सचिन रमेश तेंदुलकर का जन्म मुंबई में 24 अप्रैल 1973 को हुआ था।
वर्तमान समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को किसी भी
परिचय की जरूरत नहीं है। उनको भारत सरकार ने अब तक पद्मभूषण, पद्मश्री,
राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया है जबकि उनको भारत
रत्न दिए जाने की मांग भी तेजी पकड़ चुकी है।
इसके अलावा वह इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें भारतीय वायु सेना ने
ग्रुप कैप्टन का दर्जा भी दिया। सचिन तेंदुलकर को अगर चलती फिरती रिकार्ड
बुक बोला जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। सचिन ने अपने 23 साल के लंबे
अंतरराष्ट्रीय करियर में एक बल्लेबाज के तौर पर लगभग सारे ही रिकार्ड अपने
नाम कर लिए हैं।
सचिन के नाम वनडे और टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन और शतक जड़ने का
रिकार्ड है। टेस्ट क्रिकेट में सचिन अपने शतकों का अर्द्धशतक भी बना चुके
हैं। जबकि हाल ही में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय करियर में सौवां शतक भी पूरा
कर लिया। इतना ही नहीं सचिन पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने वनडे मैचों में
दोहरा शतक ठोका था। कभी टेनिस एल्बो तो कभी कमर दर्द से परेशान होकर सचिन
को क्रिकेट से दूर भी होना पड़ा है, लेकिन मास्टर ब्लास्टर हर मुश्किल
परिस्थितियों से निकल कर इस मुकाम पर पहुंचे हैं।
सचिन ने महज 16 साल की उम्र में क्रिकेट में पदार्पण किया। 1989 में इस
धुरंधर बल्लेबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच से अपना अंतरराष्ट्रीय
क्रिकेट का सफर शुरू किया। सचिन 15 रन पर वकार यूनुस की गेंद बोल्ड हो गए
थे। लेकिन सचिन ने जिस तरह पाक के तेज गेंदबाजों का सामना किया वह
काबिल-ए-तारीफ था। सियालकोट में हुए फाइनल टेस्ट में सचिन को एक बाउंसर
गेंद नाक पर लगी, उनकी नाक से खून निकलने लगा। लेकिन सचिन ने प्राथमिक
चिकित्सा नहीं ली और बल्लेबाजी के लिए फिर से तैयार हो गए।
आज सचिन को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। हालांकि सचिन ऐसा नहीं मानते
हैं। सचिन जितने अच्छे खिलाड़ी हैं उतने ही अच्छे इंसान भी हैं। हालांकि
सचिन टीम इंडिया के सफल कप्तान नहीं बन सके। सचिन ने खुद इसको स्वीकार किया
और कप्तानी छोड़ दी। जब भी सचिन के खेल की आलोचना हुई है इस बल्लेबाज ने
जवाब हमेशा अपने बल्ले से दिया है। सचिन के खौफ का यह आलम था कि दुनिया के
महान लेग स्पिनर शेन वार्न ने कहा था कि सचिन उनके सपने में आकर उनकी
गेंदों पर शाट मारते हैं। भारत का कोई ऐसा सम्मान नहीं है जिससे इस
बल्लेबाज को नवाजा नहीं गया हो।
सचिन ने अभी तक छह विश्व कप में हिस्सा लिया और 2011 में वह पहली बार विश्व विजेता टीम का हिस्सा बनने में भी सफल रहे।
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