गुरुवार, 30 जून 2011

"राम-राम कहु राम"

        राम समस्त प्राणियों के भगवान् हैं| उनकी सांवली सलोनी मूरत से ज्यादा आकर्षक हैं उनके आदर्श और कार्य| यही कारण है कि उनके अवतार के लाखों वर्ष बाद भी सारी दुनिया उन्हें श्रद्धा,विश्वास के साथ याद करती है| प्रभु राम का जीवन उच्च आदर्शों की स्थापना और उनके अनुपालन का उच्च उदाहरण है|
        चाहे घर में छिड़ी सत्ता हांसिल करने की लडाई हो या जंगल में निवास कर रहे भील,निषाद,शबरी  जैसे वंचित तबको को सम्मान देनें की बात, प्रभु राम ने जीवन के हर पल में उच्च आदर्श स्थापित किये| जब राजा बनने का अवसर मिला तो अपने उच्च आदर्शों को साकार रूप देते हुए जिस तरह सत्ता का सञ्चालन किया, उसका दूसरा उदाहरण आज तक धरती वासियों को नहीं देखने को मिला| लेकिन उच्च राजनीतिक आदर्श स्थापित करने के लिए श्री राम को अपनी प्राण-प्रिय पत्नी सीता का भी परित्याग करना पड़ा|
      आज के गिरते राजनीतिक स्तर को देखते हुए ये आदर्श हजारों हिमालयों की ऊँचाई से भी ऊँचे दिखते हैं| अपने को भगवान् राम का अनुयायी कहना बहुत आसान है, परन्तु राम के आदर्शों को अपने जीवन में धारण करना बहुत कठिन है| फिर भी एक राजनीतिक दल के लोग दिन भर जय श्री राम का उद्घोष कर अपनें आपको राम का असली उत्तराधिकारी घोषित करते रहते हैं| इनको देखकर मुझे लगता है कि राम के बारे में अगर किसी की धारणा सबसे गलत है तो इन्ही लोगों की| राम ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दें|


 
           सुशील अवस्थी "राजन"
                         09454699011

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