मंगलवार, 5 जून 2012

पाकिस्तान के पास भारत से अधिक परमाणु हथियार: सिपरी

   स्वीडन की प्रख्यात संस्था 'स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीच्यूट' यानि सिपरी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान के पास भारत से अधिक परमाणु हथियार हैं.
सिपरी के अनुसार भारत के पास 80 से 100 और पाकिस्तान के पास 90-110 परमाणु हथियार हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भारत और पाकिस्तान भी सैन्य उद्देश्य की पूर्ति के लिए परमाणु हथियारों के जखीरे का विस्तार कर रहे हैं.
सिपरी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, “भारत और पाकिस्तान लगातार ऐसे सिस्टम बना रहे हैं जिससे परमाणु हथियारों का इस्तेमाल और विस्तार सैन्य ज़रुरतों के लिए किया जा सके.”

सिपरी का शोध

  • वर्ष 1998 के बाद पहली बार 2011 में दुनिया के सैन्य खर्च में 2010 की तुलना में बहुत कम बढ़ोतरी दर्ज
  • साल 2011 में विश्व भर में सैन्य साजो-सामान पर 1.73 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर खर्च किए जोकि साल 2010 के खर्चे में मात्र 0.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी है
  • ये खर्चा विश्व की जीडीपी का 2.5 प्रतिशत है और दुनिया में प्रति व्यक्ति ये 249 अमरीकी डॉलर बैठता है
  • अमरीका, रूस, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, चीन, भारत,पाकिस्तान और इसराइल के पास कुल मिलाकर लगभग 19 हज़ार परमाणु हथियार हैं. साल 2011 की शुरूआत में ये आंकड़ा 20,530 था.
  • आठ देशों ने 44,00 हथियारों को ऑपरेशन के लिए तैयार रखा है और इनमें से दो हज़ार उच्च 'ऑपरेशनल एलर्ट' पर हैं.
सभी आंकड़े 'स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीच्यूट' यानि सिपरी से

लेकिन भारत और पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की संख्या 2011 और 2012 के बीच एक जैसी ही रही है.
इंस्टीच्यूट का कहना है कि विश्व की आठ परमाणु शक्तियों के पास 19 हज़ार एटमी हथियार हैं.

मामूली बढ़ोतरी

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1998 के बाद पहली बार 2011 में दुनिया के सैन्य खर्च में 2010 की तुलना में बहुत कम बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
सिपरी ने जो आंकड़े दिए हैं उनके अनुसार साल 2011 में विश्व भर में सैन्य साजो-सामान पर 1.73 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर खर्च किए जोकि साल 2010 के खर्चे में मात्र 0.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी है.
ये खर्चा विश्व की जीडीपी का 2.5 प्रतिशत है और दुनिया में प्रति व्यक्ति ये 249 अमरीकी डॉलर बैठता है.
अमरीका, रूस, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, चीन, भारत,पाकिस्तान और इसराइल के पास कुल मिलाकर लगभग 19 हज़ार परमाणु हथियार हैं. साल 2011 की शुरूआत में ये आंकड़ा 20,530 था.
स्वीडन की संस्था के अनुसार परमाणु हथियारों की कुल संख्या में कटौती रूस और अमरीका के कारण हुई है. इसकी वजह इन दोनों देशों के बीच स्टार्ट नाम की परमाणु हथियारों को कम करने वाली संधि है.

खतरा

परमाणु हथियार
रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में दो हजार परमाणु हथियार उच्च सक्रियता के साथ तैनात हैं.
इसके अलावा पुराने और अपनी सार्थकता खो चुके परमाणु हथियार भी निष्क्रिय किए गए हैं.
लेकिन साथ ही रिपोर्ट ये भी कहती है कि सभी पांच मान्यता प्राप्त परमाणु हथियार संपन्न देश – चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और अमरीका या तो नए हथियारों को तैनात कर रहे हैं या नए हथियार कार्यक्रमों का ऐलान कर रहे हैं.
सिपरी की रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि दुनिया भर में आठ परमाणु हथियारों वाले देशों ने 44,00 हथियारों को ऑपरेशन के लिए तैयार रखा है और इनमें से दो हज़ार उच्च ऑपरेशनल एलर्ट पर हैं.
सिपरी की साल 2012 के लिए वार्षिक रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, हथियारों की स्थिति और निरस्त्रीकरण का लेखा-जोखा है. सिपरी एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो संघर्ष, हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण जैसे मुद्दों पर शोध करती है.

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