पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा- सार्क सैटेलाइट परियोजना को भारत अकेले ही पूरा करना चाहता था, इसलिए साथ देना संभव नहीं हुआ
सार्क सैटेलाइट परियोजना से बाहर होने के लिए पाकिस्तान ने भारत पर ही आरोप मढ़ दिया है. उसके मुताबिक, नई दिल्ली परस्पर सहयोग के आधार पर उपक्रम विकसित करने का इच्छुक नहीं था.
पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने शनिवार को कहा, ‘भारत ने 2014 में 18वें सार्क (दक्षिण एशिया सहयोग संगठन) शिखर सम्मेलन के दौरान साझा उपग्रह का तोहफा देने की पेशकश की थी. लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वह इसका अकेले निर्माण, प्रक्षेपण और संचालन भी करेगा.’ उन्हाेंने कहा, ‘इसमें पाकिस्तान भी अपनी विशेषज्ञ सेवाएं देना चाहता था. लेकिन भारत परस्पर सहयोग के आधार पर इसे आगे बढ़ाने को तैयार नहीं था. इसीलिए पाकिस्तान के लिए इसमें सहयोग देना संभव नहीं हो पाया.’
गौरतलब है कि भारत ने शुक्रवार को ही दक्षिण एशिया संचार उपग्रह (जीसैट-9) का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है. इस उपग्रह को बनाने से लेकर प्रक्षेपण तक कुल 450 करोड़ रुपए का खर्च आया है. इसे पूरी तरह भारत ने उठाया है. भारत के इस प्रयास का बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, मालदीव आदि सार्क के सभी सदस्य देशों ने स्वागत किया है. इस परियोजना से पाकिस्तान के बाहर होने के बाद इसका नाम बदलकर ‘सार्क सैटेलाइट’ के बजाय ‘दक्षिण एशिया संचार उपग्रह’ कर दिया गया था.
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