कुख्यात माफिया सरगना मुख्तार को यूपी की जेल में आना ही पड़ेगा। आज सुप्रीमकोर्ट ने यह आदेश दिया है। जिसे पंजाब की अमरिंदर सरकार को मानना ही होगा। सुप्रीमकोर्ट ने पंजाब की अमरिंदर सरकार को आदेश दिया है कि दो हफ्तों के अंदर मुख्तार को यूपी सरकार के हवाले किया जाय। वह किस जेल में रहेगा यह एमपी एमएलए विशेष कोर्ट तय करेगी।- मुख्तार अभी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है। लोग कयास लगा रहे हैं कि यूपी की सीमा में प्रवेश करते ही योगी की पुलिस उसे मार डालेगी। कुछ वैसे ही जैसे विकास दुबे और कुछ एक और अपराधियों को इनकाउंटर के नाम पर मारा गया है।
- दबंगई और दहशत के पर्याय रहे मुख्तार और उनके साथियों को भी यही आशंका है कि उसे मार दिया जाएगा। फिलहाल तो जनता को दहशत के इन कारोबारियों की आंख में यह दहशत देखकर खुशी हो रही है। हां इस खुशी का बखान खुले आम करना थोड़ा कष्टकारी जरूर है।
- इस माहौल का सारा दोष हमारी कानूनी व्यवस्था को जाता है। जो आज भी अपनी तारीख पर तारीख वाली कार्यशैली से बाहर आती नहीं दिख रही है। अब लोग कोर्ट के अंदर के थकाऊ, पकाऊ और उबाऊ गति के फैसलों से बेहतर कोर्ट से बाहर वाले गैर कानूनी लेकिन त्वरित फैसलों को पसंद करने लगे हैं। ये ऑन द स्पॉट वाले गैर कानूनी फैसले अब राज्य सरकारें खुद को न्यायप्रिय साबित करने के लिए करने लगी हैं।
- राजनीतिक पार्टियां लोगों की इस मंशा का उपयोग अपने वोट बैंक को बढ़ाने में कर रही हैं। अगर यह व्यवस्था और आगे बढ़ी तो इससे पुलिस और सरकारों को मनमाना आचरण करने की अघोषित छूट मिल जाएगी, जो कि आने वाले दिनों में कानून के राज की अवधारणा ही खत्म कर देगी। फिर जो व्यवस्था पनपेगी वह होगी 'जिसकी लाठी उसकी भैस'
सुशील अवस्थी राजन
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