समाजवादी पार्टी के नेता किरनमॉय नंदा की मौजूदगी में
तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा है कि राष्ट्रपति पद के लिए एपीजे अब्दुल
कलाम ही हमारे उम्मीदवार हैं.उन्होंने कहा कि कलाम ऐसे व्यक्ति हैं जो भारत का
गौरव बढ़ा सकते हैं, इसलिए मैं सभी दलों से अपील करती हूं कि वे कलाम का
समर्थन करें.वहीं पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल
कलाम ने भी दोबारा राष्ट्रपति बनने में दिलचस्पी दिखाई है. उन्होंने कहा है
कि कई राजनीतिक दलों ने इसके लिए उनसे सम्पर्क किया है.कलाम ने कहा, ''मैं उनके विचारों का सम्मान करता हूं और सही समय पर फैसला लूंगा.''इधर इस पूरे मुद्दे पर एनडीए की बैठक शुरु हो गई है. वहीं यूपीए ने शुक्रवार की शाम चार बजे अपने सहयोगी दलों की बैठक बुलाई है.राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पिछले दो दिनों से हुए
तरह-तरह के जोड़-तोड़ के बाद तस्वीर शु्क्रवार शाम तक कुछ हद तक साफ होने
की उम्मीद है.
पल-पल बदलते बयान
इसबीच समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव
से मुलाकात के बाद पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि एपीजे अब्दुल
कलाम ममता बनर्जी के उम्मीदवार हैं.उन्होंने ये भी कहा है कि समाजवादी पार्टी मध्यावधि चुनाव के पक्ष में नहीं है और न ही वे सरकार में शामिल होना चाहते हैं.उधर राष्ट्रपति चुनाव में रोमांच का तड़का लगाने
वाली तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने कहा है कि उन्हें यूपीए की
बैठक में नहीं बुलाया गया है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया
गांधी समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह से बैठक से पहले बातचीत करेंगी.दूसरी तरफ एनडीए के लिए महत्वपूर्ण बात यह है कि
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम शुक्रवार दोपहर पटना में मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार के साथ भोजन कर रहे हैं.ममता बनर्जी ने गुरुवार शाम डॉक्टर कलाम को
राष्ट्रपति पद की पहली पसंद बताया था और ख़बरों के अनुसार भारतीय जनता
पार्टी को भी इन नाम से परहेज नहीं है. मगर अब तक इस बारे में बिहार में
भाजपा की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड का रुख स्पष्ट नहीं था.ऐसे में नीतीश कुमार के साथ डॉक्टर कलाम के भोजन के बाद जनता दल (यू) की ओर से कोई संकेत मिलने की संभावना है.पिछले दो दिनों के बदलते हुए घटनाक्रम में ममता
बनर्जी और मुलायम सिंह ने डॉक्टर कलाम के अलावा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम बताया था.
तीनों नाम खारिज
"अब सबसे महत्वपूर्ण मुलायम सिंह का रुख है. वैसे ममता-मुलायम के रुख से कांग्रेस एकजुट हो गई है"
"वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक नीरजा चौधरी"
बाद में कांग्रेस ने तीनों नाम को खारिज कर दिया.
कांग्रेस प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री
बने रहेंगे और अन्य दोनों नाम पार्टी को स्वीकार नहीं हैं.यूपीए के घटक दलों की इस खींचतान के बीच भाजपा के
वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी चेन्नई में मुख्यमंत्री जयललिता से मिले थे.
आडवाणी ने इसे औपचारिक बातचीत बताया था और कहा था कि अंतिम फैसला शुक्रवार
को होने वाली एनडीए की बैठक में किया जाएगा.गुरुवार शाम को ममता की फिर से मुलायम सिंह से
बैठक हुई तो उससे पहले ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि पूर्व राष्ट्रपति
कलाम उनकी पहली पसंद हैं.वैसे बैठक के बाद मुलायम सिंह और ममता एक साथ नजर
नहीं आए इसलिए अब अटकलों का बाजार गर्म है कि मुलायम सिंह अपने रुख पर कायम
हैं भी या दबाव में आकर वह कांग्रेस के पक्ष में जा सकते हैं.इस पर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक नीरजा
चौधरी का कहना है, “अब सबसे महत्वपूर्ण मुलायम सिंह का रूख है. वैसे
ममता-मुलायम के रूख से कांग्रेस एकजुट हो गई है.”
चुनाव सुनिश्चित
मुलायम और ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति पद के लिए पहले तीन नाम सुझाए थेनीरजा चौधरी का यह भी मानना है कि अब राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव तय लग रहे हैं.उनका कहना था, “नीतीश कुमार के साथ शुक्रवार के
लंच के बाद जेडीयू का रुख स्पष्ट हो जाएगा क्योंकि जेडीयू ने पहले कहा था
कि वे कलाम के पक्ष में नहीं हैं.”नीरजा के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुलायम का रुख है और उनके रुख से बहुत कुछ तय हो जाएगा.नीरजा चौधरी का यह भी कहना था कि वैसे पूर्व
राष्ट्रपति कलाम के ऊपर भी बहुत कुछ निर्भर करता है क्योंकि यह तो लग रहा
है कि चुनाव होंगे लेकिन क्या कलाम प्रणब मुखर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ना
चाहेंगे ये अब भी स्पष्ट नहीं है.
इससे पहले 2007 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी
डॉक्टर कलाम का नाम कुछ पार्टियों ने उठाया था मगर तब भी उनकी ओर से संकेत
दिया गया था कि अगर सर्वसम्मति होगी तभी वह राष्ट्रपति का दूसरा कार्यकाल
चाहेंगे.
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