पापा, आज मेरी पहली परीक्षा थी. लेकिन मेरी टीचर मुझे 9.15 बजे तक रुलाती रही. मुझे उन्होंने तीन पीरियड तक खड़ा रखा. वह केवल अपने चापलूसों की सुनती है. मैं आज अपनी ज़िंदगी ख़त्म कर रहा हूं. प्लीज़ मेरी टीचर से कहिए कि किसी और को इतनी सख़्त सज़ा न दें. गुडबाय मां, पापा और दीदी.’ अपने सुसाइड नोट में इतना लिखकर गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के 12 साल के बच्चे नवनीत प्रकाश ने ख़ुदकुशी कर ली.
मेल टुडे की ख़बर के मुताबिक़ नवनीत गोरखपुर के सैंट ऐंटनीज़ स्कूल में पांचवीं कक्षा का छात्र था. वह अपनी अध्यापिका भावना के ख़राब व्यवहार से परेशान भी था. नवनीत के पिता रवि प्रकाश ने बताया, ‘मेरा बेटा एक होनहार स्टूडेंट था. वह क्लास टीचर से ट्यूशन लेता था. उसने बहुत अच्छे अंक भी हासिल किए थे. लेकिन भावना (आरोपित अध्यापिका) उसे अपने यहां ट्यूशन लेने के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित करती थी.’ रवि प्रकाश ख़ुद भी अध्यापक हैं.
उन्होंने बताया, ‘नवनीत 15 सितंबर को स्कूल से लौटने के बाद काफ़ी निराश था. उसे वहां परेशान किया गया था. वह घर आकर चुपचाप ऊपर चला गया. थोड़ी देर बाद वापस नीचे आकर खाने के लिए पूछा. उसकी मां ने उसे खाना दिया और वह थोड़ा सा खाने के बाद पानी का ग्लास लेकर फिर चला गया. लेकिन जब वह थोड़ी देर तक वापस नहीं आया तो हमने ऊपर उसके कमरे में जाकर देखा. वहां वह बिस्तर पर पड़ा था. उसके मुंह से झाग निकल रहा था. हम उसे तुरंत बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल लेकर भागे. लेकिन डॉक्टरों ने बुधवार (20 सितंबर) को उसे मृत घोषित कर दिया.’
ख़बर के मुताबिक बेटे की मौत से ग़ुस्साए परिजनों ने स्कूल में जमकर हंगामा मचाया. हालात को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस को बुलाना पड़ा. वहीं, स्कूल प्रशासन के अधिकारी बुधवार दोपहर से ही फ़रार हैं. नवनीत का पोस्टमॉर्टम हो गया है. रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है. शाहपुर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा-306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. आरोपित अध्यापिका को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है.
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