सत्तारूढ़ गठबंधन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने
आखिरकार मौजूदा वित्तमंत्री और वरिष्ठ राजनीतिज्ञ प्रणब मुखर्जी को
राष्ट्रपति पद के लिए अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिया है.
पिछले कई दिनों से चल रही राजनीतिक खींचतान और
बयानबाजियों को विराम देते हुए यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने प्रणब
मुखर्जी को अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया.
प्रणब मुखर्जी के नाम की घोषणा करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि प्रणब मुखर्जी पाँच दशकों से राजनीति में हैं.
उन्होंने कहा कि वे सभी संसद सदस्यों और विधानसभाओं के सभी सदस्यों से अपील करती हैं कि वे प्रणब मुखर्जी को अपना समर्थन दें.
हालांकि अभी भी एक बड़ा सवाल ये है कि एपीजे
अब्दुल कलाम की उम्मीदवारी पर अड़ी ममता बनर्जी का क्या होगा क्योंकि उनकी
तृणमूल कांग्रेस यूपीए की अहम सहयोगी पार्टी है.
दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के साथ कांग्रेस पश्चिम बंगाल सरकार में शामिल है.
हालांकि ममता बनर्जी दावा करती रही हैं कि मुलायम
सिंह यादव की समाजवादी पार्टी उनके साथ हैं लेकिन समाजवादी पार्टी से
मिलेजुले संकेत आते रहे हैं.
इससे पहले विपक्षी गठबंधन एनडीए की भी बैठक हुई थी
लेकिन इसमें उम्मीदवार के नाम पर कोई फ़ैसला नहीं हुआ. संभवत वे चाहते थे
कि पहले यूपीए अपनी ओर से नाम घोषित करे तब वे कोई निर्णय लेंगे.
राजनीतिक खींचतान
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर नाटकीय राजनीतिक
घटनाक्रम की शुरुआत गत मंगलवार से हुई जब ममता बनर्जी दिल्ली पहुँचीं और
आते ही मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की.
इसके बाद बुधवार को सोनिया गांधी से मिलने के बाद
ममता बनर्जी ने घोषणा कर दी कि कांग्रेस की ओर से प्रणब मुखर्जी पहले और
हामिद अंसारी दूसरी पसंद हैं. इसके बाद वे एक बार फिर मुलायम सिंह से मिली
और फिर शाम को दोनों नेताओं ने अपनी ओर से तीन नामों की घोषणा कर दी.
इनमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का नाम था.
अगली सुबह कांग्रेस ने ममता-मुलायम के तीनों नामों
को खारिज कर दिया और कहा कि यूपीए की ओर से जल्दी ही अधिकृत उम्मीदवार की
घोषणा की जाएगी.
लगभग विद्रोही तेवरों के साथ ममता बनर्जी शुक्रवार
की सुबह तक एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर अड़ी हुईं थीं लेकिन समाजवादी
पार्टी ने संकेत दे दिए थे कि वह आवश्यकता पड़ने पर कांग्रेस के साथ आ सकती
है.
इससे पहले ख़बरें आईं थीं कि प्रणब मुखर्जी ने वामपंथी दलों के सदस्यों से फ़ोन पर चर्चा की है.
समझा जा रहा है कि वामपंथी दल प्रणब मुखर्जी को
समर्थन देने के लिए राज़ी हो जाएँगे. हालांकि अभी सीपीआई के नेता डी राजा
ने कहा है कि पार्टी विचार करने के बाद फैसला करेगी.
इस बीच जयललिता और नवीन पटनायक की ओर से राष्ट्रपति पद के घोषित उम्मीदवार पीए संगमा ने कहा है कि वे दौड़ में हैं.
एनडीएन का फैसला अभी नहीं
शुक्रवार की दोपहर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण
आडवाणी के दिल्ली स्थित आवास पर एनडीए की बैठक के बाद राष्ट्रपति पद के
किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई.
बैठक के बाद आडवाणी ने कहा है कि एनडीए,
राष्ट्रपति चुनाव पर जारी घटनाक्रम पर गहरी नजर रखेगी और दोबारा एक बैठक
करेगी जिसमें चर्चा के लिए मुख्यमंत्रियों को भी बुलाया जा सकता है.
उन्होंने ये भी कहा कि वे तमाम गैर-कांग्रेसी
पार्टियों के नेताओं के साथ बराबर सम्पर्क में रहेंगे. उन्होंने चुटकी लेते
हुए कहा कि बैठक में इस बारे में भी चर्चा हुई कि वित्त मंत्री कोई और बन
जाए तो अच्छा होगा.
वर्ष 1969 के राष्ट्रपति चुनाव से मौजूदा चुनाव की
तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि आज जो सरकार है, उसमें इतना अविश्वास है
जो उन्होंने इससे पहले किसी सरकार में नहीं देखा.
आडवाणी ने कहा कि वर्ष 1969 के राष्ट्रपति चुनाव
में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पार्टी के
अधिकृत उम्मीदवार को ही हरवाया दिया था.
कलाम 'हमारे' उम्मीदवार
इससे पहले समाजवादी पार्टी के नेता किरनमॉय नंदा
की मौजूदगी में तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा है कि राष्ट्रपति पद के
लिए एपीजे अब्दुल कलाम ही हमारे उम्मीदवार हैं.
उन्होंने कहा, "कलाम ऐसे व्यक्ति हैं जो भारत का
गौरव बढ़ा सकते हैं, इसलिए मैं सभी दलों से अपील करती हूं कि वे कलाम का
समर्थन करें."
वहीं पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी
दोबारा राष्ट्रपति बनने में दिलचस्पी दिखाई है. उन्होंने कहा है कि कई
राजनीतिक दलों ने इसके लिए उनसे सम्पर्क किया है.
कलाम ने कहा, ''मैं उनके विचारों का सम्मान करता हूं और सही समय पर फैसला लूंगा.''
प्रणब मुखर्जी का नाम सामने आने के बाद अब नजर उनके फैसले पर भी रहेगी.
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