चीन पगला चुका है, तभी तो वह हर रोज़ हमें एक नई धमकी दे रहा है। युद्ध का डर दिखाकर वह अपनी मनमानी चलाना चाहता है। वह मात्र 8000 सैनिकों की सेना वाले कमजोर और गरीब देश भूटान की जमीन हड़पना चाहता है। हिंदुस्तान का भी सामरिक हित इसी में है कि वो चीन को भूटान के उस डोकलाम एरिया से दूर ही रखे। खुद को पर्वत से भी ज्यादा मजबूत बताने वाली चीनी सेना पीएलए की बहादुरी को दुनिया तभी समझ गयी थी, जब उसने अपनी बहादुरी दिखाने के लिए मात्र 8000 की सैनिक संख्या वाले देश भूटान को डराकर उसकी जमीन कब्जाने की शर्मनाक हरकत की। भारत ने इस दबंग भूमाफिया चीन को ऐसा न करने की मौन हिदायत दे, उसकी तथाकथित दबंगई की सारी हवा निकाल दी।
युद्ध युद्ध की रट लगाए चीन को ठीक से पता है कि अब भारत से लड़ना और जीतना कितना कठिन है। चीन की सबसे बड़ी ताकत उसकी दग़ाबाज़ी है। इसी दग़ाबाज़ी के बल पर उसने 1962 में भारत को घाव दिया था। अब भारत ने उस पर भरोसा करना छोङ दिया है। इसलिए अब वह खुद को असहाय महसूस कर रहा है। उसकी बौखलाहट ही उसकी कमजोरी बयां करने के लिए काफी है। पाकिस्तान अपने पावर फुल आका की यह बौखलाहट देखकर ही पगला रहा है। चीन से भी भिड़ने को तैयार भारत की ताकत का असली अंदाज़ा उसे अब हुआ है। वह सोंच रहा है कि जिस दिन भारत की सेना उसे निपटाने की सोंच भर लेगी उसका वजूद मिट जाएगा।
युद्ध युद्ध की रट लगाए चीन को ठीक से पता है कि अब भारत से लड़ना और जीतना कितना कठिन है। चीन की सबसे बड़ी ताकत उसकी दग़ाबाज़ी है। इसी दग़ाबाज़ी के बल पर उसने 1962 में भारत को घाव दिया था। अब भारत ने उस पर भरोसा करना छोङ दिया है। इसलिए अब वह खुद को असहाय महसूस कर रहा है। उसकी बौखलाहट ही उसकी कमजोरी बयां करने के लिए काफी है। पाकिस्तान अपने पावर फुल आका की यह बौखलाहट देखकर ही पगला रहा है। चीन से भी भिड़ने को तैयार भारत की ताकत का असली अंदाज़ा उसे अब हुआ है। वह सोंच रहा है कि जिस दिन भारत की सेना उसे निपटाने की सोंच भर लेगी उसका वजूद मिट जाएगा।
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