सोमवार, 18 जून 2012

चीनी यान अंतरिक्ष जा पहुंचा

    एक महिला सहित तीन यात्रियों को लेकर चीन का शनजो-9 नामक अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष पहुँच गया है.शनजो-9 चीन का चौथा अंतरितक्ष मिशन है जिसमें इतने इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है. इनकी शुरुआत वर्ष 2008 में हुई थी. चीन ने बीते साल इंसान रहित एक यान तियानगोंग-1 स्टेशन पर भेजा था. इसे रिमोट कंट्रोल से संचालित किया गया था.शिन्हुआ का कहना है कि ये चीन का अपनी तरह का पहला अंतरिक्ष अभियान है जिसमें इंसानों को भेजा जा रहा है.गोबी के रेगिस्तान से छोड़े गए गए इस यान पर सवार यात्री अंतरिक्ष में चीन के तैरते हुए स्टेशन तियांगोंग पर एक सप्ताह गुजारेंगें.चीन का यह अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी से क़रीब 335 किलोमीटर की ऊँचाई पर मौजूद है.

अच्छा आरंभ

   यान पर सवार होने के पहले तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्य लोगों और मीडीया के प्रतिनिधियों से मिलवाया गया.
मुस्कुराते, हाथ हिलाते इस दल के कमांडर जिंग हईपेंग ने कहा " हम आदेशों का पालन करेगें, शांत रहेगें और चीन के पहले इतने बड़े मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान को सफल बनाने का पूरा प्रयास करेगें."
जानकारी के अनुसार पृथ्वी से बाहर निकलने की बाद आठ मिनट बाद हे जहाज़ अपनी कक्षा में पहुँच गया. बताया जा रहा है कि यान की सभी प्रणालियाँ सही ढंग से काम कर रही हैं.इस दल के कमांडर कमांडर जिंग हईपेंग की यह दूसरी अंतरिक्ष यात्रा है पर उनके दोनों सहयात्रियों का अंतरिक्ष में पहला सफ़र है.इन दो में एक नाम लिउ येंग का है जो 33 वर्षीय हैं और पेशे से एयरफोर्स पायलट हैं.सरकारी प्रसारक सीसीटीवी के मुताबकि, लिउ येंग का कहना है, ''पहले दिन से ही मुझे कहा जा रहा है कि मैं पुरुष अंतरिक्ष यात्रियों से किसी तरह अलग नहीं हूं.''वे कहती हैं, ''मैं दृढ़ता में यकीन करती हूं. यदि आप दृढ़ हैं तो कामयाबी आपके कदम चूमती है.''

चौथा अंतरिक्ष अभियान

   शिन्हुआ ने लिउ येंग को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का एक वरिष्ठ पायलट बताते हुए लिखा है कि उन्हें अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए मई 2010 में चुना गया था.शनजो-9 चीन का चौथा अंतरितक्ष मिशन है जिसमें इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है. इनकी शुरुआत वर्ष 2008 में हुई थी.चीन ने बीते साल इंसान रहित एक यान तियानगोंग-1 स्टेशन पर भेजा था. इसे रिमोट कंट्रोल से संचालित किया गया था.
शिन्हुआ का कहना है कि ये चीन का अपनी तरह का पहला अंतरिक्ष अभियान है जिसमें इंसानों को भेजा जा रहा है.

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