गुरुवार, 5 अप्रैल 2012

सारे वचन निभाऊंगा


    सूबे के विधानसभा चुनाव में जिस 'वचन' की बदौलत समाजवादी पार्टी ने पूर्ण बहुमत की सत्ता हासिल की, अब उसे निभाने की तैयारी शुरू हो गयी है। संबंधित महकमों में अलार्म बजाकर मुख्यमंत्री की विशेष अपेक्षा के तहत मामलों के निस्तारण की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।
समाजवादी पार्टी के घोषणापत्र के प्रमुख बिंदुओं को शासन ने अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव और गृह जिले के समीपवर्ती जिलों में पुलिसकर्मियों की तैनाती समेत कई मामले जहां घोषित किये जा चुके हैं, वहीं कई घोषणाओं को पूरा करने की प्रक्रिया अपनायी जा रही है।
इसी कड़ी में आंदोलनों के फलस्वरूप अधिवक्ताओं के विरूद्ध फर्जी मुकदमों को वापस लेने की पहल की गयी है। इसके लिए न्याय और गृह विभाग की जवाबदेही तय है। प्रमुख सचिव न्याय के स्तर से सूबे के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजने की तैयारी हो रही है।
जिलाधिकारियों से यह आख्या मांगी जाएगी कि सूबे में कितने अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं और उनकी वास्तविक स्थिति क्या है।
सूत्रों के मुताबिक इसके लिए जिलों में अभियोजन अधिकारियों की भी सक्रियता बढ़ा दी गयी है। बताते हैं कि इस दिशा में जिलों में फाइलें खंगाली जा रही है। इस प्रक्रिया को पूरा करने में तीन महीने लगेंगे। अगले हफ्ते इसकी औपचारिक शुरुआत हो जाएगी।
निर्दोष लोगों पर बड़े पैमाने पर झूठे मुकदमे लगाए गये हैं और अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ है। इन सभी मामलों की भी समीक्षा हो रही है। गृह विभाग ने सभी जिलों से यह रिपोर्ट तलब की है कि कितने लोगों पर अनुसूचित जाति, जनजाति एक्ट के तहत मुकदमे लगाए गये हैं और उसकी वास्तविक स्थिति क्या है।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक इन सभी मामलों की रिपोर्ट तलब होने के बाद उसकी समीक्षा होगी और अधिकारों का दुरुपयोग करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार निर्दोष लोगों के मुकदमे वापस लेगी।
पांच वर्ष में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए आयोग बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इसके लिए सतर्कता और नियुक्ति विभाग को दायित्व सौंपा गया है। इसके अलावा आर्थिक अनुसंधान पुलिस शाखा को लोकायुक्त के अधीन किए जाने की भी तैयारी हो रही है।
-रंगनाथ मिश्र आयोग एवं सच्चर कमेटी की जो सिफारिशें राज्य सरकार के जरिए लागू हो सकती हैं, अल्पसंख्यक विभाग द्वारा उनका भी अवलोकन किया जा रहा है। सरकार शीघ्र इस दिशा में नई घोषणा करने जा रही है।
- वक्फ जायदादों की हिफाजत के लिए अलग से कानून बनाने बनाकर सम्पत्तियों से कब्जा हटाकर हकदार को देने की जिम्मेदार अल्पसंख्यक कल्याण और राजस्व विभाग को सौंप दी गयी है।
- व्यापार विभाग को इस बात के लिए जवाबदेह बनाया गया है कि जिन वस्तुओं पर व्यापार कर की दरें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार से ज्यादा हैं, उन्हें पड़ोसी प्रांतों के समकक्ष किया जाए।
- सभी मुसलमानों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से अत्यधिक पिछड़ा मानते हुए दलितों की तरह जनसंख्या के आधार पर अलग से आरक्षण देने की तैयारी।
- राजकीय सुरक्षा बलों में मुसलमानों की भर्ती के विशेष प्रावधान की तैयारी और कैम्प आयोजित कर होगी सीधी भर्ती।
- फुटकर व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश रोकेगी सरकार।
- मंडी विभाग में गेट पास की व्यवस्था होगी समाप्त 

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