मुंबई। राष्ट्रपति पद के लिए होने वाला मुकाबला अब बेहद दिलचस्प होता
दिखाई दे रहा है। सोमवार को इस मुद्दे पर शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस और
भाजपा कोई न कोई फैसला ले सकती है। वहीं माना जा रहा है कि पूर्व
राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी संवाददाता सम्मेलन बुला इस मामले में अपना
रुख स्पष्ट कर सकते हैं। शिवसेना, ममता और संघ कलाम को लेकर एकराय दिख रहे
हैं। ममता ने जयललिता से भी कलाम के पक्ष में आने को कहा है। उन्होंने पीए
संगमा से कलाम के लिए दौड़ से हटने का आग्रह भी किया है। सोमवार को तृणमूल
और भाजपा की अलग-अलग बैठकें होनी हैं।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा कलाम के नाम का समर्थन करने से भाजपा
के लिए राहें कुछ मुश्किल हो गई हैं। इसमें कोई दोराह नहीं है कि संघ की
राय भाजपा की होने वाली बैठक में जरूर बहस का मुद्दा बनेगी।
इससे पूर्व सूत्रों से खबर मिली थी कि शिवसेना प्रणब मुखर्जी को
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर समर्थन दे सकती है। इस बीच संघ ने
कहा है कि राष्ट्रपति पद के लिए कलाम ही सबसे बेहतर उम्मीदवार हैं। संघ का
यह बयान उस वक्त आया है जब रविवार को हुई राजग की बैठक में इस मुद्दे पर
कोई फैसला नहीं हो सका।
वहीं राष्ट्रपति पद के लिए ताल ठोकने वाले पीए संगमा ने शिवसेना प्रमुख
से मिलने के लिए समय मांगा है। हालांकि शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने उन्हें
अभी मुलाकात का कोई समय नहीं दिया है। सूत्रों के अनुसार शिवसेना का मानना
है कि प्रणब के सामने खड़े होने लायक उनके या राजग के पास कोई उम्मीदवार
नहीं है, लिहाजा उम्मीद जताई जा रही है कि वह प्रणब दा का समर्थन कर सकती
है।
हालांकि खुद संगमा की पार्टी ही उन्हें इस पद पर उम्मीदवार के तौर पर
नकार चुकी है। पार्टी ने यहां तक कह दिया है कि यदि वह अपनी बात पर अडिग
रहे तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। लेकिन इसके
बावजूद भी संगमा ने ऐलान किया है कि वह राष्ट्रपति पद की रेस में बने
रहेंगे। शिवसेना द्वारा प्रणब को समर्थन की बात पर इसलिए भी विश्वास किया
जा सकता है क्योंकि शिवसेना ने रविवार को हुई राजग की बैठक में आने से भी
मना कर दिया था। वहीं राजग की कल हुई बैठक में किसी भी नाम पर कोई सहमति
नहीं बन सकी। बैठक के बाद जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि इस मुद्दे पर
अभी और बात होनी है। उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी
इस मुद्दे पर राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे, इसके
अलावा कुछ अन्य पार्टियों से भी आडवाणी इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं।
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तमिलनाडु की
मुख्यमंत्री जयललिता से कलाम के पक्ष में समर्थन मांगा है। खबरें ऐसी भी
हैं कि जयललिता ने उल्टे ममता से संगमा के नाम पर समर्थन मांग कर उन्हें
असमंजस में डाल दिया है। ऐसे में अब राष्ट्रपति चुनाव बेहद दिलचस्प रूप
लेता दिखाई दे रहा है। जहां लगभग सारा विपक्ष ही इस मुद्दे पर अपनी अपनी
ढपली और अपना अपना राग अलाप रहा है ऐसे में प्रणब मुखर्जी की राह कितनी
आसान होगी यह कह पाना अभी मुश्किल है। वहीं जनता दल यूनाइटेड के नीतिश
कुमार भी इस मसले पर अपनी राय का सोमवार को खुलासा कर सकते हैं।
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