पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के इस चित्र को हर भारतीय को गौर से और गर्व से देखना चाहिए। गौर से इसलिए क्योंकि इस चित्र में खुद अमेरिकी राष्ट्रपति राजीव गांधी के ऊपर छतरी ताने खड़े है, और गर्व से इसलिये क्योंकि ये चित्र तबका है, जब भारत गुट निरपेक्ष होते हुए भी सोवियत संघ यानि रूस के करीब हुआ करता था। 1985 में पीएम बनने के बाद स्व0 राजीव जी अमेरिकी दौरे पर गए थे। तब राष्ट्रपति रीगन खुद अपने हाँथ में छाता थामकर उन्हें उनकी कार तक छोंड़ने आये थे।
आप जरा कल्पना करिये कि अगर आज की विदेश नीति के नए पुरोधा पीएम नरेंद्र मोदी जी के सर पर इस्रायल के पीएम नेतन्याहू या फिर ट्रम्प नें इस तरह छतरी तान दी होती तो उनके प्रसंशक और मीडिया विदेश नीति के इस नए चाणक्य के लिए न जानें कौन कौन से मुहावरे ग़ढ रहे होते। कहने का आशय यह है कि विदेश नीति की सफलता या असफलता का पैमाना दृश्य नहीं तथ्य होते हैं, और तथ्यों के आधार पर मोदी जी की विदेशनीति को मैं फेल मानता हूँ, जबकि दृश्य आधार पर वह पास है।
सौ अच्छाइयों के बाद किसी को कुछ गल्तियां करने का अधिकार नहीं मिल जाता।
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