गुरुवार, 7 सितंबर 2017

जोगी मन न रंगाये.....


   खबर है कि अब यूपी परिवहन सेवा की बसें भगवा रंग में रंगी नज़र आएंगी। योगी सरकार इन बसों को जिस तरह भगवा एजेंडे के तहत इस्तेमाल करने जा रही है, उसमें अगर कल को ड्राइवरों को हार्न की जगह शंख ध्वनि के लिए एक एक शंख थमा दिया जाय तो आश्चर्य न करियेगा। ऐसा भी नही है कि योगी बाबा सूबे के पहले सीएम हैं, जो ऐसा करने जा रहे हैं। 2007 में बसपा की सरकार में माया ने इन्हें नीला किया। अखिलेश ने इन्हें सपाई रंग दिया। अब बाबा इन्हें भाजपाई रंग देने जा रहे हैं। 
बाबा से पहले का कोई सीएम बसों का रंग रोगन करने के बाद अपनी सरकार रिपीट नहीं कर पाया है। मतलब स्पष्ट है कि जनता परिवहन निगम की सेवा में बदलाव चाहती है रंग में नही। सेवा में बदलाव एक कठिन प्रक्रिया है। इसलिए हर सरकार रंग बदल कर रंगबाजी करना पसंद करती है। जो आसान व प्रतीकात्मक है। अच्छा होता बाबाजी कुछ सबक लेते और कुछ नया करते। जो सब किये है वही आप भी करेंगे, तो फिर पुरानी सरकारें क्या बुरी थी क्या?

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