जो भी लोग लखनऊ को जानते हैं, वो 1090 चौराहे से वाकिफ होंगे। लोहिया पथ पर गोमती नदी या रिवर फ्रंट के किनारे है। महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के तौर पर इसका नाम वीमन पॉवर लाइन चौराहा रखा गया।
योगी बाबा की सरकार ने यहां एक जनसंख्या गणना की डिजिटल घड़ी भी लगवा दी है, जो प्रति सेकेंड प्रदेश की जनसंख्या वृद्धि को दर्शाती रहती है। मसखरे लोग उस घड़ी की ओर इशारा कर कहते हैं कि वो देखो वीमन पावर। उनका आशय होता है कि योगी बाबा की सरकार महिलाओं को सिर्फ बच्चा पैदा करने की मशीन भर समझती है, और इसीलिए इस चौराहे पर डिजिटल घड़ी लगाकर अपनी सोंच प्रदर्शित कर रही है। ये घड़ी किसी और जगह क्यों नही लगाई?
अब इसे क्या कहा जाय? मसखरे लोगों का मानसिक दिवालिया पन या फिर सरकारी मशीनरी की संवेदनहीनता? इस वीमन पावर लाइन की थीम से महिलाओं का सम्मान किया जा रहा या अपमान?
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