मंगलवार, 17 मई 2011

जनप्रतिनिधि या हैवान

जन प्रतिनिधि या हैवान?     
(सुशील अवस्थी "राजन") शशि हत्याकांड में अदालत द्वारा यूपी विधायक आनंद सेन को उम्रकैद  के  बाद हमारे जनप्रतिनिधियों की हैवानियत के किस्सों में एक किस्सा और जुड़ गया| सबसे मजेदार स्थिति यूपी सरकार की है| सजा हो जाय तो सरकार की मजबूत पैरवी , विधायक जी बच जाय तो हमारा विधायक निर्दोष साबित हो गया, ये विरोधियों की साजिश थी  आदि आदि जुमलों का इस्तेमाल कर हर स्थिति में अपनी पीठ ठोंकती है| लेकिन मीडिया और शिक्षा के विस्तार से अब स्थिति बदल रही है| हमें भी अपना प्रतिनिधि चुनते समय सतर्कता बरतने की जरुरत है| क्या 2012  के विधान सभा चुनावों में हम ऐसी  सतर्कता बरतने जा रहे हैं?                                                

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