मंगलवार, 23 मई 2017

दूध पिलाना बंद करो अब आस्तीन के साँपों को


घाटी मे कोलाहल है,कोलाहल है गद्दारों का,
मौसम बना हुआ है देखो आतंकी त्यौहारों का,
मौत हुई है आतंकी की लाखों चेहरे रोए हैं,
हम तो केवल दाल टमाटर के भावों मे खोए हैं,
आतंकी का एक जनाजा मानो कोई जलसा है,
लाखों लोग उमड़ आए हैं जैसे कोई फरिश्ता है,
सेना पे पथराव किया है अफ़जल के दामादों ने,
फिर से थाने फूँक दिए हैं धरती के जल्लादों ने,
सीधा मतलब साथ निभाने वाले भी आतंकी है,
इन सबकी वजह से पूरी घाटी ही आतंकित है,
दूध पिलाना बंद करो अब आस्तीन के साँपों को,
चौराहों पे गोली मारो साठ साल के पापों को,
सौ सौ बार नमन् सेना को डटी रही है घाटी मे*
आतंकी को मिला रही है काट काट के माटी मे,
सेना को अब आतंको की छाती पे चढ़ जाने दो,
साथ निभाने वालों पे भी अब गोली बरसाने दो,
एक बार अब श्वेत बर्फ पे लाल रंग चढ़ जाने दो,
लाश बिछा दो गद्दारों की सेना को बढ़ जाने दो,
एक परीक्षण नये बमों का गद्दारों पे कर डालो,
दहशतगर्दों के सीने मे तुम भी दहशत भर डालो,
भूलो गिनती गद्दारों की लाश बिछाना शुरू करो,
वंदे मातरम् भारत माँ की जय तराने शुरू करो,
देशप्रेमियों की सैनिकों पूरी मन्नत कर डालो,
नर्क भेज के गद्दारों को भूमि जन्नत कर डालो।।।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

योगी का एक मंत्री.. जिसे निपटाने के लिए रचा गया बड़ा षडयंत्र हुआ नाकाम

  सुशील अवस्थी 'राजन' चित्र में एक पेशेंट है जिसे एक सज्जन कुछ पिला रहे हैं। दरसल ये चित्र आगरा के एक निजी अस्पताल का है। पेशेंट है ...