शनिवार, 31 मार्च 2012

कन्या भोज

     नवरात्रि के अंतिम दिन करीब-करीब सारे उत्तर भारत में कुंवारी कन्याओं को भोज कराकर सम्मानित किया जाता है। इसी क्रम में आज सुबह मेरे आवास पर भी मेरी धर्म पत्नी श्रीमती सोनी अवस्थी की अगुआई में कन्याओं को भोज दिया गया। मेरी 2 साल की प्यारी बिटिया रिशिका ने भी इस भोज का भरपूर आनंद लिया।
     इस दौरान मै लगातार कन्या भ्रूण हत्या को लेकर सोंचता रहा। अगर हमारा समाज ऐसे ही कन्याओं की गर्भ में ही हत्या करता रहे, और नवरात्रि पर उन्हें भोज देकर सम्मानित करता रहे, तो क्या इसे हम अपनें समाज का दिवालिया पन नहीं कहेंगे? कन्याओं का वास्तविक सम्मान यही होगा कि हम उन्हें गर्भ में न मारकर इस खूबसूरत दुनिया में लायें, और बगैर किसी भेद-भाव के उन्हें पुष्पित पल्लवित होनें के समान अवसर उपलब्ध कराएँ।
     
       
     
  

शुक्रवार, 30 मार्च 2012

"मा0 अखिलेश यादव को यूपी के आम आदमी का खुला पत्र"

  उत्तर प्रदेश के युवा और यशस्वी मुख्यमंत्री मा० अखिलेश यादव जी को इस प्रदेश के आम आदमी सुशील अवस्थी "राजन" का सादर नमस्कार!
महोदय,
                सर्वप्रथम आपको देश के सबसे महतव्पूर्ण सूबे का मुखिया बनने पर हार्दिक बधाई। आपके सत्तारूढ़ होनें से हम सभी प्रदेश वासियों के मन में एक उम्मीद जगी है, कि अब हमारा प्रदेश भी विकास पथ पर सतत अग्रसर होगा। लेकिन हम आम लोगों की इस उम्मीद पर खरा उतरनें के लिए आप व आपकी पूरी टीम को चुनावी अभियान में की गयी मेहनत से भी ज्यादा नियोजित और संगठित मेहनत करनी होगी। 
                जाति,धर्म और भ्रष्टता की तंग पगडंडियों पर अब तक चल रहे सूबे को विकास मार्ग पर ले जानें के लिए आपको कुछ अलग हटकर काम करनें की जरुरत है। आपके इस काम में सबसे बड़ी बाधा बनेंगे इस प्रदेश के लाखों बेलगाम सरकारी कर्मचारी व अधिकारी। लेट-लपेट कार्यालय आनें की आदी और आ जानें के बाद भी जनहित के कामों को न करनें की मंशा बना चुके, इन महापुरुषों के स्वभाव को बदलनें की नितांत आवश्यकता होगी।
               कल की एक घटना से आपको अवगत कराना चाहता हूँ। मेरे एक पडोसी श्री कान्त मिश्र जी की तबियत ख़राब होनें पर उन्हें राजधानी के छत्रपति साहू जी महराज चिकित्सा विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया। श्री मान मिश्र जी व उनके तीमारदारों के साथ चिकित्सा विश्वविद्यालय के डाक्टरों द्वारा किया गया संवेदन हीन बर्ताव बताता है कि आज भी स्थिति बहुत ज्यादा ख़राब है। यह सब सुधारे बगैर इस प्रदेश का कुछ भी नहीं हो सकता। हमें उम्मीद है आप यह सब सुधारेंगे।
             आपका अपना -    सुशील अवस्थी "राजन" 09454699011

बुधवार, 28 मार्च 2012

भारतीय सेना और कांग्रेस

      भारतीय थल सेना प्रमुख की प्रधानमंत्री को लिखी गयी चिट्ठी नें हमारी सेना की कमजोरियों को जग जाहिर कर दिया है। एक अखबार नें इस चिट्ठी को उजागर किया है। पाकिस्तान और चीन जैसे दगाबाज़ देशों से घिरे हिंदुस्तान की सेना की दुर्दशा तो देखिये कि उसके पास गोला-बारूद तक का अभाव है। हमारी हवाई रक्षा प्रणाली के 97% फीसदी उपकरण बेकार हैं। कांग्रेस के नेतृत्व में चल रही यू०पी०ए0 की इस भ्रष्ट और निकम्मी सरकार में हम और आप कितनें सुरक्षित हैं ? इस दुर्दशा के लिए भारत वासी किसे दोषी मानें? राहुल गाँधी को, सोनिया गाँधी को या फिर मनमोहन सिंह को?
    चीन से मात खाए तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के वह पश्चातापी आंसू हम भारतीयों की पलकों को आज भी नम कर जाते हैं,    जो उन्होंने लता मंगेशकर के "ए मेरे वतन के लोगों, जरा याद करो कुर्बानी" पर बहाये थे। तब तो हम चीन की दगाबाजी के शिकार हुए थे।  हमारे भोले जवाहर लाल जी उसकी दोहरी चालों को न समझ सके थे। जब हम भारतीय हिंदी चीनी भाई भाई का नारा लगानें में व्यस्त थे, उसी समय चीन नें अपनी दुष्टता का परिचय देते हुए, हम पर आक्रमण कर, जो गहरे घाव दिए हम आज तक सहला रहे हैं। वह तो एक भूल थी, लेकिन क्या वर्तमान कांग्रेस सरकार जान बूझकर देश को गड्ढे में ले जानें का काम नहीं कर रही है? 
    पाकिस्तान और चीन का भारत विरोधी गठजोड़ क्या हमारी अंधी सरकार को नहीं दिख रहा क्या? फिर सैनिक तैयारियों पर इतनी बड़ी लापरवाही क्यों? राहुल सोनिया & कंपनी, कांग्रेस को देश वासियों की चिंताओं के जवाब देनें चाहिए। अन्यथा देश की जनता इन्हें इतनें गहरे गड्ढे में दफ़न करेगी जहाँ से निकल पाना असंभव हो जायेगा। 
                       सुशील अवस्थी "राजन"  9454699011

रविवार, 25 मार्च 2012

मानवतावादी समाज पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष

     मानवतावादी समाज पार्टी ने प्रभात श्रीवास्तव को अपना प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह निर्णय पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया है। श्री प्रभात श्रीवास्तव को इस आशय का घोषणा पत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान आर एस  मानव ने दिया। साथ ही उम्मीद जताई कि श्रीवास्तव जी के नेतृत्व में पार्टी उत्तर प्रदेश में बेहतर संगठन खड़ा कर मानवतावाद की अलख जगाएगी।

बुधवार, 21 मार्च 2012

मानवतावादी समाज पार्टी

      मानवतावादी समाज पार्टी ने मुझे प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त किया है। आप सबका सहयोग चाहिए। ताकि मै अपनें कर्तव्यों का भली-भांति निर्वहन कर सकूँ। मै समय समय पर आप सभी को इस पार्टी की रीतियों नीतियों से अवगत कराता रहूँगा।

शनिवार, 17 मार्च 2012

"जनता का मिशन २०१४"

     माया शासन की तानाशाही झेल रहे यूपी वासियों नें अंधी-बहरी सरकार को उसके मुकाम तक पंहुचा दिया है। इस तरह से यूपी की पीड़ित-प्रताड़ित जनता का मिशन २०१२ तो संपन्न हो गया है। अब अगर आम आदमी की निगाह में कुछ चुभ रहा है, तो वह है, कांग्रेस की केंद्र सरकार। वह पार्टी जिसनें नारा दिया था "कांग्रेस का हाथ, आम आदमी के साथ" लेकिन इस हाथ नें देश की गरीब जनता को दोनों हाथों से लूटनें का काम किया, और उस लूटे गए पैसे को अपनी चंडाल चौकड़ी पर दोनों हाथों से लुटाया। इस निकम्मी सरकार के चाणक्य २०१४ में होनें वाले लोकसभा के आम चुनाव में फिर से दिल्ली की गद्दी पर काबिज होनें के लिए रणनीतियां बनाने लगे है। इस मिशन का इन लोगों नें नामकरण किया है, मिशन २०१४। और राजनीतिक पार्टियों की ही तरह जनता नें भी अपनें इस नए मिशन का नाम रखा है मिशन २०१४ । देखनें वाली बात यह होगी की कांग्रेस को दफ़न करनें के बाद जनता किसको दिल्ली की बागडोर सौपती है। जैसे यूपी की जनता नें काफी पहले से तय कर लिया था कि माया को तो जाना ही है, उसी तरह देश की भी जनता नें तय कर रखा है कि कांग्रेस को तो जाना ही है। आना किसको है सिर्फ इसी का इंतजार है। 

मख्यमंत्री की सुरक्षा, और आम आदमी की मुसीबत


      उत्तर प्रदेश माया की माया से मुक्त हो रहा है। आज अखिलेश की सरकार नें माया को मिली अनाप-शनाप सुरक्षा वापस ले ली। अब उन्हें सिर्फ जेड श्रेणी की ही सुरक्षा मिलेगी।  ठीक वैसी ही जैसी सुरक्षा पूर्व मुख्यमंत्रियों मुलायम सिंह और कल्याण सिंह को मिली है। बहन जी के आवास से आज सुरक्षा के अत्याधुनिक उपकरणों को भी हटाने का काम शासन ने किया है।
    सच्चाई तो यही है कि सुरक्षा के अत्यधिक ताम-झाम की कीमत अंततः आम आदमी को ही चुकानी पड़ती है। मुझे आज भी याद है कि राजधानी वासियों को मायावती की सुरक्षा के नाम पर प्रशासन किस तरह परेशान करता  था। उनके आनें और जानें के समय घंटो पहले ट्रैफिक रोंक दिया जाता था, जिससे आम आदमी को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता था।
     कल सपा प्रत्याशियों के राज्य सभा नामांकन के समय प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिस सादगी से बगैर सुरक्षा ताम-झाम के उपस्थित हुए उससे उम्मीद बंधी है कि आनें वाले दिनों में प्रदेश की जनता को सुरक्षा के नाम पर किया जा रहजा उत्पीडन रुकेगा। 

शुक्रवार, 16 मार्च 2012

क्या उत्तर प्रदेश बनेगा उत्तम प्रदेश?

     (सुशील अवस्थी "राजन")    नयी अखिलेश सरकार के सामनें सिर्फ चुनौतियाँ नहीं हैं, बल्कि चुनौतियों के अम्बार हैं। जिसमें पूर्ववर्ती बसपा सरकार द्वारा फिजूल के कार्यों से खाली हो चुका प्रदेश सरकार का खजाना सबसे बड़ी चुनौती है। आम प्रदेश वासी अपनें नए मुख्यमंत्री से जिस एक चीज़ की अपेक्षा बहुतायत रूप से कर रहा है, वह मुद्दा है पटरी से उतरी कानून व्यवस्था। जिसे सपा के अनुशासनहीन कार्यकर्ताओं से ही सर्वाधिक खतरा है। शपथ ग्रहण समारोह में जिसकी बानगी प्रदेश वासी देख चुके हैं। प्रदेश का युवा भी अपनें युवा मुख्यमंत्री से काफी उम्मीदें बांधे है। जिसके दम पर सपा फिर से सरकार में वापसी कर सकी है। खस्ताहाल सड़कें, अस्तव्यस्त स्वस्थ्य सेवाएँ, लचर विद्युत् आपूर्ति, अनुपयोगी शिक्षण व्यवस्था आदि ऐसे मुद्दे हैं, जिनसे निपटनें में हमारे युवा मुख्यमंत्री को अपनी सूझ-बूझ का परिचय देना होगा। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक वातावरण के प्रदूषण को साफ कर पूरे देश को यह सन्देश देना होगा, कि अतीत की दुखदायी बातों को पीछे छोंड उत्तर प्रदेश अब उत्तम प्रदेश बननें की राह पर अग्रसर हो चुका है।

गुरुवार, 15 मार्च 2012

अखिलेश सरकार देखा तो ऐसा लगा.....

अखिलेश सरकार देखा तो ऐसा लगा.....
जैसे बोतल नयी पर पुरानी शराब,
जैसे राजा हों अच्छे,  डी पी ख़राब।
जैसे जूते फटे पर चौकस जुराब।
जैसे खण्डहर किले की बुलंद मेहराब।
जैसे "राजन" को बोले दरोगा जनाब।
जैसे चौचक जिल्द वाली फटी किताब।

"अखिलेश की सरकार, चुनौतियाँ बरकरार"


      लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गुरुवार को सबसे यूपी के सबसे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लॉ-मार्टीनियर कॉलेज ग्राउंड में विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी के बीच शपथ ग्रहण की। उन्हें प्रदेश के राज्यपाल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
अखिलेश के अलावा रामपुर से विधायक आजम खां, शिवपाल यादव, डाक्टर अहमद हसन वकार अहमद शाह, राजा अरिदमन सिंह, बलराम यादव, अवध प्रसाद, ओमप्रकाश सिंह, जौनपुर के पारसनाथ यादव, रामगोविंद चौधरी, आनंद सिंह ने फिलहाल तक शपथ ली है। अंबिका चौधरी और राजा भैया को चुनाव में हारने के बाद इस समारोह के दौरान मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। आज के शपथ समारोह में कुल 29 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जानी है।
मोतीलाल वोरा, सुल्तान अहमद, प्रकाश कारत, पवन बंसल, रीता बहुगुणा जोशी भी अखिलेश के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। इस समारोह में शामिल होने कई अतिथि बुधवार को ही लखनऊ पहुंच गए थे। वहीं कुछ अतिथि गुरुवार को भी समारोह में पहुंचे हैं।
समारोह में शामिल होने वालों में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रकाश करात, जनता दल [यू] के अध्यक्ष शरद यादव, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री सुल्तान अहमद, अभिनेत्री एवं पूर्व सासद जया बच्चन, उद्योगपति अनिल अंबानी, सुब्रत राय सहारा व जामा मस्जिद दिल्ली के शाही इमाम सैय्यद बुखारी प्रमुख हैं।
तमिलनाडु के कई सासद भी समारोह में शिरकत करेंगे। समारोह में बाहर से आने वाले इन विशिष्ट व्यक्तियों को राज्य अतिथि का दर्जा प्रदान किया गया है। अपर जिलाधिकारी [प्रोटोकाल] देवेंद्र पाडेय के मुताबिक आध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी, पूर्व राज्यपाल रोमेश भंडारी, मोतीलाल बोरा सहित अन्य कई अतिथियों के भी शपथग्रहण समारोह में आने की संभावना है।
मंत्रिमंडल छोटा होगा
भावी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शपथ ग्रहण समारोह की पूर्व संध्या पर कहा कि उनका मंत्रिमंडल छोटा होगा। जिसमें अनुभवी और युवा दोनों ही तरह के सदस्य शामिल होंगे। लखनऊ के लॉ-मार्टीनियर ग्राउंड पर होने वाले समारोह की तैयारियों को मुकम्मल रूप दिया जा रहा है। शपथ ग्रहण पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे से होगा। उसके बाद नए मुख्यमंत्री सपरिवार राजभवन जाएंगे। बुधवार को भी समाजवादी पार्टी में जबर्दस्त गहमागहमी रही। मंत्री बनने की चाहत में सवेरे से नवनिर्वाचित विधायक पार्टी कार्यालय और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के आवास के इर्द-गिर्द घूमते नजर आये।
पूर्वाह्न करीब 11:30 बजे मुलायम सिंह और उसके कुछ देर बाद अखिलेश यादव भी सपा कार्यालय पहुंचे। उन्हें चेहरा दिखाने के लिए नवनिर्वाचित विधायकों में होड़ लग गई। अखिलेश ने उनके अभिवादन का जवाब दिया। इसके कुछ देर बाद पहुंचे राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव को मीडिया ने घेरा। मायावती की संपत्तिआठ साल में 11 से 111 करोड़ होने पर रामगोपाल ने कहा बसपा सरकार के घोटाले और मायावती की सम्पत्तिकी केंद्रीय एजेंसियों से जाच कराने की सिफारिश की जाएगी।
मुलायम सिंह करीब डेढ़ घटे तक कार्यालय में रहे। इस बीच उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। अखिलेश ने बाद में मीडिया के सवालों के जवाब दिए। मंत्रिमंडल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह अभी छोटा ही होगा। बाद में उसका विस्तार किया जाएगा।
हर वर्ग को प्रतिनिधित्व
उन्होंने कहा कि जब दावेदारों की संख्या ज्यादा हो तो टीम बनाना मुश्किल होता है। इसके बावजूद मंत्रिमंडल में अनुभवी सदस्यों के साथ ही युवाओं को भी तरजीह दी जाएगी। कोशिश इस बात की भी रहेगी कि मंत्रिमंडल में हर वर्ग को प्रतिनिधित्व मिले। सरकार बनने पर ईमानदार व जिम्मेदार अधिकारियों को काम करने का पूरा मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब बसपा सरकार हजारों करोड़ रुपए पार्क, स्मारक तथा मूर्तियों पर फूंक सकती है तो बेरोजगारी भत्ता देने के लिए धनराशि क्यों नहीं जुटाई जा सकती है। प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी का अंदाजा नहीं था।
जिला सेवायोजन कार्यालयों में लाठीचार्ज की शिकायतों पर उन्होंने अफसरों से बात की है और अब कहीं ऐसी घटनाएं सुनने को नहीं मिलेगी। व्यवस्था बनाए रखने के लिए लाइन लगवाना इंतजाम के तहत होता है। यादव ने जनता को धन्यवाद दिया कि उसने बहुमत देकर तमाम बुराइयों से बचा लिया जिनमें मजबूरी में फंसना पड़ता। तीसरे मोर्चे की बाबत पूछे जाने पर यादव ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी यूपी को आगे बढ़ाना है तीसरे मोर्चे के बारे में कोई भी फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व ही करेगा। 

बुधवार, 14 मार्च 2012

सत्ता गयी, माया भी गयी


 मायावती एक अलग तरह की नेता है। उन्होंने अपनी लगभग डेढ़ दशक की राजनीति में विधायक या विधान परिषद के सदस्य की हैसियत से कभी भी विधानभवन में अपनी मौजूदगी दर्ज नहीं कराई है और न ही विपक्ष की नेता की हैसियत से सदन के अंदर कोई मुद्दा उठाया है। पहली बार 3 जून 1995 को मुख्यमंत्री बनने के बाद से उन्होंने सिर्फ मुख्यमंत्री की हैसियत से ही सदन में प्रवेश किया है।
विधानसभा में बसपा विधायक दल के उपनेता और बांदा जनपद की सुरक्षित नरैनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए गयाचरन दिनकर ने बताया कि बहनजी ने लोकसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया है।
वहीं, लखनऊ में मायावती ने मंगलवार को राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के बाद कहा कि वह बसपा नेताओं की इच्छा के सम्मान में राज्यसभा जा रही है। पर यह सच नहीं है, जब भी बसपा प्रमुख के हाथ से सत्ता छिनी है, वह विधानसभा या विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देकर दिल्ली कूच कर गई है।
डॉ. राममनोहर लोहिया के साथी रहे बांदा के बुजुर्ग समाजवादी चिंतक जमुना प्रसाद बोस ने बताया कि मायावती को विपक्ष में बैठना पसंद नहीं है, वह सिर्फ मुख्यमंत्री ही बने रहने के लिए राजनीति करती है।
वामपंथी विचारधारा से जुड़े बुजुर्ग अधिवक्ता रणवीर सिंह चौहान ने कहा कि मायावती पराजय या सत्ता छिनने के बाद हमेशा दिल्ली पलायन कर गई है जो किसी भी मायने में उचित प्रतीत नहीं होता। उन्हें विपक्ष की भी भूमिका निभाकर जनहित में संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मायावती या उनकी पार्टी ने हमेशा सत्ता में रह कर ही जनांदोलन किया है, जबकि अन्य राजनीतिक दल विपक्ष में रह कर आंदोलन करते आए है। साभार- जागरण .कॉम 

मंगलवार, 13 मार्च 2012

वकीलों की पार्किंग व्यव्स्था


        यह कोई पतली गली नहीं बल्कि अच्छी-खासी  चौड़ी सड़क है। लेकिन बेतरतीब खड़ी  की गयी मोटर साइकिलों की वजह से इस पर पैदल चलना भी दूभर है। यह हांल  है इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के सामनें की सड़क का। इसे कहते हैं वकीलों के दुपहिया वाहनों की दबंगई। 


     

सोमवार, 12 मार्च 2012

बेरोजगारी भत्ता और सपा सरकार


लालबाग की सड़कों पर उमड़ी बेरोजगारों की भीड़




भीड़ से बेपरवाह पंजीकरण कर्मचारी -अधिकारी  रहे नदारद




सेवायोजन परिसर में उमडा बेरोजगारों का सैलाब  

      सपा  सरकार स्थापित होनें की खबर आते ही सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकरण के लिए युवा बेरोजगारों की भीड़ उमड्नें लगी है। बेरोजगारी भत्ते की आस लिए, राजधानी लखनऊ के लाल बाग स्थित सेवायोजन कार्यालय में आज हजारों की संख्या में पहुचे बेरोजगारों को भारी अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। बाहर लगी लम्बी-लम्बी लाइनों से बेपरवाह अधिकारी कर्मचारी अपनी सीटों से गायब रहे। कई बार पुलिस नें लाठियों से प्रहार कर युवा बेरोजगारों का इस्तकबाल किया।
     सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आगामी सरकार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दे पायेगी? खासकर तब जब पूर्ववर्ती बसपा सरकार नें पत्थरों, मूर्तियों पर अनाप शनाप धन खर्च कर, पहले ही खजाना खाली कर रखा है। बेरोजगारों के लिए धन की व्यवस्था के साथ-साथ, प्रदेश के विकास के लिए भी सरकार को धन की व्यवस्था करनी होगी। इन सब कामों के लिए केंद्र सरकार का सहयोग तो मिलनें से रहा। ऐसे में धन की व्यवस्था करना आसान काम नहीं होगा।

सुशील अवस्थी "राजन" मोबाइल- 9454699011
     

शनिवार, 10 मार्च 2012

"अखिलेश यादव जिंदाबाद...."

    अब उत्तर प्रदेश की कमान एक युवा अखिलेश यादव के हाथ होगी। बेकारी, अशिक्षा, गरीबी, अन्याय, जातिवाद, धर्मवाद और भ्रष्टाचार की भट्ठी में तप रहे उत्तर प्रदेश को अपनें इस नए मुख्यमंत्री से बहुत उम्मीदें हैं। देखनें वाली बात यह होगी कि क्या अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी की परंपरागत छवि से अलग हटकर कुछ रचनात्मक कर पाएंगे? या फिर गुंडों माफियाओं की पार्टी कही जानें वाली पार्टी के नए डान बनकर रह जायेंगे। 
    सपा की सरकार आते ही जिस प्रकार चुनावी रंजिस की हिंसा बढ़ी है, उससे तो यही लग रहा है कि पुरानी समाजवादी "हल्ला बोल" संस्कृति नें फिर से यूपी में अपनें पैर पसारनें शुरू कर दिए हैं। जिससे शख्ती से निपटा जाना चाहिए। टूटी सड़कें, खाली खजाना, अंधकार में डूबा प्रदेश, भ्रष्टाचारियों और अपराधियों के बुलंद हौसले, आदि कुछ और चुनौतियाँ भी अपनें युवा सीएम् ka इन्तजार कर रही हैं। जिनसे हमारे नए मुख्यमंत्री जी को निपटना ही होगा। 
सुशील अवस्थी "राजन" मोबाइल - 919454699011

बुधवार, 7 मार्च 2012

"भाजपा को अपनों नें लूटा"

      पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की कर्म स्थली रही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, पर भगवा रंग छोंड कभी कोई रंग नहीं चढ़ा, भले ही पूरा प्रदेश किसी भी रंग से सराबोर रहा हो, लेकिन इस बार होली से ठीक पहले आये विधान सभा चुनाओं के नतीजों नें भाजपाई  खेमें की होली ख़राब कर डाली। शहर की मध्य, कैंट, उत्तर और पश्चिम विधान सभा सीटो से भाजपा की हुई फजीहती हार नें पार्टी के आला नेताओं के होश उड़ा दिए हैं।
       लखनऊ के सभी घोषित उम्मीदवारों के पार्टी में जमकर हो रहे विरोध को नजरंदाज़ कर टिकट वितरण का ही परिणाम है कि यहाँ से भाजपा का सफाया हो चुका है। हारे हुए प्रत्याशी अकर्मण्य थे। पिचले कई वर्षों से विधायक रहे ये महानुभाव जन प्रिय तो कतई नहीं थे। इन्हें अटल जी के नाम पर राजधानी वासी ढ़ो रहे थे। पर इस बार लोग उम्मीद कर रहे थे कि शायद पार्टी इन्हें प्रत्याशी नहीं बनाएगी, लेकिन पार्टी ने जब फिर से इन्ही अकर्मण्यों को प्रत्याशी घोषित किया, तभी तय हो गया था कि  अब भाजपा का सफाया तय है। नाराज स्थानीय भाजपा नेता और कार्यकर्ता दूसरी पार्टी के प्रत्याशियों को जितानें में लग गए। क्योंकि पार्टी नें वर्षों से विधायक पदों पर आसीन इन लोगों को फिर से टिकट देकर एकदम स्पष्ट सन्देश दे दिया था, कि जब तक ये जीतते रहेंगे पार्टी की आँख के तारे बनें रहेंगे। जिसके कारण पार्टी के भीतर इन्हें हरानें के लिए संकल्प बद्ध लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। इस हार के सारांश रूप में एक ही बात मुझे तर्क संगत लग रही है कि "भाजपा को अपनों नें लूटा, गैरों में कहाँ दम था, भाजपाई कश्ती वही  डूबी, जहाँ पानी कम था"
susheel अवस्थी "rajan" 9454699011

मंगलवार, 6 मार्च 2012

फेल हुए राहुल गाँधी

यूपी की राजनीतिक पाठशाला में फेल हुए राहुल गाँधी,
उनकी क्लास थी नर्सरी।
मुलायम, अमर के कुरूप समाजवाद का अखिलेश ने बदला चेहरा,
करके प्लास्टिक सर्जरी।
अमूल बेबी राहुल बाबा के कई थे कई मास्टर,
दिग्गी,कपिल,हरीश।
रिजल्ट देख नाराज हैं मम्मी,
अब गुरु निपोरें खीस।
"राजन" वैसन करो पढाई जैस किहिन अखिलेश,
जैसन तुमका देश दिखे तैसन धारो वेश।
           सुशील अवस्थी "राजन" मोबाइल- 9454699011

रविवार, 4 मार्च 2012

बदल रहा है अपना यूपी

अब वहां रहेंगे अखिलेश यादव, जहाँ बहन जी रहती हैं।
बदल रहा है अपना यूपी, अब दुनिया ये कहती है।
क्या सिर्फ इसी बदलाव को हम,
अपना मुस्तकबिल मान लें।
पुराने लुटेरे पार्टी बदल,
न फिर से हमारी जान लें।
जहाँ अशिक्षा और बेकारी,
गली-गली में रहती है।
बदल रहा है अपना यूपी, अब दुनिया ये कहती है।
जिसकी लाठी..... कानून व्यवस्था,
बनी हुई अपनी पहचान।
जहाँ दलाली और भ्रष्टता,
लेती है इन्सा की जान।
दासी बनकर जहाँ सिया,
दुःख  सूर्पनखा से सहती है।
बदल रहा है अपना यूपी, अब दुनिया ये कहती है।
लोकतंत्र की शीर्ष महत्ता, 
"राजन" सबको स्वीकार है।
बदलाव की परिभाषा हम बदलें,
अब इसकी दरकार है।
"लोकतंत्र" में "नोटतंत्र" की,
जहाँ भूमिका  महती  है।
बदल रहा है अपना यूपी, अब दुनिया ये कहती है।
 susheel awasthi "rajan"   mob-9454699011

शनिवार, 3 मार्च 2012

"भविष्यवाणी"

   क्या कांग्रेस और सपा मिलकर बनायेंगे उत्तर प्रदेश में अगली सरकार? क्या बी.एस.पी. सूबे में इतनी कमजोर हो गयी है कि उसे सरकार बनाने के खेल से बाहर किया  जा सके? क्या चुनाव परिणामों से हतास कांग्रेस यूपी में राष्ट्रपति  शासन थोपनें की फिराक में हैं ? ऐसे न जानें कितनें सवाल आज कल हमारे आपके दिमाग में कुल-बुला रहे हैं। इन सभी सवालों के अंतिम जवाब तो ६ मार्च को तब ही मिल पाएंगे जब मतगणना का कार्य संपन्न हो जायेगा। तब तक अटकलों  और भविष्य वाणियों का अनवरत सिलसिला जारी रहेगा।
     तमाम टीवी चैनल अपनें-अपनें अनुमान जारी कर रहे हैं। स्टूडियो में राजनीतिक चाणक्यों की चौकड़ियों  को स्थापित कर लगातार बहस मुबाहिशों का दौर चलाया  जा रहा हैं , यह भूलकर कि पिछली दफा सत्ता  में आयी माया सरकार का ये चाणक्य और चैनल जरा भी अनुमान न लगा पाए थे।  ऐसे माहौल में क्या हमको आपको भविष्यवाणी करनें का अधिकार नहीं हैं क्या? 
     मेरी भी भविष्यवाणी को नोट किया जाय।
              
समाजवादी पार्टी- १५६
बसपा -                  ९२
भाजपा-                  ७८
कांग्रेस-                   ३६
पीस पार्टी-              १२
राष्ट्रीय लोकदल -  २२
शेष अन्य

शुक्रवार, 2 मार्च 2012

यातायात पुलिस की खुली लूट


      उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यातायात पुलिस के सिपाही और इन्स्पेक्टर कैसे खुले आम करते हैं लूट। देखिये मोबाइल से मेरे (सुशील अवस्थी) द्वारा बनाया गया वीडियो ........

योगी का एक मंत्री.. जिसे निपटाने के लिए रचा गया बड़ा षडयंत्र हुआ नाकाम

  सुशील अवस्थी 'राजन' चित्र में एक पेशेंट है जिसे एक सज्जन कुछ पिला रहे हैं। दरसल ये चित्र आगरा के एक निजी अस्पताल का है। पेशेंट है ...