शनिवार, 5 अगस्त 2017

योगी जी! गौर से देखिये फैज़ाबाद के स्वास्थ्य महकमे का सच


    वैसे तो यूपी की राजधानी लखनऊ से फैज़ाबाद की दूरी मात्र १२० किमी है, लेकिन लगता है कि यहाँ अभी तक लखनऊ में हुए सत्ता परिवर्तन की कोई धमक नहीं पहुंची है | राजधानी लखनऊ में बैठकर सरकार और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह भले ही लाख दावे करें कि प्रदेश में सभी को आसानी से स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो रही, लेकिन यह सत्य नहीं है | सत्य तो यह है कि सपा सरकार के दौरान ही यहाँ स्थितियां बेलगाम हुई थी, लेकिन यह भी ध्रुव सत्य है कि नई योगी सरकार भी यहाँ की स्थितियों को संभालने में बुरी तरह नाकाम हुई है | 
    आप चित्र में जिन महानुभावों को देख रहे हैं, मैं सबसे पहले उनका परिचय आपको दिए देता हूँ | पहला चित्र है फैज़ाबाद जिला चिकित्सालय के चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ० सतेंद्र सिंह का, दूसरे में हैं डॉ० जेपी सिंह जो कि अयोध्या के श्री राम चिकित्सालय में तैनात हैं, जबकि तीसरे और चौथे चित्र में हैं, जिला चिकित्सालय फैज़ाबाद के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ० जीसी पाठक | इन सभी का जिक्र इसलिए जरुरी है कि ये सभी सरकारी डाक्टर तनख्वाह तो यूपी सरकार से लेते हैं, लेकिन सरकारी अस्पताल में सेवाएं देनें में इनकी कोई रूचि नहीं है | इनकी रूचि है प्राइवेट प्रैक्टिस में | जबकि यूपी सरकार अपने सभी डाक्टरों को नॉन प्रैक्टिस अलाउंस देती है, ताकि ये डाक्टर पूर्ण रूप से समर्पित होकर प्रदेश के आम आदमी की सेवा  कर सकें | ये होशियार बहादुर डाक्टर सरकार को तो चूना लगा ही रहें हैं, साथ ही जिले के गरीब मरीज़ों का आर्थिक शोषण भी कर रहें हैं |
    आज से कुछ दिन पहले मैनें अपने चैनल जिसमें कि मैं कार्यरत हूँ के लिए एक स्टिंग आपरेशन किया था, जिसमें कि मेरे सामने इस जिले के स्वास्थ्य विभाग का सारा सच सामने आ गया | पहले डॉ सतेंद्र नें अपने राम नगर स्थित आवास में ही मेरे द्वारा प्रस्तुत नकली मरीज़ का इलाज किया , और १०० रुपये की फीस भी ली | साथ ही उन्होंने हमें अपना विजिटिंग कार्ड देकर अपना पूरा शेड्यूल भी हमें दिया कि वह किस समय कहाँ मौजूद रहते हैं | जबकि दूसरे डाक्टर जेपी सिंह अयोध्या में तैनात होनें के बावजूद फैज़ाबाद में अपना खुद का हॉस्पिटल संचालित कर रहे हैं | उन पर किसी का कोई भय नहीं है | खुद हमें ही धमका रहे थे कि जितना चलाना चाहो चैनल पर चला लो मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता | जबकि तीसरे महानुभाव श्रीमान डॉ जीसी पाठक का तो फ़ैज़ाबाद में रसूख का आलम यह है कि दिव्य देव एक महिला आईएएस के घर को ही किराये पर लेकर उसमें अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस के कर्म को अंजाम देते हैं | 
   
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि किसी को कोई भय नहीं है | जिम्मेदार अधिकारी यहाँ गाँधी जी के बन्दर बने बैठे हैं | कोई देख नहीं रहा तो किसी को सुनाई नहीं पड़ता जबकि कुछ सबकुछ जानते हुए भी कुछ कहना नहीं चाहते हैं | यूपी सरकार भी जनता को रामराज का एहसास करानें के फर्जी दावों में मस्त है, उसके पास कहाँ फुर्सत है यह सब देखने की | 

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