बीजिंग। चीन के रणनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की अग्नि-5
मिसाइल आठ हजार किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है। लंबी दूरी की मिसाइल
का प्रक्षेपण यह दिखाता है कि भारत विश्व शक्ति बनने के लिए ठोस कदम उठा
रहा है।
सेना के शीर्ष अनुसंधानकर्ता डू वेनलोग ने कहा कि भारत ने अपनी मिसाइल
की क्षमता को इसलिए कम बताया है, ताकि दूसरे देश चिंता व्यक्त नहीं करें।
उन्होंने कहा कि मिसाइल की मारक क्षमता असल में आठ हजार किलोमीटर की दूरी
तक है, न कि पांच हजार किलोमीटर तक जैसा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने दावा
किया है।
भारत के इस प्रक्षेपण को लेकर चीनी विश्लेषक और मीडिया लगातार चर्चा कर
रहे हैं। अखबारों में 'भारत ने ऐसी मिसाइल का परीक्षण किया जो शंघाई को
निशाना बना सकती है', 'मिसाइल परीक्षण से चीन मारक क्षमता की परिधि में
आया' जैसे समाचार छापे जा रहे हैं।
एक अन्य अग्रणी अनुसंधानकर्ता एवं चाइना फॉरेन अफेयर्स यूनिवर्सिटी के
रणनीतिक एवं संघर्ष प्रबंधन केंद्र के निदेशक सु हाओ ने अखबार चाइना डेली
से कहा कि अग्नि-5 का परीक्षण यह दर्शाता है कि भारत विश्व शक्ति बनने की
अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है।
विशेषज्ञ ने दावा किया कि लंबी दूरी तक मार करने वाली अग्नि-5 की सफलता
के साथ ही भारत परमाणु हथियार और विमानवाहक पोत हासिल करने के बाद अंतत:
सामरिक कौशल का तीसरा स्तर हासिल करने में सफल हो गया है।
सू ने कहा कि पारंपरिक हथियारों की तुलना में परमाणु हथियार एवं लंबी
दूरी की मिसाइलें अधिक प्रतिरोधक शक्ति वाली होती हैं और वे विश्व शक्ति
बनने के लिए जरूरी हैं। दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ फू जियाओकियांग ने
ग्लोबल टाइम्स से कहा कि मिसाइल परीक्षण भारत को न सिर्फ अंतरमहाद्वीपीय
बैलिस्टिक मिसाइल रखने वाले देशों के क्लब में शामिल करता है, बल्कि यह उसे
बहु धु्रवीय विश्व में एक बड़ी भूमिका वाला देश भी बनाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें