सम्पन्नता का चित्रण करती है यह पंक्ति-रावण रथी विरथ रघुवीरा, देखि विभीषण भयहूँ अधीरा |
       आज रावण को मरे हुए लाखों वर्ष हो चुकें हैं| पर हालात में क्या बदला? राम भक्तों के देश भारत में रावण आज भी सुविधा संपन्न हैं| राम का बनवास आज भी जारी है| जब तक रावणों के दुर्दिन नहीं आएंगे तब तक रामराज्य की स्थापना सिर्फ छलावा ही कही जायेगी| क्या करोड़ों रामभक्त मिलकर कोई ऐसा आन्दोलन नहीं खड़ा कर सकते जिससे राम का बनवास ख़त्म हो सके?       आपका - सुशील अवस्थी "राजन"

मंगलवार, 17 मई 2011

जनप्रतिनिधि या हैवान

जन प्रतिनिधि या हैवान?     
(सुशील अवस्थी "राजन") शशि हत्याकांड में अदालत द्वारा यूपी विधायक आनंद सेन को उम्रकैद  के  बाद हमारे जनप्रतिनिधियों की हैवानियत के किस्सों में एक किस्सा और जुड़ गया| सबसे मजेदार स्थिति यूपी सरकार की है| सजा हो जाय तो सरकार की मजबूत पैरवी , विधायक जी बच जाय तो हमारा विधायक निर्दोष साबित हो गया, ये विरोधियों की साजिश थी  आदि आदि जुमलों का इस्तेमाल कर हर स्थिति में अपनी पीठ ठोंकती है| लेकिन मीडिया और शिक्षा के विस्तार से अब स्थिति बदल रही है| हमें भी अपना प्रतिनिधि चुनते समय सतर्कता बरतने की जरुरत है| क्या 2012  के विधान सभा चुनावों में हम ऐसी  सतर्कता बरतने जा रहे हैं?                                                

सोमवार, 16 मई 2011

पेट्रोल मूल्य वृद्धि


पेट्रोल मूल्य वृद्धि       
      पेट्रोल के मूल्य ५ रूपये तक बढ़ चुके हैं,डीज़ल और रसोई गैस के दाम भी शीघ्र बढेंगे ऐसा संकेत केंद्र सरकार की तरफ से आम भारतीयों को मिल चुका है| केंद्र सरकार के इस कदम से महंगाई बढ़ेगी इसमे कहीं कोई संदेह नहीं है| लेकिन किया क्या जा सकता है? कोई भी राजनीतिक दल कितना भी विरोध करे परन्तु सत्य तो यही है कि  कांग्रेस की जगह कोई और भी होता तो भी यही होता| अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में लगातार बढ़ रहे तेल मूल्य हमें सस्ता तेल बेंचने से रोंकेंगे ही| सरकार को पेट्रोल-डीज़ल के विकल्प की तलाश करनी चाहिए| आपके पास ऐसे विकल्प हों तो बताइए न ..... आपका- सुशील अवस्थी "राजन"

मंगलवार, 10 मई 2011

 प्यारी बिट्टू क्या देख रही हो?
 समझ सको तो ......
       चेयरमैन   रसूलाबाद उन्नाव के साथ सुशील अवस्थी "राजन"
 ठंडक की धुप सेंकती मेरी प्यारी बिट्टू
 क्या चाहिए बेटू ?
 अच्छा मोबाइल के लिए दुखी था लालू .....
                    सर्वेश पाण्डेय मेरा प्यारा दुश्मन ...

शुक्रवार, 6 मई 2011

"Band Baja-Barat..Aur Sirf Ek Raat"

बैंड बाजा बारात और सिर्फ एक रात
       शादियों के मौसम में बैंड बाजा और बारात से सभी का सबका पड़ता है| सिर्फ एक रात में महँगी शादियों में इतना रुपया बर्बाद हो जाता है जितने में एक जोड़ा अपना भविष्य सँवार सकता है| अमीर चाहे जितना धन बर्बाद करें,पर देखने में यह आता है कि दिखावे का यह भूत गरीबों पर भी मजबूती से सवार होता है| दुर्भाग्य यह कि कहीं कोई सकारात्मक आवाज़ उठती नहीं दिखती है इस सामाजिक कुरीति के खिलाफ| काम तो बाद में किया जायेगा,कम से कम बात तो शुरू की जाय इस सामाजिक कुरीति के खिलाफ| मैंने तो बात प्रारंभ की है और आप ?

मंगलवार, 3 मई 2011

SABSE BADA AATANKWADI KAUN..LADEN YA.....?

    अमरीका और पाक की नाजायज़ औलाद लादेन  
(सुशील अवस्थी "राजन")    आतंकवादी कौन? जो अपना सारा काम आतंक व भय से बनाये| लादेन निसंदेह बड़ा आतंकी था,लेकिन उससे भी बड़े आतंकी धरती पर मौजूद हैं| अमरीका और पाकिस्तान भी दो बड़े आतंकी हैं| दोनों मजबूत दोस्त हैं| अमरीका ने उसे माँ की तरह पैदा किया पाकिस्तान ने उसे बाप की तरह  पाला पोसा और बड़ा किया| चूँकि लादेन अमरीका और पाक की नाजायज़ औलाद थी,इसलिए दोनों ने कभी भी दुनिया के सामने उसे अपनी औलाद नहीं माना| जबतक उसके कुकृत्यों से दोनों नाजायज़ माँ बाप (अमरीका-पाक) को फायदा होता रहा दोनों उठाते रहे| जब वो बदनामी का सबब बना दोनों माँ-बाप ने उसका षड्यंत्र से गला घोंट कर मार दिया|
          आतंकवाद को सरकारी नीति की तरह इस्तेमाल कर रहा भारत का मल देश पाकिस्तान क्या आतंकवादी देश नहीं है? क्या वहां आतंकी कैम्प धड़ल्ले से नहीं चल रहे हैं? दुनिया के किसी भी कोने में घटी चाहे कोई छोटी आतंकी घटना हो या बड़े आतंकी लादेन की मौत सभी आतंकी गतिविधियों के तार पाक से जुड़ ही जाते हैं| फिर भी पाक को अमरीका कंगारू के बच्चे की तरह अपनी थैली में रख दुनिया के कोप से बचाता आ रहा है| ऐसी नीतियों से अमरीका सदा के लिए लादेनों के कोप से नहीं बच सकता| अमरीका और पाक के अनैतिक संबंधों से फिर कोई न कोई नाजायज़ बच्चा पैदा होगा जिसे दुनिया लादेन कहेगी|

"AAYENGE AUR OSAMA ?

अमरीका आतंकवाद विरोधी या समर्थक ?
               सभी  राहत महसूस कर रहे हैं  कि दुनिया का सबसे कुख्यात आतंकवादी ओसामा अब नहीं रहा| इंसानियत का दुश्मन ओसामा किसी धर्म का प्रतिनिधि नहीं हो सकता| क्या हम और आप यह नहीं जानते कि ओसामा अमरीका की ही नाजायज़ औलाद है| जब तक वह औलाद अपने नाजायज़ बाप अमरीका के इशारे पर नाचती रही ठीक थी, पर जब वही औलाद बागी हो गयी,तो अमरीकनों की आँख की किरकिरी बन गयी| आख़िरकार ओसामा नाम की  किरकिरी से अमरीकनों की आँखें आज़ाद तो हो गयी हैं,पर कब तक?
       ओसामाओं को पैदा व इस्तेमाल करने कि अमेरिकन नीति जब तक नहीं बदलती तब तक दुनिया के किसी न किसी कोने में ओसामा पैदा होते रहेंगे| अपने नागरिको की जान जान है बाकी की जान की कोई कीमत नहीं? फ़िलहाल तो यही अमरीका की नीति है| उसके अपने हितों पर दुनिया के किसी भी कोने में यदि चोट पहुँचती  है,तो नियम कानून की परवाह किये बगैर वह अपने दुश्मन का सफाया कर देता है,लेकिन दूसरों को उसी राह पर चलने से रोंकता है,जिसपर वह खुद चलता आ रहा है| भारत पिछले कई सालों से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का सामना कर रहा है| लेकिन इस मुद्दे पर अमरीका जिस तरह का रवैया अख्तियार किये है वह बेहद शर्मनाक है| वह खाने के दांत और दिखाने के और ... व पर उपदेश आचरण अख्तियार कर लेता है| भारत कभी  नहीं चाहता है की भारत की लड़ाई अमरीका लड़े,पर आतंकवाद के खिलाफ झंडाबरदारी करने वाले अमरीका को आतंकवाद के संरक्षक देश पाकिस्तान से गलबहियां व दोस्ती रोंकनी चाहिए| अरबों रूपये की अमरीकी सामरिक मदद का उपयोग पाक हमेशा से भारत के ही खिलाफ करता आया है|फिर भी पाक को अमरीकी सहायता विधिवत जारी है| भारत राज्य पोषित आतंकवाद से पीड़ित है,और आतंकवाद को अपनी सरकारी नीति मानने वाला देश पाक उसकी आँख का  तारा  बना हुआ है| क्या माना जाय अमरीका आतंकवाद विरोधी है या समर्थक ? दुनिया जानती है की पाकिस्तान आतंकवादियों की सुरक्षित शरण स्थली  है| भारत सारी दुनिया के आगे लगभग गिडगिडाने की मुद्रा में प्रायः अपील करता रहता है,लेकिन उसकी कोई सुनने वाला नहीं है| सिर्फ इसलिए की दुनिया का दरोगा अमरीका उसका हमदर्द है| मुंबई में आतंक का नंगा नाच करनेवाले आतंकी पाकिस्तानी थे कौन नहीं जानता? पर अमरीका क्या अपने दोस्त पाक से कभी दबावपूर्ण तरीके से बोला की भारत के गुनाहगारों को सजा दो?
          ( सुशील अवस्थी "राजन")  

रविवार, 1 मई 2011

OBAMA-OSAMA

        ओबामा-ओसामा
ओबामा और ओसामा कितने मिलते जुलते नाम हैं? दोनों में बड़ा अंतर्संबंध भी है| जब ओसामा ताकतवर होगा तो ओबामा कमजोर होगा| अब ओसामा के मरने के बाद ओबामा जी उठा है| इधर कई सर्वे रिपोर्ट कह  रही  थी  कि ओबामा अमरीका में अलोकप्रिय होते जा रहे हैं| अब तो बस एक ही सहारा बचा था बेचारे ओबामा को, अलोकप्रियता के गर्त से बाहर आने का, और वह था जनाब ओसामा का| ओसामा ने मरते-मरते ओबामा कि मनोकामना पूरी कर ही दी| उम्मीद करनी चाहिए कि राष्ट्रपति बनने के बाद से अमरीकी राजनीति में रक्षात्मक  पारी खेल रहे ओबामा अब आक्रामक पारी खेलेंगे? पाकिस्तान के घर में टिकी अमरीकी सैनिकों कि बारात जैसे ही अपने वतन रवानगी करेगी भारतीय उपमहाद्वीप में अमरीकी सरोकार बदल जायेंगे| भारत को इन स्थितियों पर निगाह रख सही रणनीति अपनाने कि जरुरत है|

"KRIPA RAM KI"

            कृपा राम की

राम नाम आधार जिन्हें वे जल में राह बनाते हैं,
जिन पर किरपा राम करें वे पत्थर भी तिर जाते हैं|
       जामवंत कह सुनु रघुराया,जा पर नाथ करहूँ तुम दाया|
       ताहि सदा शुभ कुशल निरंतर, सुर-नर मुनि प्रसन्न ता ऊपर|
       सोई बिजई बिनई  गुन  सागर, तासु सुजसु त्रिलोक उजागर|
       प्रभु की कृपा भयहु सब काजू जन्म हमार सुफल भा आजू|
       जा पर कृपा राम कैय होई ता पर कृपा करै सब कोई|

योगी का एक मंत्री.. जिसे निपटाने के लिए रचा गया बड़ा षडयंत्र हुआ नाकाम

  सुशील अवस्थी 'राजन' चित्र में एक पेशेंट है जिसे एक सज्जन कुछ पिला रहे हैं। दरसल ये चित्र आगरा के एक निजी अस्पताल का है। पेशेंट है ...