अब पिछली माया सरकार के काले कारनामें खुलनें शुरू हो गए हैं। दलितों
की बात करनें वाली इस
दौलत की बेटी नें स्मारकों के निर्माण में भी जमकर लूट खसोट कराई। स्वास्थ्य विभाग की लूट का खुलासा तो देवी जी के मुख्यमंत्री रहते हुए ही होनें लगा था।
आगे आगे देखिये होता है क्या?
मुझे तो लगता है कि पूर्ण बहुमत की सरकार होनें का माया के कारिंदों नें माया को यह मतलब समझाया था कि प्रदेश को
पूर्ण मनोयोग से लूटो। एक समय प्रदेश के नेता कुछ नहीं करते थे, और बहाना करते थे कि जनता नें त्रिशंकु जनादेश दिया है, मनमौजी कार्य करनें को आतुर नेता त्रिशंकु जनादेश का दुरूपयोग करते थे, लेकिन माया सरकार नें तो पूर्ण बहुमत का भी दुरूपयोग ही किया। परन्तु अब माया की माया का तिलस्म टूट रहा है। नवागत अखिलेश सरकार को माया की दुर्दशा से प्रेरणा लेनें की जरुरत है। क्योंकि कल माया जिस स्थिति में थी, आज अखिलेश हैं। मुख्यमंत्री से हम सब यही कहेंगे, बच के रहना रे बाबा....।
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