आज जब यूपी के सीएम अयोध्या में हैं, तब ये सवाल उठना लाज़िमी है कि योगी और अयोध्या का सम्बन्ध क्या है? आने वाले दिनों में यह भी घोषणा हो सकती है कि योगी अयोध्या से विधायिकी लड़ेंगे। असल में योगी जी और भाजपा कुछ दिन यूपी संभाल कर यह ठीक तरह से समझ चुके हैं, कि परफार्मेंस के आधार पर 2019 में मोदी जी को थोक भाव में यूपी से वोट दिला पाना कठिन मिशन है, इसलिये अब भाजपा धार्मिक आधार पर अपना कारवां आगे बढ़ाने पर उतर आई है। इतने बड़े प्रदेश को न तो अपराध मुक्त किया जा सकता है, और न ही नौकरशाही के रवैये को बदला जा सकता है। इसलिए प्रदेश की धर्म भीरु,धर्मांध जनता को कट्टर हिंदुत्व की चाशनी में पिरोकर राजनीतिक दर्शन परोसा जाय। फिर भले ही यह कट्टरता देश को पाकिस्तान, बांग्लादेश, इराक या सीरिया बना डाले। मेरा मानना है कि जब आप लोगों को रोटी न मुहैया करा सको, तो राम को रोटी से भी बड़ा बनाकर पेश करो। इससे क्या है कि एक तो आपकी नाकामी छिपेगी, और प्रदेश की जनता का कृतिम राजनीतिक मनोरंजन भी संभव हो सकेगा
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योगी का एक मंत्री.. जिसे निपटाने के लिए रचा गया बड़ा षडयंत्र हुआ नाकाम
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