मंगलवार, 31 मई 2011

सुन सको तो सुनो नसीमुद्दीन जी

उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी बहुत कम धरने करने के लिए विख्यात है| लेकिन केंद्र सरकार के खिलाफ ये पार्टी धुंआ-धार प्रदर्शन कर रही है| चलिए पार्टी लोकतान्त्रिक तरीकों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल तो करना सीख गयी| उन्नाव में ऐसे ही एक प्रदर्शन में राज्य सभा सदस्य ब्रजेश पाठक व उनके नेताओं के किसी ने दर्जनों जोड़ी जूते चप्पल ही उड़ा दिए| बेचारे पाठक जी .....? लखनऊ में नसीमुद्दीन सिद्दीकी,नकुल दुबे,डॉ.अखिलेश दास,विधान परिषद् सदस्य अरविन्द त्रिपाठी "गुड्डू" की मौजूदगी में केंद्र सरकार को कोसा गया| कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन का उत्साह चरमोत्कर्ष पर रहा| महामाननीय सिद्दीकी जी ने वचन उच्चारे कि "दुनिया की कोई ताकत मायावती जी को प्रधान मंत्री बनने से नहीं रोंक सकती" बताइए .......|
        जो  ताकत प्रधान मंत्री बनाती है यदि वह आपके साथ है तो फिर भला दुनिया की कौन सी ताकत किसी को प्रधान मंत्री बनने से रोंक सकती है सिद्दीकी साब| माया दोबारा मुख्य मंत्री बन जांय आप लोग सिर्फ इस पर ही ध्यान केन्द्रित करिए| क्योंकि यदि मुख्य मंत्री पद आपके पास रहा तो ही तो प्रधान मंत्री पद का सपना जिन्दा रह सकेगा| सिद्दीकी साब आप राजनीती के दिग्गज खिलाडी हैं| पर मेरे जैसे आम आदमी से आप शर्त लगा लीजिये| प्रधान मंत्री पद भूल जाइये,आप लोग माया को सिर्फ मुख्यमंत्री बना के दिखा दीजिये| मै उसी दिन यूपी छोंड दूंगा जिस दिन माया जी दोबारा मुख्य मंत्री बन जाएँगी| माया की खुशफहमी की सिर्फ एक ही वजह है कि उनके खिलाफ यूपी में कोई नितीश कुमार,नरेन्द्र मोदी या ममता बनर्जी नहीं है| पर जनता के पास मिली जुली सरकार का सुन्दर विकल्प है| किसी की मनमानी नहीं चलेगी|
        जनता के मूड को समझ कर रणनीति बनाइये| आप पूर्ण बहुमत से आ रहे थे आप नहीं जान पाए| आप सफाचट  होकर जा रहें है,पर जान नहीं पा रहें हैं| माया को मैंने सिर्फ एक खूबी के लिए ही वोट दिया था, कि कानून व्यवस्था मजबूत होगी| माया के आते ही दिखा भी जब अपने ही सांसद को जेल की राह दिखाई गयी| फिर उसके बाद ऐसा क्या हुआ सिद्दीकी साहब कि आपके ही लोग कानून व्यवस्था से बलात्कार करने पर उतारू हो गए| दलित और गरीब सवर्णों को आपकी सरकार के चाल चलन से सबसे ज्यादा कष्ट उठाना पड़ा है क्या आपको पता है| यह सिलसिला आज भी जारी है|
        दलित सिर्फ मायावती का अंध भक्त इसलिए ही रहा है क्योंकि माया ने हमेशा दलितों को अपनी सरकार सञ्चालन का टेलर ही दिखाया था,पर इसबार उसने पूरी फिल्म देख ली है| पूर्ण बहुमत की सरकार के बाद इसबार किसे दोष देंगे? केंद्र सरकार को? देश में कई मुख्य मंत्री हैं जिन्हें केंद्र का सहयोग नहीं मिल रहा है पर उनकी विकास परक सोंच के कारन उनके अपने प्रदेश विकास की राह पर चल रहें है| आपकी सरकार में सिर्फ पत्थरों की ही घिसाई हुई है| जनता आपकी भी सिर्फ घिसाई ही करेगी| अशिक्षित दलित के बेटा बेटी पढ़ लिखकर बेहतर जीवन जी सकें इसके लिए किये गए आपके काम ही आपकी पुनः वापसी का मार्ग प्रशस्त करेगे ऐसा कुछ किया हो तो याद करो| कल्पना लोकों दलालों की जमात और ए सी कमरों से बहार आकर देखो तो...| जो मै कह रहा हूँ वही पाओगे भाई नसीम जी| मेरे सत्य वचनों की सजा क्या है मुझे पता है.....| आप न सोंचिये| सच सुनने का माद्दा हो तो बताना...... फिर लिखूंगा| आप सबका- सुशील अवस्थी "राजन"

1 टिप्पणी:

  1. लेख अच्छा लगा.....पर आईना उनलोगों को दिखाईये अवस्थी जी जिनलोगों में अपनी तस्वीर का सच देखने की ताकत हो क्योकि एक्वागार्ड से पानी कीटाणु मुक्त करने की तो गारंटी मिल सकती है पर हमारा दुर्भाग्य कि अभी तक ऐसा कोई एक्वागार्ड नहीं बन पाया जो इन राजनेताओ के ईमान को कीटाणु मुक्त कर सके.

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