जैसा कि आप सब जानते हैं कि किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के प्रो0 एचएस पाहवा को मैं सिर्फ सस्पेंड होते हुए नहीं, बल्कि बर्खास्त होते हुए देखना चाहता हूँ। इसलिए नहीं कि मेरी उनसे कोई दुश्मनी है, बल्कि इसलिए कि यह व्यक्ति उन गरीब मरीजों की जान से खिलवाड़ करता है, जो उसे भगवान मानते हैं। 4 अप्रैल 2017 को मैंने मुख्यमंत्री योगी के कार्यालय में इस मनमौजी डॉक्टर की लिखित शिकायत की, फलस्वरूप जाँच प्रारम्भ। रजिस्ट्रार kgmu के ढुलमुल रवैये और पाहवा को बचाने के उनके नित नए व अभिनव प्रयासों की वजह से जाँच में देरी। फलस्वरूप मुख्यमंत्री के विशेष सचिव सैम्फिल रिग्जियान को जारी करना पड़ा नया आदेश।
मुझे न आजकल एकदम नई फीलिंग आ रही है। वह ये कि कहीं ऐसा न हो जाये कि मेरी इस शिकायत पर प्रो0 पाहवा बच जाएँ, और पाहवा को बचाने वाले एक दो लपरझण्डिस न निपट जाये। ऐसा होगा जरूर, क्योंकि मैं मेडिकल यूनिवर्सिटी में चल रहे लूट और मनमौजी के खिलाफ चुप नहीं होऊंगा। लगा रहूँगा। देखता हूँ कि आखिर बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी?
मुझे न आजकल एकदम नई फीलिंग आ रही है। वह ये कि कहीं ऐसा न हो जाये कि मेरी इस शिकायत पर प्रो0 पाहवा बच जाएँ, और पाहवा को बचाने वाले एक दो लपरझण्डिस न निपट जाये। ऐसा होगा जरूर, क्योंकि मैं मेडिकल यूनिवर्सिटी में चल रहे लूट और मनमौजी के खिलाफ चुप नहीं होऊंगा। लगा रहूँगा। देखता हूँ कि आखिर बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी?
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