शुक्रवार, 30 सितंबर 2011

"अंततः परजीवी खटमल ही मारा जायेगा"


  सुशील अवस्थी "राजन"  दुनिया तेज़ी से बदल रही है| पाकिस्तान जो अमेरिका का दुलारा था वह अब चीन की आँख का तारा हो चुका है| भारत जो चीन से डरा सहमा रहता था वह चीन की आँख में आँख डालकर बात कर रहा है| चीनियों को लगता है कि भारत,जापान,अमेरिका उसकी घेराबंदी कर रहे हैं| इन परिवर्तनों की नीव उसी दिन पड़ गयी थी, जिस दिन अमेरिका नें ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में खोजकर उसका वध कर दिया था| पाकिस्तान और अमेरिका दोनों जान गए थे कि अब अपनें-अपनें देश के लोगों को और बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता| पाकिस्तान को अनाथ होनें से पहले नया मालदार आका  चीन मिल गया| जो भविष्य की विश्व महाशक्ति है| लेकिन पाक को एक बात समझ लेनी चाहिए कि अमेरिका वर्तमान की महाशक्ति है|  भविष्य के चक्कर में जो वर्तमान की उपेक्षा करता है उसका भविष्य हमेशा अंधकारमय ही होता है|
   पाकिस्तान को चीन की मिली सरपरस्ती ही भारत को चीन की आँख में आँख डालकर बात करनें के लिए जिम्मेवार है| चीन को सबक सिखानें के लिए भारत उसके दुश्मनों से यदि अपनें सम्बन्ध मजबूत कर रहा है, तो पाकिस्तान को अपनी झोली में बैठाकर चीन कैसे भारत से पूछ सकता है कि ये क्या माज़रा है? चीन एक बात बहुत ठीक से समझ रहा है,वह यह कि भारत १९६२ से काफी आगे बढ़ चुका है, जब उसनें हिंदुस्तान की पीठ में विश्वासघात  का खंजर आसानी  से घोंप दिया था| हालाँकि भारत-चीन संबंधो को पाकिस्तान जैसे खटमल देश से कोई खतरा पैदा होते हुए हमारे कूटनीतिक व राजनयिक नहीं देख रहे हैं फिर भी दूध से जला छांछ फूंक कर पीनें वाली सतर्कता तो जरुरी है| अब दुनिया भारत और चीन की अर्थव्यवस्थाओं को आपस में लड़ते हुए नहीं बल्कि सहयोग करते हुए देखना चाहती है| क्योंकि मंदी से जूझती दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को भारत और चीन की अर्थव्यवस्थाएं ही सहारा दे सकती हैं| भारत चीन को लड़ा कर सिर्फ पाकिस्तान को ही आत्मसुख मिलेगा और किसी को नहीं| पाकिस्तान के आत्मसुख के लिए न तो चीन लड़ना चाहेगा और न ही भारत| अंततः परजीवी खटमल ही मारा जायेगा|  

गुरुवार, 29 सितंबर 2011

"अपराधी हराओ, प्रदेश बचाओ"

  सुशील अवस्थी "राजन"  किसी विद्वान का कहना है कि अपराध से घृणा करो अपराधी से नहीं| इसी विद्वान के मंतव्य का सम्मान कर रहे हैं हमारे राजनीतिक दल| साढ़े चार साल तक मनी,माफिया और मीडिया से अपनें कार्यकर्ताओं को दूर रहनें की घुट्टी पिलाती रही यूपी की मुख्यमंत्री मायावती नें इन्ही त्रि "मा" का बेहतर उपभोग किया| और अब जब चुनाव सामनें दिख रहे हैं वह इन्ही से छुटकारा पाना चाह रही हैं| जबकि विरोधी पार्टियाँ माया की थाली से अलग हो रही इसी जूठन को सर माथे लगाकर माया की थाली छीननें का सपना संजो रही हैं|
 जानिए कुछ नामों को जितेन्द्र सिंह बबलू, जिसनें रीता जोशी के घर को आग के हवाले कर खूब नाम और यश कमाया| उनके इस पुनीत कार्य को सरकार नें अपनी सहमति भी दी| लेकिन ये मान्यवर अब उत्तर प्रदेश की नवोदित पीस पार्टी को राजनीति में "अपराधवाद" के गुर सिखायेंगे| जौनपुर से सांसद धनञ्जय सिंह की भी करीब-करीब यही कथा है| जिस गुड्डू पंडित को कभी सपा प्रदेश का सर्वाधिक वांछित विधायक मान रही थी,उसी को अपनी पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर पाक-साफ कर रही है|
  कोई लाख सफाई दे लेकिन यह एकदम सत्य है कि यूपी की राजनीति से कोई भी पार्टी अपराधियों को बेदखल नहीं कर सकती| यह पुनीत कार्य प्रदेश की जनता को ही करना होगा| वक्त आ गया है जब हम यूपी वासियों को "अपराधी हराओ, प्रदेश बचाओ" का नारा बुलंद करना चाहिए| चाहे वह किसी दल का हो| जब तक अपराधी जीतेगा तब तक राजनीतिक दल उसे टिकट देंगे| लेकिन जैसे ही अपराधी हारेगा पार्टियाँ उससे तोबा कर लेंगी| यह इसलिए भी जरुरी है क्योंकि अपराधी किसी का नहीं होता है|

मंगलवार, 27 सितंबर 2011

जय माता दी


सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते|

रविवार, 25 सितंबर 2011

" २ जी मतलब, ए. राजा जी और पी चिदंबरम जी "


     २ जी मतलब ए. राजा जी और पी चिदंबरम जी, जिसमे एक जी... राजा जी जेल में हैं, वहां वे दूसरे जी चिदंबरम जी को आज कल खूब याद कर रहे हैं| राजा जी को पूरा भरोसा है कि एक न एक दिन दूसरे जी भी जल्द ही अपनी करनी का फल भोगनें जेल में जरुर पधारेंगे| हालाँकि इन दोनों डबल जी को ईमानदार लेकिन बेईमानों के नेता मनमोहन जी नें बचानें में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी| श्रीमान मनमोहन जी अमेरिका से वचन उचारे हैं कि अपनें मंत्रियों का वह बचाव करते रहेंगे, लेकिन देश की जनता का वे महंगाई और भ्रष्टाचार से बचाव नहीं करेंगे|

शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

चीन को सबक



 ( सुशील अवस्थी "राजन"  ) चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ भारत नें अपनें कदम वापस न लेनें का एलान कर अंततः सराहनीय कार्य किया है| ज्ञात हो कि वियतनाम के समुद्री क्षेत्र में भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी ओएनजीसी तेल खोज कार्य कर रही है, जिस पर चीन को घोर आपत्ति थी| उसका कहना है कि भारत जहाँ तेल खोज कार्य कर रहा है वह चीनी सीमा के अंतर्गत आता है, इसलिए उसे घोर आपत्ति है| लेकिन भारत नें चीन की आपत्तियों को जिस तरह खारिज किया उसकी कल्पना तक करना  नामुमकिन था|  
    अमेरिका, जापान,वियतनाम वे देश हैं जिनसे चीन को बड़ी चिढ है| वियतनाम और जापान से उसका छत्तीस का आंकड़ा सिर्फ इसलिए है, क्योंकि इन देशों का चीन के साथ उसी प्रकार का सीमा विवाद है जैसा उसका भारत के साथ है| पिछले कुछ वर्षों में चीन नें भारत की जिस तरह की घेराबंदी की थी, उसके बाद भारत द्वारा ऐसा कठोर कदम उठाना जरुरी भी हो गया था| पाकिस्तान से मजबूत होती चीनी मित्रता, गुलाम कश्मीर में उसकी सक्रियता, आये दिन हमारी सीमा का उल्लंघन, कश्मीर और अरुणांचल के लोगों को अलग से वीजा जारी करना, लंका, बंगलादेश, म्यांमार में पैर जमाना आदि कुछ ऐसी घटनाएँ हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि चीन भारत को कमजोर करनें या डरानें की जुगत में लगा था|
     आज के समय में चीन को एक बात ठीक से समझ लेनी चाहिए कि भारत १९६२ से काफी आगे बढ़ चुका है| आज हम जिम्मेदार परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं| दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना हमारे पास है| दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी भारत की ही है| दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने का हमें गर्व है| पुरानी गलतियाँ दुहरानें की भूल करना चीन के लिए कतई आसान न होगा| भारत चीन की आँख में आँख डालकर बात करनें में सक्षम है, फिर भी अहिंसा ही हमारा आदर्श मूलमंत्र है|


गुरुवार, 22 सितंबर 2011

कुत्तों के भरोसे उन्नाव पुलिस

   कुत्तों के भरोसे है यूपी की एक पुलिस चौकी| यकीन न हो तो देखिये उन्नाव जिले के आसीवन थानान्तर्गत रसूलाबाद चौकी का यह वीडियो, फिर आपको भी विश्वास हो जायेगा कि आजकल कुत्तों को कितनी बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां निभानी पड़ रही हैं| कुत्तों का सम्मान करो भाई...|

मेरी प्यारी रिशिका


    मेरी प्यारी रिशिका (१८ महीना) अब चलनें की जिद करनें लगी है| कोई उसके हाँथ पकड़कर उसे सहारा दे तो फिर उसके लड़खड़ाते कदमों की गति देखनें लायक होती है| मुझे तो बड़ा आनंद मिलता है| ईश्वर उसे हमेशा प्रसन्न रखे| 

बुधवार, 21 सितंबर 2011

बी.एस.पी. बोले तो.. मतलब "बदमाश सुधार पार्टी"

     उत्तर प्रदेश की अधिकांश पार्टियाँ अपराधियों के प्रभाव में हैं| जब तक अपराधी दूसरे दल में रहता अछूत रहता है,लेकिन जैसे ही वह खुद के दल में आ जाता है, गरीबों का मसीहा तक हो जाता है| सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी तो बाकायदा अपराधियों और बदमाशों को पार्टी से जोड़कर सुधार कोर्स तक संचालित कराती है| अपराधी सुधार पाठशाला में शिक्षा पा रहे बदमाशों की परीक्षा लेनें के बाद पार्टी मुखिया घोषित करती हैं कि कौन पास कौन फेल| आजकल जौनपुर से सांसद एक बाहुबली माया मैडम की पाठशाला में अनुत्तीर्ण हो गया है|
    यूपी की मुख्यमंत्री जब किसी अपराधी प्रवत्ति के व्यक्ति को पार्टी की सदस्यता देती हैं, तो कहती हैं कि अमुक बदमाश वृत्ति के व्यक्ति नें उनसे वादा किया है कि वह सुधरना चाहता है, इसलिए वे उसे पार्टी से जोड़ रही हैं| और वे उसे समय देती हैं, उस तय समय में यदि वह नहीं सुधरता है तो बहिन जी उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देती हैं| सवाल यह है कि क्या हमारी राजनैतिक व्यवस्था में राजनीतिक पार्टियों का यही कार्य निर्धारित किया गया है कि वे अपराधी बदमाश सुधार संस्थाओं की तरह कार्य करेंगी| यदि नहीं... तो फिर तो यह जनता के साथ धोखा हुआ न| सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यों के अनुरूप यदि इस पार्टी को बहुजन समाज पार्टी की जगह बदमाश सुधार पार्टी कहा जाय तो क्या गलत होगा?

मंगलवार, 20 सितंबर 2011

खूब लड़ा मर्दाना...

    (सुशील अवस्थी राजन")  रामदेव की दूसरी स्वाभिमान यात्रा की शुरुआत झाँसी की पावन भूमि से हो चुकी है| झाँसी की मिटटी को पावनता प्रदान की है रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान नें| जिनके बारे में लिखी गयी ये पंक्तियाँ सारे देश को ज्ञात हैं कि "खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी"| अर्थात एक जनाना जिसनें देश हित के लिए मर्दाना काम किया| क्योंकि युद्ध पुरुषों का ही कार्य है|
     लेकिन रामदेव जी की देशभक्ति झाँसी की रानी से कहीं नहीं मेल खाती है| एक ओर जहाँ रानी लक्ष्मीबाई की देश भक्ति जनाना को मर्दाना बनाती है, वही रामदेव महराज जी की देश भक्ति मर्दानों को जनाना बनाती है| दुनिया नें रामलीला मैदान में स्वामी रामदेव जी की जनाना देशभक्ति लीला भी देखी है, जब श्री स्वामी जी महराज नें अपनें प्राणों की रक्षा के लिए महिलाओं को कैसे अपनी ढाल बनाने का कार्य किया, और अंततः महिलाओं के वस्त्र धारण कर अपनें प्राणों की रक्षा की| जबकि रामदेव की जनाना देशभक्ति एपिसोड के ख़त्म होनें के बाद अन्ना हजारे की मर्दाना देशभक्ति नें उसी जुल्मी, आततायी और बेरहम केंद्र सरकार को लोक जन प्रभाव से अपनें श्री चरणों पर लेटनें के लिए मजबूर कर दिया, जिस सरकार से डरकर बाबा रामदेव की देशभक्ति जनाना हो गयी थी|

सोमवार, 19 सितंबर 2011

मोदी उपवास सम्पन्न


    (सुशील अवस्थी राजन")    नरेन्द्र मोदी का उपवास संपन्न हुआ| तमाम धर्म गुरुओं नें जूस पिलाकर तुड़वाया उपवास|
वहीं बाघेला के उपवास पर देश नें नहीं किया विश्वास| कोई लाख मना करे लेकन मोदी के इस उपवास का ध्येय प्रधानमंत्री बनना ही है| मोदी का ऐसा सोचना कोई पाप नहीं है|
       मोदी के प्रधानमंत्री बनने की चर्चा का जन्म कांग्रेस की नाकामियों से हुआ है| अभी तक देश राहुल बाबा में अपना भावी प्रधान मंत्री देख रहा था| लेकिन जनता के उस भावी पीएम की पोल खुल चुकी है| अब ऐसे में देशवासियों का नरेन्द्र भाई मोदी की तरफ आशा भरी निगाहों से देखना स्वाभाविक है|
       नरेन्द्र मोदी क्या हैं सब अच्छी तरह जानते हैं| उनका पुराना विवादित राजनैतिक जीवन जनता की नजरों से छुपा नहीं है| उनके पापों की ही चर्चा करते रहनें के मूड में उनके विरोधी हो सकते हैं,जनता नहीं| उन्होंने यदि कहीं कुछ गलत किया होगा तो इस देश की न्याय पालिका उन्हें अवश्य दण्डित करेगी, जब कसाब जैसे अपराधी को न्याय के हवाले किया जा सकता है, तो फिर मोदी को क्यों नहीं? उनके अच्छे कामों पर भी गौर किया जाना चाहिए| विकास की जो इबारत मोदी नें लिखी है, उसकी चर्चा क्यों नहीं की जानी चाहिए?

सुशील अवस्थी "राजन"
09454699011

महारथियों के रथ, जनमानस पाएंगे मथ?


        अखिलेश यादव का समाजवादी क्रांति रथ आजकल उत्तर प्रदेश की भूमि नाप रहा है| कुछ दिन बाद भाजपा के वरिष्ठ वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी भी देश की भूमि नपेंगे| ये भूमि नापन अपनी-अपनी खोयी राजनीतिक जमीन हांसिल करनें के लिए किया जा रहा है| अखिलेश बाबू जहाँ मायावती द्वारा कब्ज़ा ली गयी अपनी राजनीतिक जमीन पाना चाह रहे हैं, वहीं आडवाणी जी सोनिया और कांग्रेस से अपना कब्ज़ा वापस पानें के लिए संघर्ष को तैयार हो रहे हैं| लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश और देश के लोगों को इन रथों के पीछे दौड़ कर क्या हासिल होगा? धूल,मिटटी,गुबार या फिर कुछ और? अभी तक के राजनीतिक रथों से तो फ़िलहाल देश के लोगों को कुछ भी सकारात्मक नहीं मिला है|
     आडवानी जी की प्रथम रथयात्रा के संस्मरण आज भी देश के लोगों के जेहन में ताज़ा हैं| जिसके बाद भाजपा को तो देश और प्रदेश की सत्ता नसीब हो गयी थी,लेकिन जनता के हाँथ लगी थी सिर्फ वायदों की खोखली पोटली| जिस राम और मंदिर के नाम पर यह यात्रा शुरू की गयी थी कालांतर में, पार्टी के स्वनाम धन्य नेताओं नें उसे ही बिसार दिया| फिर कैसे मान लिया जाय कि इस बार भ्रष्टाचार के खिलाफ रथारूढ़ हो रहे आडवानी जी सत्तारूढ़ होनें के बाद इस मुद्दे को दरकिनार नहीं करेंगे|

शनिवार, 17 सितंबर 2011

"क्या यूपी में बहेगी "परिवर्तन" की बयार"

       (सुशील अवस्थी राजन") मुझे लगता है उत्तर प्रदेश को "परिवर्तन" की जरुरत है| मेरे परिवर्तन का मतलब मायावती की जगह किसी और को मुख्यमंत्री बनाना नहीं है| हाँ विकासवादी सोंच का कोई व्यक्ति यदि यूपी का सीएम होगा तो मेरी परिवर्तनवादी सोंच को और बल मिल सकेगा|
       अन्ना हजारे के आन्दोलन ने स्पष्ट किया है, कि देश का आम आदमी सुशासन ही चाहता है, लेकिन इस सुशासन को उत्तर प्रदेश के लोग किस शिद्दत से महसूस कर रहे हैं, यह तो आनेवाला २०१२ का विधान सभा चुनाव ही स्पष्ट करेगा|  
        लूटवाद,अपराधवाद,जातिवाद, और धर्मवाद की प्रयोगशाला बन चुका उत्तर प्रदेश का पिछड़ापन जगजाहिर है| हमारी विडम्बना तो देखिये, आज हमारे पास विकासवादी सोंच का कोई एक सर्वमान्य नेता तक नहीं है| वैसा नेता जैसा गुजरात के पास नरेन्द्र मोदी के रूप में है| कभी उत्तर प्रदेश से भी ज्यादा दुर्भाग्यशाली रहे बिहार को भी नितीश कुमार के रूप में एक विकासपुरुष मिल चुका है| लेकिन यूपी के दिन फ़िलहाल बहुरते नहीं दिख रहे हैं|
        समाजवादी पार्टी के कुशासन से तंग होकर हमने माया को बुलाया, लेकिन वह तो मुलायम से भी कई हाँथ आगे निकली| उन्ही के विधायक मंत्री शोषण आन्दोलन का नेतृत्व करनें लगे| जेल में हत्याएं होनें लगी| नाबालिग कन्याओं से बलात्कार होनें लगा| खुद मुख्यमंत्री जनसभाओं में फूलों की जगह नोटों की माला पहननें लगी| विरोध करनें वालों के घरों को प्रशासन की देखरेख में आग के हवाले किया जानें लगा| पत्रकारों को पुलिस अधिकारी दिनदहाड़े अपमानित करनें लगे| यदि यह सब कुशासन नहीं है तो फिर कुशासन की क्या परिभाषा होगी?
       भाजपा और कांग्रेस का यूपी की सियासत में कोई ज्यादा महत्त्व नहीं रहा| प्रदेश वासी कांग्रेस को महंगाई की जननी के रूप में देख रहे  हैं, तो भाजपा को २०१४ के लोकसभा चुनाओं में कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार की अकर्मण्यता के फलस्वरूप दिल्ली की सत्ता देनें की फिराक में है| मुझे तो लगता है यूपी की जनता के पास इस बार राजनैतिक विकल्प हीनता की स्थिति होगी| जिसमें मिली-जुली खिचड़ी सरकार के मजबूत आसार हैं|
       ऐसी स्थिति में अन्ना हजारे या उनकी टीम यदि कोई नया राजनैतिक विकल्प रख दे, तो हालात पूर्ण परिवर्तनीय हो जायेंगे, और यही परिवर्तन मुझे यूपी के लिए सर्वाधिक मुफीद परिवर्तन लगता है| इसी परिवर्तन से यूपी का भाग्योदय हो सकता है| बाकी परिवर्तन थोथा परिवर्तन होगा|


गुरुवार, 15 सितंबर 2011

भारत के भावी प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी

      (सुशील अवस्थी "राजन") लग रहा है २०१४ के लोकसभा चुनाव के बाद नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री  होंगे| हालाँकि अभी ऐसा सोंचना जल्दबाजी ही होगी, फिर भी इस मजबूत संभावना को नकार पाना किसी के लिए आसान नहीं है, न तो कांग्रेस के लिए और न ही अडवाणी जी के लिए जो प्रधानमंत्री बनने का असंभव ख्वाब अपनी आँखों में संजोये हुए हैं| नरेन्द्र मोदी के पीएम बनने की सम्भावना की चर्चा न तो कांग्रेस ने शुरू की है, और न ही अडवाणी जी नें, बल्कि इस चर्चा को शुरुआत दी है अमेरिका नें| अमेरिकी CCR कमेटी नें मोदी के साथ-साथ बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के भी तारीफों के पुल बांधे हैं|
       कुछ भी हो यह तो सत्य ही है,कि इन दोनों मुख्यमंत्रियों नें अपनें-अपनें प्रदेशों को विकास की राह पर अग्रसर किया है| ऐसे में यदि इन्हें जनता प्रमोशन देनें की सोंच बैठे तो किसी को आश्चर्य करनें की जरुरत नहीं है| नरेन्द्र मोदी की विकासपरक कार्यपद्धति के आज सभी कायल हैं| यह भी सच है कि ये वही नरेन्द्र मोदी हैं, जिन पर कभी संकीर्ण धर्मवादी राजनीतिज्ञ होनें के आरोप लगते रहे हैं| पर ये सब अब पुरानी बातें हैं| रीढ़ी विहीन वर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को झेल रहे हिन्दुस्तानियों के लिए नरेन्द्र मोदी के पीएम बनने की खबर पर आम भारतीय की प्रतिक्रिया यही होती है, (खासकर तब  जब कोई नरेन्द्र मोदी के पिछले विवादास्पद राजनीतिक जीवन की बात करता है) कि  "छोंड़ो कल की बातें.... कल की बात पुरानी... नए दौर में लिखेंगे.... मिलकर नयी कहानी... हम हिन्दुस्तानी..." 

ये तो घाटे वाला फायदा है

         आज आधी रात से पेट्रोल ३ रुपये और महंगा हो जायेगा| महंगाई के मोर्चे डटे आम आदमी के लिए ये बढ़ोत्तरी कोढ़ में खाज का काम करेगी| सरकार का वही पुराना राग कि पेट्रोलियम कंपनियों को हो रहे घाटे से बचानें के लिए ऐसा करना जरुरी हो गया था| ये तो घाटे वाला फायदा है| महंगाई के मोर्चे पर लड़ रही सरकार ही महंगाई बढानें के उपक्रम कर रही है|

मंगलवार, 13 सितंबर 2011

देखिये भ्रष्टाचार का एक नमूना

   देखिये भ्रष्टाचार की मजबूत लामबंदी| देश की तहसीलों को भ्रष्टाचार से मुक्ति की सबसे ज्यादा जरुरत है| गाँव के गरीब और निरीह किसानों को संगठित भ्रष्टाचारी कैसे लूट रहे हैं, उस पर दुर्भाग्य यह कि विभाग के सक्षम अधिकारी इस नापाक गठजोड़ की सबसे अहम् कड़ी बने हुए हैं|  मै रायबरेली की महराजगंज तहसील के कसरावां गाँव का निवासी हूँ, जहाँ मेरी करीब २५ बीघा खेती है| मेरी इस २५ बीघे खेती को तहसील के कारिंदों नें ५०० बीघे में तब्दील कर दिया है| हर सरकारी दस्तावेज़ में अब हम ५०० बीघे के काश्तकार हो चुके हैं| अब जब हम ५०० बीघे के काश्तकार से वाजिब २५ बीघे के काश्तकार होना चाहते हैं तो हमसे रिश्वत मांगी जा रही है| ऐसी परिस्थिति से निपटनें के लिए मुझे आप मित्रों की सलाह की जरुरत है| मै क्या करूँ प्लीज़ बताइए.... रिश्वत दूँ या न दूँ?

शनिवार, 10 सितंबर 2011

"लड़कियों का जवाब नहीं"


 



   आये दिन सुनने में आता है कि लोग बेटियों को गर्भ में ही मार डालते हैं| कैसे होते हैं ये हत्यारे? सच मानिये बड़ी प्यारी होती हैं बेटियां| लड़कियों का जवाब नहीं| मेरी १८ महीनें की प्यारी बिटिया रिशिका का यह वीडियो उन लोगों के लिए है जो सिर्फ लड़का चाहते हैं|

गुरुवार, 8 सितंबर 2011

"हे प्रभु, हमारी रक्षा करो"

     दिल्ली हाईकोर्ट में हुए बम धमाके नें आम भारतीय के मन में अपनी नपुंसक केंद्र सरकार और कांग्रेस पार्टी के प्रति और अधिक क्रोध,विक्षोभ पैदा कर दिया है| क्रोध इस लिए कि सिर्फ वोट के लिए यह पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर धरे बैठी है| कांग्रेस का पागल,सनकी राष्ट्रीय  महासचिव दिग्विजय ओसामा जैसे दुर्दांत आतंकी की मौत पर मातम करता है, उसके बाद भी उसका पार्टी में सम्मान किया जाता है| संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी पर लटकानें के नाम पर हमारी हिजड़ी सरकार की सांसे फूलनें लगती हैं| सालों तक हमारी सरकार में बैठे अफजल भक्त उसकी दया याचिका गृह मंत्रालय में लटकाए रहते हैं,ताकि कांग्रेसी दामाद की जान पर कोई आंच न आनें पाए| करोडो रुपये खर्च कर मुंबई आतंकी हमले के दोषी कुत्ते,मादर चोर कसाब को भांति-भांति के व्यंजन परोस अपनें को धन्य मान रही हमारी अपनी सरकार आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है या पाकिस्तानी सरकार? अब तो इन आततायी आतंकियों की सजा माफ़ किये जानें के नए षड़यंत्र रचे जा रहे हैं| कांग्रेस का बस नहीं चलता नहीं तो ये वोट के लिए अपनें दामाद अफजल को २०१४ के लोकसभा चुनाओं में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दें, और महात्मा गाँधी की जगह ओसामा को अपना आदर्श महापुरुष बना लें| वैसे भी गांधीवादी तरीकों जैसे अनशन,धरना प्रदर्शनों आदि से इस पार्टी को कितनी चिढ है, यह बात किसी से छिपी नहीं है| आम भारतीय इस समय बहुत ही असहाय और निराश है, जिसे देख हमारे दुश्मन जरुर मगन हो अट्टहास कर  रहे होंगे| हे प्रभु हम भारतीयों की रक्षा करो, क्योंकि हमें खतरा अपनें दुश्मनों से नहीं,बल्कि अपनें भाग्य विधाताओं से है|
 
                                                             सुशील अवस्थी "राजन"
                                          09454699011

बुधवार, 7 सितंबर 2011

आतंकियों के हौसले बढ़ा रही भारत सरकार

     आतंकवादियों नें एक बार फिर अपनी कायराना हरकत से कई निर्दोष भारतीयों के खून से अपनें हाँथ रंगे हैं| दिल्ली हाई कोर्ट में आज हुए विस्फोट को हमारे प्रधानमंत्री नें भी बंगलादेश की सरजमी से कायराना हरकत बताया है| एक झूंठा संकल्प भी मनमोहन जी नें तोता रटंत लहजे में दुहराया है, मानों अब आतंकियों की खैर नहीं|
      अफजल गुरु, कसाब की सेवा चाकरी से आतंकियों को कौन सा सबक सिखाया जा सकता है? जिस पार्टी की सरकार के  प्रमुख बड्बोलाचारी परम आदरणीय दिग्विजय सिंह जी को रामदेव जैसा संत ठग और दुनिया का खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन महापुरुष लगता हो उस सरकार से आम भारतीय किसी प्रकार की उम्मीद नहीं रखता है कि वह आतंकवाद से हमें मुक्ति दिला पायेगी| कांग्रेस के असंभावी प्रधानमंत्री राहुल गाँधी जी साफगोई पूर्वक पहले ही देश की जनता को समझा चुके हैं कि सभी आतंकी हमलों को रोंक पाना संभव नहीं है| मानों उन्होंने कह दिया है कि वे आतंकियों पर किसी प्रकार की जुल्म ज्यादती बर्दाश्त नहीं करेंगे| हाँ भारत की जनता आतंकियों को धैर्य पूर्वक जरुर बर्दाश्त करे|

                                           

    
                                    सुशील अवस्थी "राजन"
                                                    09454699011

रविवार, 4 सितंबर 2011

"यूपी से अन्ना हजारे को खुला पत्र"

परम आदरणीय,
                                             अन्ना हजारे जी सादर प्रणाम|

            महोदय, आपके भ्रष्टाचार के खिलाफ छेंडे गए आन्दोलन के बाद मैं आपका अनुयायी हो गया हूँ| इससे पहले मैं अनेंक राजनीतिक दलों व नेताओं के लिए काम करता रहा हूँ,सिर्फ इस उम्मीद और विश्वास के साथ कि यह नेता और पार्टी हमारे उत्तर प्रदेश को देश का उत्तम प्रदेश बना देगी, लेकिन अफ़सोस कि आज तक ऐसा कोई परिवर्तन यूपी की सरजमी पर पदार्पित न हो सका| ऐसे समय जब सारा देश व्यवस्था परिवर्तन के लिए आपकी तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहा है, यूपी के लोग भी आपसे उम्मीद करते हैं कि हम लोगों के उत्थान के लिए आप कुछ न कुछ जरुर करेंगे| हमारी हर मोर्चे पर बदहाली जगजाहिर है| राजनीतिक दल और नेता तो इस बदहाली के लिए जिम्मेदार हैं ही साथ ही यहाँ की जनता भी कम दोषी नहीं है| हम जातिवाद,धर्मवाद और अपराधवाद की राजनीति में गले तक सनें हुए हैं| ऐसे में प्रदेश के लोग सिर्फ आपकी तरफ ही उम्मीदभरी  निगाहों से देख रहे हैं|
       आदरणीय अन्ना बाबा जी उत्तर प्रदेश नें देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिए हैं, लेकिन राजनीतिक रूप से हम लोग आज सर्वाधिक अनिर्णय की स्थिति में हैं| गंगा,यमुना,गोमती,सई,राप्ती, आदि नदियों की जलोढ़ मिटटी से हमारे खेत उर्वरा शक्ति से परिपूर्ण हैं, लेकिन किसान आत्म हत्या करनें को विवश है| भ्रष्टाचार का आलम तो यह है कि राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग के ३ बड़े अधिकारियों की    दिन दहाड़े हत्याएं होती हैं, और हमारी अपनी ही सरकार का   रवैया शर्मशार करनें वाला होता है| जनता का शक तब और मजबूत होता है जब एक डिप्टी सी.एम.ओ. की हत्या जेल में बड़ी ही निर्ममता से कर दी जाती है| राजनीतिक दल अपनी पार्टी के टिकट  की नीलामी करते हैं| ५ साल तक भ्रष्टता और निर्लज्जता से सरकारी धन की लूट करनें वाले ठेकेदार पार्टी टिकट खरीद कर समाज में फैले जातिवाद,धर्मवाद का फायदा उठाकर जनप्रतिनिधि बन जाते हैं, और हमारे शोषण का दुष्चक्र ऐसे ही चलता आ रहा है| आप की छवि का असर हम सब पर है,आपकी एक अपील हमारे प्रदेश का भवितव्य बदल सकती है| कुछ करिए बाबा...प्लीज़ ....प्लीज़ बाबा कुछ तो करिए| हम सब युवा आपके आभारी रहेंगे|
                                                                               आपका अनुयायी -

                                                                सुशील अवस्थी "राजन"
                                                                               9454699011 

योगी का एक मंत्री.. जिसे निपटाने के लिए रचा गया बड़ा षडयंत्र हुआ नाकाम

  सुशील अवस्थी 'राजन' चित्र में एक पेशेंट है जिसे एक सज्जन कुछ पिला रहे हैं। दरसल ये चित्र आगरा के एक निजी अस्पताल का है। पेशेंट है ...