गांधीवादियों की नहीं, आतंकवादियों की शुभचिंतक है कांग्रेस
विश्व के दुर्दांत आतंकवादी को ओसमाजी मानने वाली कांग्रेस,गिलानी जैसे पाकिस्तान परस्त हुर्रियत नेता को दिल्ली आकर प्रेसवार्ता की मौन स्वीकृति देने वाली कांग्रेस,अफजल गुरु और कसाब की सेवा चाकरी करने वाली कांग्रेस,को क्या गांधीवादी कहा जा सकता है? शांतिपूर्ण सत्याग्रह कर रहे बाबा रामदेव को क्या "ठग" माना जा सकता है? कांग्रेस के हतास नेता ये क्या कर रहें है? सत्याग्रह पर विश्वास करनेवाला कभी ठग नहीं हो सकता और आतंकवादियों की पैरवी करनेवाला कभी राष्ट्र भक्त नहीं हो सकता|
जिस बेशर्मी से कांग्रेसी नेता बाबा रामदेव को संघ का आदमी बता रहें है वह मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है| कांग्रेस को इस देश का आम मुसलमान वैसे भी अपना शुभचिंतक नहीं मानता| मुसलमानों को ओसामा का शुभचिंतक कभी भाजपा ने नहीं माना,जबकि कांग्रेस के असली चेहरे दिग्विजय सिंह का मानना है कि ओसामा को ओसामा जी कहने से इस देश का आम मुसलमान कांग्रेस पर वोटों की वर्षा कर देगा| मुसलमानों का असली शुभचिंतक कौन है? यह बात भारत का आम मुसलमान बेहतर समझता है|
हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय नितिन गडकरी जी ने लखनऊ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कांग्रेस के लिए एक बात कही थी कि "विनाशकाले विपरीत बुद्धि" वह बात पूरी तरह से सही लग रही है| यदि ऐसा न होता है तो गांधीवाद की जो नयी परिभाषा कांग्रेस के मतिभ्रष्ट नेता लिख रहें है वह ना लिखी जा रही होती| सिर्फ नाम के अंत में गाँधी लिख लेने से देश की जनता किसी को गांधीवादी मान लेगी, कांग्रेसियों को इस भुलावे में नहीं रहना चाहिए| गांधीवादी बनने के लिए बाबा रामदेव जैसे आत्मबल की जरुरत होती है, ये बात गाँधी नाम का पट्टा कराये लोगों को समझने की जरुरत है|
प्रमोद बाजपेई
सदस्य प्रदेश कार्य समिति,
भारतीय जनता पार्टी, उत्तर प्रदेश,
मोबाइल - 9415021945
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