उत्तर प्रदेश अब महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है| एक नहीं अनेंक घटनाएँ इसका प्रमाण हैं| निघासन थानें में घटी घटना से यूपी अति असुरक्षित प्रदेश बन गया है| क्योंकि यहाँ रक्षक ही भक्षक बन गया है| जिस पुलिस पर महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी है,जब वह खुद थानों में बलात्कार और हत्या करने पर उतारू हो जाये,तो इससे कानून व्यवस्था की स्थिति की पैरोकारी करनेवालों को कुछ भी कहने की जरुरत नहीं रह जाती| ये पब्लिक है सब जानती है| अगर अपराधी अपराध करें तो उसे रोंका जा सकता है, लेकिन जब अपराध नियंत्रित करनेवाले हाँथ ही अपराध करने पर उतारू हो जांए तो फिर स्थिति अनियंत्रित ही होती है| हमारे प्रदेश में कमोवेश यही स्थिति है| यहाँ मंत्री और विधायक ही कानून व्यवस्था से बलात्कार करने पर उतारू हैं| और हमारा दुर्भाग्य यह है कि यह सब एक महिला मुख्य मंत्री के नेतृत्व में चल रही सरकार में हो रहा है|
जबकि हमारी मायावती जी कानून का राज स्थापित करने में ही माहिर थी| इसीलिये यूपी के लोगों ने उन्हें चुना भी था| पर ऐसा क्या हो गया कि वे अपने मुख्य कार्य को ही अंजाम नहीं दे पा रही हैं| आजकल हमारी मुख्य मंत्री साहिबा दूसरे प्रदेशों में जाकर उत्तर प्रदेश की तर्ज़ पर वहां भी सरकार चलानें की नजीरें दे रही हैं, कौन प्रदेश यूपी की तर्ज़ पर चलनेवाली सरकार चाहेगा?
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