लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को बसपा ने राज्य में कानून
व्यवस्था को लेकर जबरदस्त हंगामा मचाया। हंगामे के कारण विधानसभा की
कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गई है।
राज्यपाल बीएल जोशी ने बजट सत्र होते ही जैसे ही अपना अभिभाषण पढ़ना
शुरू किया वैसे ही बसपा विधायकों ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर
हंगामा करना शुरू कर दिया। हाथों में बैनर लिए बसपा विधायकों ने विधानसभा
में जबरदस्त नारेबाजी की और राज्यपाल की ओर कागज के टुकड़े फेंके। बसपा
विधायकों ने धक्कामुक्की की और मेज-कुर्सियों पर चढ़कर नारेबाजी की। जिसके
बाद विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गई।
इससे पहले, सदन को सुचारू ढंग से चलाने के लिए सत्र से पूर्व रविवार को
मुख्यमंत्री आवास पर सर्वदलीय बैठक में विधानसभाध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री ने
जनसमस्याओं को दूर करने में विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा की। बैठक में बसपा
के न शामिल होने से ही साफ हो गया कि वह सदन में सरकार को चैन से नहीं
बैठने देगी। मुख्यमंत्री ने जनसमस्याओं के समाधान के लिए संयुक्त प्रयास को
जरूरी बताया। बजट सत्र को लंबे समय तक चलाने मंशा जाहिर की। उन्होंने
समस्याओं के निराकरण को विपक्ष को चर्चा के लिए भरपूर समय देने का भरोसा
दिलाया।
इससे इतर कई विपक्षी दलों ने अपनी अलग बैठककर सदन में सरकार की घेरने
की रणनीति तय की। इन दलों का मानना रहा कि सरकार बनने के बाद से कानून
व्यवस्था तेजी से बिगड़ी है। सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं द्वारा आपराधिक
घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है और सरकार मूकदर्शक रही है। सरकार पर हमले
के लिए बिजली की बदहाली को भी विपक्ष अपना हथियार बनाएगी। इसके अलावा गेहूं
खरीद में गड़बड़ी, योजनाओं का बदला गया नाम, प्रमोशन में आरक्षण जैसे
मुद्दों का उठा कर विपक्ष सरकार के लिए परेशानी पैदा करने का काम करेगी।
विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भी रविवार को सभी दलों के नेताओं
की बैठक बुलाकर उनसे सदन चलाने में सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने नए
सदस्यों को अधिक से अधिक मौका प्रदान करने का आग्रह करते हुए कहा कि सदन के
महत्वपूर्ण समय का उपयोग प्रदेश हित में होना चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें