सोमवार, 7 अगस्त 2017

हक़ याचना से नहीं, छीनने से मिलता है: उमेश


    आप लोगों में बहुत से लोग इन महोदय से परिचित होंगे| इनके पास नई चमचमाती बुलेट है, और ये बहुत बढ़िया बाइक सवार हैं | ये कोई बड़ी बात नहीं है | बड़ी बात यह है कि इन्होने ये चमचमाती बुलेट एक बड़े उद्देश्य के लिए खरीदी है | ये श्रीमान उमेश द्धिवेदी जी हैं | महोदय उत्तर प्रदेश विधान मंडल में शिक्षक एमएलसी हैं, और सदन में  वित्तविहीन शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करते हैं | यह बुलेट इन्होने पूरे उत्तर प्रदेश का भ्रमण करने के लिए हाल ही में खरीदी है | असल में माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के अध्यक्ष उमेश जी पूरे यूपी के वित्तविहीन शिक्षकों को जागरूक करने के लिए 21 अगस्त से शिक्षक अधिकार जागरूकता यात्रा प्रारम्भ करने जा रहे हैं | जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से होने जा रही है | महासभा नें पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक विस्तृत कार्य योजना भी तैयार कर ली है | 
     मामला दरसल ये है कि सभी वित्तविहीन शिक्षक आजकल योगी सरकार के खिलाफ आंदोलनरत हैं, और इनका नेतृत्व उमेश जी कर रहे हैं | उमेश जी को जिन वित्तविहीन शिक्षकों के वोट नें एक साधारण शिक्षक से एमएलसी के संवैधानिक पद तक पहुंचाया है, वो शिक्षक योगी सरकार की अदूरदर्शिता और अहंकार के शिकार हो रहे हैं | यूपी के जिन दो लाख वित्तविहीन शिक्षकों को पिछली अखिलेश सरकार नें मानदेय देना प्रारम्भ कर दिया था, योगी सरकार ने आते ही वह फैसला रद्द कर दिया है, जिस वजह से ये वित्तविहीन शिक्षक अब भुखमरी के कगार पर आ गए हैं | एक समय मैं सुशील अवस्थी "राजन" भी वित्तविहीन शिक्षक रहा हूँ, इसलिए इन वित्तविहीन शिक्षकों के दर्द को भलीभांति महसूस कर रहा हूँ | पूर्व वित्तविहीन शिक्षक होने  के नाते उमेश जी के मिशन की मदद करना मैं अपना फ़र्ज़ समझता हूँ | उमेश जी कहते हैं कि वित्तविहीन शिक्षक अपना हक़ लेकर रहेगा| लोकतान्त्रिक व्यवस्था में कोई राजा नहीं है, कि वित्तविहीन शिक्षक उसकी मर्ज़ी या मनमर्जी का शिकार हो | इस सरकार पर जन दबाव बढाकर अपना हक़ छीनेंगे, न कि याचना कर भिक्षावृत्ति करेंगे |  और वही जनमत बनाने के लिए मैं पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर अपने शिक्षक भाइयों को जागरूक करूँगा | मेरी नई मोटरसाइकिल इसी उद्देश्य के लिए आयी है| 

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