मंगलवार, 12 जून 2012

सौर ऊर्जा से रोशन विश्व की पहली ट्रेन

    सौर ऊर्जा से रोशन हुई विश्व की पहली ट्रेन रेलवे ने ट्रैक पर दौड़ा दी है। कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर चलने वाली विश्व धरोहर टॉय ट्रेन हिमालयन क्वीन के सभी डिब्बों को सौर ऊर्जा से रोशन किया गया है। ट्रेन के डिब्बों में मोबाइल और लैपटॉप चार्ज करने के लिए चार्जर भी लगा दिया गया है। सात कोच वाली पूरी ट्रेन को सौर ऊर्जा से रोशन करने के लिए मात्र सवा लाख रुपये का खर्च आया है।
विदित रहे कि इस ट्रेन के हर डिब्बे में रोशनी की व्यवस्था करने के लिए जेनरेटर लगा होता था। इससे जहां डीजल की भारी खपत होती थी, वहीं पटरी पर भी असर पड़ता था। पहले प्रयोग के तौर पर ट्रेन के एक कोच में सौर ऊर्जा से रोशनी की गई थी। टॉय ट्रेन में घूमने के लिए विदेशों से भी सैलानी आते हैं। गर्मियों की छुट्टियों के दिनों में इस ट्रैक पर पर्यटकों की खासी भीड़ रहती है। ट्रेन के हर कोच में छह वाट की एलईडी ट्यूब लगाई गई है। जल्द ही ट्रेन का विधिवत उद्घाटन किया जाएगा।

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