शनिवार, 1 जुलाई 2017

सीएम योगी को यूपी के आम आदमी का खुला पत्र


आदरणीय,
        मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी सादर नमस्कार!

आप जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन रहे थे तब हम सब आशान्वित थे कि अब प्रदेश में परिवर्तन दिखेगा, लेकिन अफ़सोस कि आपकी सरकार के 100 दिन गुजर जाने के बाद भी हमें कहीं कोई परिवर्तन नहीं दिख रहा है। मानसून की पहली बारिश के बाद जिस तरह राजधानी लखनऊ डूब उतरा रही है वह आपकी सरकार के लिये डूब मरने की बात है। दरोगा आज भी घूस ले रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों के डग्गामार वाहन आज भी सवारियों को भेंड़ बकरियों की तरह ठूंस ठूंस कर भर रहे हैं, बिजली की आवाजाही आज भी बदस्तूर जारी है, सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर आज भी अस्पताल में काम करने के बजाय प्राइवेट में ज्यादा रूचि ले रहे हैं। मेरे गांव की सड़क आज भी बदहाल है। आपकी igrs प्रणाली पर शिकायत के बावजूद भी अधिकारी मस्त हैं, और जनता त्रस्त है। किसी सरकारी अधिकारी कर्मचारी को सजा न पहले मिलती थी और न अब, आपने कहाँ और कैसा परिवर्तन किया है हम आम लोगों को उसके कहीं दर्शन नहीं हो पा रहे है।
 
योगीजी मैं ठीक से जानता हूँ कि आप जहाँ हैं, वहां से आपको प्रदेश में परिवर्तन ही परिवर्तन दिख रहा होगा, क्योंकि लुटेरे,बेईमान और कामचोर नौकरशाह आपको यही दिखा रहे हैं, और आप यही देख भी पा रहे हैं। मान्यवर मुझे और आम लोगों को परिवर्तन सिर्फ सीएम आवास और भाजपा मुख्यालय तक ही पहुँच पाया दिख रहा है। जिस सीएम आवास और कार्यालय पर पहले अखिलेश यादव की नाम पट्टिका दिखती थी, वहां अब योगी आदित्यनाथ की दिखती है। पहले जो भीड़ सपा कार्यालय पर हुआ करती थी, वो अब भाजपा मुख्यालय की ओर शिफ्ट हो चुकी है, महोदय हम सिर्फ इतना ही परिवर्तन देख पा रहे हैं।
महोदय एक उदहारण आप भी देखें जिससे शायद आपको अपनी सरकार की कार्यप्रणाली के जमीनी दर्शन हो सकें। लखनऊ के kgmu में तैनात यूरोलॉजी विभाग के प्रो0 एचएस पाहवा के खिलाफ मैंने 4 अप्रैल को आपके कार्यालय के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज़ करायी कि वो प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त हैं। जिसके समर्थन में मैंने खुद के द्वारा किया गया स्टिंग वीडियो भी kgmu के रजिस्ट्रार को सौपा, क्योंकि आपके कार्यालय से ये जाँच इन्हीं महोदय को प्रेषित की गयी है, परंतु जांचकर्ता डॉक्टर्स प्रो पाहवा को आज भी बचाने में लगे हैं। मुझे इस केस की पैरवी न करने की मुफ़्त सलाहें दे रहे है। यही नहीं इस धनलोलुप और जनविरोधी प्रो0 को आपकी सरकार के तंत्र नें चकगंजरिया स्थित कैंसर इंस्टिट्यूटयूट का सीएमएस भी बना डाला। महोदय प्रतिदिन इस तरह का संघर्ष झेल रही आम जनता आप द्वारा अख़बारों और टीवी चैनलों पर दिए गए प्रवचनों में किसी तरह का परिवर्तन देख पायेगी, या प्रत्येक प्रवचन के बाद और नाराज़ होती जायेगी?

आपका शुभचिंतक - सुशील अवस्थी "राजन" लखनऊ,
                            मोबाइल- 9454699011 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

योगी का एक मंत्री.. जिसे निपटाने के लिए रचा गया बड़ा षडयंत्र हुआ नाकाम

  सुशील अवस्थी 'राजन' चित्र में एक पेशेंट है जिसे एक सज्जन कुछ पिला रहे हैं। दरसल ये चित्र आगरा के एक निजी अस्पताल का है। पेशेंट है ...