एक बुलबुल (चिड़िया ) नें मेरे घर के एक छोटे से पेड़ पर स्थापित अपनें घोंसले में दो प्यारे-प्यारे बच्चों को जन्म दिया है। मेरी दो साल की बिटिया रिशिका आज कल दिन भर उन्हें निहारती रहती है। पेड़ के नीचे बिल्ली मौसी दिन भर इन लाडलों की ताक में रहती है। कभी-कभी बुलबुल के ये दोनों लाडले चहल-कदमी के लिए नीचे भी उतर आते हैं। क्या ये तमाम मुसीबतों को पार कर कभी उन्मुक्त गगन में उड़ान भर सकेंगे? ये चिंता मुझे भी रहती है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
योगी का एक मंत्री.. जिसे निपटाने के लिए रचा गया बड़ा षडयंत्र हुआ नाकाम
सुशील अवस्थी 'राजन' चित्र में एक पेशेंट है जिसे एक सज्जन कुछ पिला रहे हैं। दरसल ये चित्र आगरा के एक निजी अस्पताल का है। पेशेंट है ...
-
सत्तासीन रामवादी कृपया प्रजा और राजा के संबंधों के लिए तुलसीदास की इस चौपाई का दिन में एक बार अवश्य स्मरण करें। जासु राज प्रिय प्र...
-
विभीषण द्वारा रावण को समझाने के लिए तुलसीदास अपने महाकाव्य राम चरित मानस के सुन्दरकाण्ड में यह सुन्दर चौपाई लिखते है- काम, क्रोध, मद, ...
-
कौन ऐसा हिन्दू होगा जो अपने जीवन काल में एक बार अपने मुंह से यह न बोलता होगा कि राम नाम सत्य है। हाँ ये भी हो सकता है कि वह अपने पूर...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें