मंगलवार, 19 सितंबर 2017

छः माह चले अढ़ाई कोस

   योगी जी को सीएम बने 6 महीने गुजर चुके हैं। इतने कम समय में किसी सरकार की सफलता या असफलता पर विमर्श उचित नहीं है। फिर भी जब खुद योगी सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, तब तो हमें भी उसकी समीक्षा का अधिकार हासिल हो जाता है।
   बाबा योगी के कुछ शुरुआती काम जिन्होंने जनता का मन मोहा था। अवैध स्लाटर हाउस बंदी, एसटीएफ द्वारा डीज़ल-पेट्रोल पंपों पर छापेमारी, एंटी रोमियो स्क्वायड, भ्रष्ट नौकरशाहों से खुले आम रिवर फ्रंट गोमती नगर में सवाल जवाब, हज़रतगंज थानें का वास्तव में अचानक दौरा आदि।
   अब आप इन्हीं कामों की उपेक्षा होते हुए भी देख रहे हैं। स्लाटर हाउस और अवैध मीट दुकानें जो कुछ दिनों के लिए बंद हुई थी, फिर धड़ल्ले से चालू हो गयी हैं। रोमियो के एंटी हो जाने के डर से एंटी रोमियो अभियान गधे के सर की सींग की तरह विलुप्त हो चुका है। भ्रष्ट नौकरशाहों से खुले में क्या बंद कमरे में भी सरकार ऊंची आवाज में बात करने की स्थिति में नही दिख रही है। औचक निरीक्षण भी चौचक चर्चा के बाद भी औचक निरीक्षण ही कहा जा रहा है।
    कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि योगी सरकार ने इन 6 महीनों में काम तो किया है। ऐसा काम जिसकी सराहना खुद सरकार करे। लेकिन एक भी ऐसा काम नही हुआ है, जिसकी सराहना यूपी की जनता करे। इस सरकार की चाल ढाल पर कहा जा सकता है कि लोग किसी के धीमेपन पर अब नौ दिन चले अढ़ाई कोस वाली कहावत को बदलकर यह कह सकते हैं कि छः माह चले अढ़ाई कोस।
सुशील अवस्थी "राजन"
9454699011

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