योगी सरकार की प्रतिभावान मंत्री स्वाति सिंह के कारनामों की चर्चा अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि अलबेले सत्यदेव पचौरी की वजह से लोहिया संस्थान की एमआरआई मशीन सत्यानाश हो गयी। हुआ ये कि मंत्री जी अपनी जांच कराने के लिए गोमती नगर, लखनऊ के डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान जा पहुचे। उनके सुरक्षा कर्मी भी जबरदस्ती एमआरआई चेंबर में घुस गए। आप सब जानते हैं कि एमआरआई कक्ष में धातु निर्मित कोई चीज़ ले जाना मना होता है, लेकिन मंत्री के गार्ड किसकी सुनते। फिर क्या था, असलहा मशीन में चिपक गया। जिसकी वजह से मशीन सत्यानाश हो गयी।
संसथान के निदेशक दीपक मालवीय का कहना है कि कुछ एक दिनों तक अब आम मरीजों की जाँचे नहीं हो सकेंगी, और मशीन को फिर से चालू हालत में लाने के लिए लाखों रुपया भी खर्च करना पड़ेगा। जब एक आम आदमी का इस संस्थान में एमआरआई जाँच के लिए महीनों बाद नंबर आता है, फिर मंत्री जी का नंबर तुरंत कैसे? इस सवाल पर निदेशक महोदय बगलें झांकने लगे। आपको बताते चले कि ये वही सत्यदेव पचौरी हैं, जिन्होंने अपने विभाग के एक दिव्यांग कर्मचारी का सार्वजानिक रूप से अपमान कर अपने नए नए मंत्री पद की हेकड़ी चेक की थी। लगता है कि 14 साल के वनवास के बाद सत्ता में वापस आये ये भाजपाई नेता सत्ता का नशा बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, बाबाजी इनको संभालो अन्यथा मुझे तो इन नशेड़ियों की हरकते भाजपा को 140 साल के वनवास पर भेजने के लिये काफी लग रही हैं।
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