अमरीका आतंकवाद विरोधी या समर्थक ?
सभी राहत महसूस कर रहे हैं कि दुनिया का सबसे कुख्यात आतंकवादी ओसामा अब नहीं रहा| इंसानियत का दुश्मन ओसामा किसी धर्म का प्रतिनिधि नहीं हो सकता| क्या हम और आप यह नहीं जानते कि ओसामा अमरीका की ही नाजायज़ औलाद है| जब तक वह औलाद अपने नाजायज़ बाप अमरीका के इशारे पर नाचती रही ठीक थी, पर जब वही औलाद बागी हो गयी,तो अमरीकनों की आँख की किरकिरी बन गयी| आख़िरकार ओसामा नाम की किरकिरी से अमरीकनों की आँखें आज़ाद तो हो गयी हैं,पर कब तक?
ओसामाओं को पैदा व इस्तेमाल करने कि अमेरिकन नीति जब तक नहीं बदलती तब तक दुनिया के किसी न किसी कोने में ओसामा पैदा होते रहेंगे| अपने नागरिको की जान जान है बाकी की जान की कोई कीमत नहीं? फ़िलहाल तो यही अमरीका की नीति है| उसके अपने हितों पर दुनिया के किसी भी कोने में यदि चोट पहुँचती है,तो नियम कानून की परवाह किये बगैर वह अपने दुश्मन का सफाया कर देता है,लेकिन दूसरों को उसी राह पर चलने से रोंकता है,जिसपर वह खुद चलता आ रहा है| भारत पिछले कई सालों से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का सामना कर रहा है| लेकिन इस मुद्दे पर अमरीका जिस तरह का रवैया अख्तियार किये है वह बेहद शर्मनाक है| वह खाने के दांत और दिखाने के और ... व पर उपदेश आचरण अख्तियार कर लेता है| भारत कभी नहीं चाहता है की भारत की लड़ाई अमरीका लड़े,पर आतंकवाद के खिलाफ झंडाबरदारी करने वाले अमरीका को आतंकवाद के संरक्षक देश पाकिस्तान से गलबहियां व दोस्ती रोंकनी चाहिए| अरबों रूपये की अमरीकी सामरिक मदद का उपयोग पाक हमेशा से भारत के ही खिलाफ करता आया है|फिर भी पाक को अमरीकी सहायता विधिवत जारी है| भारत राज्य पोषित आतंकवाद से पीड़ित है,और आतंकवाद को अपनी सरकारी नीति मानने वाला देश पाक उसकी आँख का तारा बना हुआ है| क्या माना जाय अमरीका आतंकवाद विरोधी है या समर्थक ? दुनिया जानती है की पाकिस्तान आतंकवादियों की सुरक्षित शरण स्थली है| भारत सारी दुनिया के आगे लगभग गिडगिडाने की मुद्रा में प्रायः अपील करता रहता है,लेकिन उसकी कोई सुनने वाला नहीं है| सिर्फ इसलिए की दुनिया का दरोगा अमरीका उसका हमदर्द है| मुंबई में आतंक का नंगा नाच करनेवाले आतंकी पाकिस्तानी थे कौन नहीं जानता? पर अमरीका क्या अपने दोस्त पाक से कभी दबावपूर्ण तरीके से बोला की भारत के गुनाहगारों को सजा दो?
( सुशील अवस्थी "राजन")
( सुशील अवस्थी "राजन")
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