शुक्रवार, 16 मार्च 2012

क्या उत्तर प्रदेश बनेगा उत्तम प्रदेश?

     (सुशील अवस्थी "राजन")    नयी अखिलेश सरकार के सामनें सिर्फ चुनौतियाँ नहीं हैं, बल्कि चुनौतियों के अम्बार हैं। जिसमें पूर्ववर्ती बसपा सरकार द्वारा फिजूल के कार्यों से खाली हो चुका प्रदेश सरकार का खजाना सबसे बड़ी चुनौती है। आम प्रदेश वासी अपनें नए मुख्यमंत्री से जिस एक चीज़ की अपेक्षा बहुतायत रूप से कर रहा है, वह मुद्दा है पटरी से उतरी कानून व्यवस्था। जिसे सपा के अनुशासनहीन कार्यकर्ताओं से ही सर्वाधिक खतरा है। शपथ ग्रहण समारोह में जिसकी बानगी प्रदेश वासी देख चुके हैं। प्रदेश का युवा भी अपनें युवा मुख्यमंत्री से काफी उम्मीदें बांधे है। जिसके दम पर सपा फिर से सरकार में वापसी कर सकी है। खस्ताहाल सड़कें, अस्तव्यस्त स्वस्थ्य सेवाएँ, लचर विद्युत् आपूर्ति, अनुपयोगी शिक्षण व्यवस्था आदि ऐसे मुद्दे हैं, जिनसे निपटनें में हमारे युवा मुख्यमंत्री को अपनी सूझ-बूझ का परिचय देना होगा। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक वातावरण के प्रदूषण को साफ कर पूरे देश को यह सन्देश देना होगा, कि अतीत की दुखदायी बातों को पीछे छोंड उत्तर प्रदेश अब उत्तम प्रदेश बननें की राह पर अग्रसर हो चुका है।

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