दो साध्वियों के यौन शोषण केस में सलाखों की हवा खा रहा गुरमीत राम रहीम पद्म पुरस्कारों के लिए जुगाड़ में लगा था. इसके लिए उसने अपने समर्थकों के जरिए फील्डिंग सजा ली थी. इसका खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है.
मेवात (हरियाणा) के एक आरटीआई कार्यकर्ता मुबारिक ने गृह मंत्रालय से पद्म पुरस्कारों को लेकर एक आरटीआई मांगी थी. इसके जवाब से पता चला है कि गृह मंत्रालय को अब तक 18,768 नाम मिल चुके हैं, जबकि इसके लिए दो सप्ताह का समय बाकी है.
केंद्र सरकार से मिली 608 पेज की आरटीआई बताती है कि इस नागरिक सम्मान के लिए इन नामों में से 4206 बार राम रहीम का जिक्र है. यानी इतने लोगों ने चाहा है कि राम रहीम को पद्म अवार्ड मिले.
दिलचस्प बात यह है कि उसे पद्म पुरस्कार के लिए सबसे ज्यादा 4156 सिफारिश सिरसा जिले से भेजी गई है. जहां डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय है. जाहिर है ये उसके भक्तगण होंगे. पद्म पुरस्कारों की घोषणा 26 जनवरी 2018 को होनी है.
आरटीआई कार्यकर्ता राजुद्दीन जंग का कहना है कि पद्म सम्मानों के लिए नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 15 सितंबर है. तब तक इसके लिए सिफारिश करने वालों की संख्या बढ़ जाती. अगर इसे जेल न हुई होती तो अगले साल तक यह यह पुरस्कार ले सकता था. देश-विदेश में उसके करीब पांच करोड़ भक्त हैं.
उसके चाहने वाले कई मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और मंत्री रहे हैं. जो उसके यहां दरबार लगाते थे. उनसे भी वह सिफारिश करवाता. लेकिन अब पुरस्कार लेने के उसके अरमानों पर पानी फिर गया है, क्योंकि उसके काले कारनामों का पर्दाफाश हो चुका है.
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