बुधवार, 14 जून 2017

आखिर "मौत से पहले मौत" का चुनाव क्यों

तम्बाकू कैंसर का एक प्रमुख़ कारण है। पता नहीं मेरे मित्रों में से कितने मित्र इस सत्य से वाकिफ हैं, कि मैं पिछले कई सालों से तम्बाकू का नियमित इस्तेमाल कर रहा हूँ। पिछले कई महीनों से मैं इससे मुक्ति के लिए प्रयास कर रहा हूँ। आप सबको यह जानकार शायद ताज़्ज़ुब हो कि जिस तम्बाकू से मैं एक घंटा भी दूर नहीं रह पाता था, पिछले 7 दिनों में मैंने उसका स्पर्श तक नहीं किया है। मेरे तम्बाकू छोंडो अभियान में इन 7 दिनों की क्या कीमत है, इसे बहुत कम लोग समझ सकेंगे। पिछले 7 दिनों में मैंने तनाव, घबराहट, छटपटाहट, बेचैनी, और तलब की कितनी ऊँची लहरों का सामना किया है, यह बात या तो मैं जानता हूँ, या फिर मेरी अर्धांगिनी। पत्नी इसलिए क्योंकि वह भी मुझे तम्बाकू के चंगुल से मुक्त होते हुए देखना चाहती हैं। इन शुरूआती 7 दिनों का मेरी तम्बाकू विरोधी जंग में बहुत खास महत्त्व है। अब मुझे विश्वास हो रहा है कि मैं जल्द ही तम्बाकू मुक्त पुरुष हो जाऊंगा।
   
आप सोंच रहे होंगे कि सालों तक तम्बाकू की मन वचन और कर्म से उसकी सेवा करने वाला मैं सुशील अवस्थी "राजन" आज एकाएक उसके खिलाफ बगावत की मुद्रा में क्यों हूँ? कहाँ और किससे मुझे यह प्रेरणा मिली कि मैं तम्बाकू के खिलाफ इतना हमलावर हो गया? पहला और महत्वपूर्ण कारण यह कि मुख कैंसर से पीड़ित अपनी धर्म पत्नी के संघर्ष का मैं बहुत निकट साक्षी रहा हूँ। यह भी ईश्वर की और डॉ0 आशीष सिंहल जी की बड़ी कृपा है कि उनके हौसले और साहस के आगे कैंसर नें खुद हार मान ली।  हालाँकि उन्हें मुख कैंसर बगैर किसी तम्बाकू उत्पाद का इस्तेमाल किये हुआ था। मुझे पता है कि उन्होंने कभी भी किसी भी तम्बाकू उत्पाद का इस्तेमाल नहीं किया है, इसके बावजूद भी उन्होंने मुख कैंसर जैसी यातना को सहा। फिर मैं तो लगातार कई सालों से तम्बाकू उत्पादों का सेवन कर अनवरत रूप से कैंसर को आमंत्रित कर रहा हूँ, वो अलग बात है कि उसने मेरे आमंत्रण को कभी नहीं स्वीकारा। मैं और आप सब इस बात को मानेंगे कि जिसको कैंसर होगा वह भी मरेगा और जिसको नहीं होगा वह भी मरेगा, लेकिन शायद कम ही लोग जानते होंगे कि कैंसर पेशेंट मौत से पहले हज़ार मौते मरता है। उसके साथ उसके चाहने वाले करीबियों को भी मौत सरीखी ही वेदना से गुज़रना पड़ता है। "मौत से पहले मौत" के दुष्चक्र से मुक्ति के लिए यह जरुरी है कि हम सब तम्बाकू उत्पादों का परित्याग करें। इस लेख को लिख कर अपने अनुभवों को आप तक पहुचाने के पीछे मेरा उद्देश्य यही है कि आपमें से जो भी लोग तम्बाकू उत्पादों के मेरी तरह गुलाम हैं, वो भी इन उत्पादों के खिलाफ बगावत का आगाज़ करें। मुझसे किसी भी तरह के सहयोग के लिए इन मोबाइल  नंबरों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 
9454699011
9044719011

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