शुक्रवार, 24 जून 2011

"चारों तरफ अंधेर मची है.......

       उत्तर प्रदेश में ये क्या हो रहा है? डॉ. सचान की लखनऊ जेल में जिस जघन्यता से हत्या की गयी है उससे सारा प्रदेश शर्मसार हुआ है| पर प्रदेश सरकार की बेशर्मी की इंतहा तो देखिये कि वह प्रथम द्रष्टया ही हत्या लग रहे केस को आत्म हत्या साबित करने  पर तुली है| प्रदेश के हालात बयां करता एक गाना मुझे याद आ रहा है "चारों तरफ अंधेर मची है, पानी महंगा सस्ता खून| कोई बताये है ये कैसा माया का कानून" थानों में सिपाही बलात्कार और हत्याएं कर रहे हैं| प्रदेश की जेलों को सरकारी अपराधियों के हवाले कर दिया गया है| किसानों की जमीनों को जबरदस्ती उनसे छीन कर पूजीपतियों के हवाले किया जा रहा है| आवाज़ उठानेवालों को लाठी गोली से डराया जा रहा है| जिस अख़बार में डॉ.सचान की निर्मम सुनियोजित हत्या के सरकारी कारनामे की दास्ताँ  जनता  पढ़ रही है, उसी अख़बार के अगले पृष्ठ पर सरकारी विज्ञापन में कानून व्यवस्था की स्थापना के अभूतपूर्व दावे  प्रदेश की जनता के जले पर नमक छिड़कने जैसे ही लगते हैं| अहंकारी तानाशाही बसपा सरकार के पाप का घड़ा अब भर चुका है| 2012 के विधान सभा चुनाओं में प्रदेश की जनता अपने वोट की ठोकर से इस घड़े को फोड़ने का मन बना चुकी  है|
       अब प्रदेश वासी भाजपा सरकार के कार्यकाल को याद कर रहा है| कांग्रेस की भ्रष्टता, बसपा की धृष्टता , और सपा की उद्दंडता, से जनता पक चुकी है| आज प्रदेश की जनता भाजपा की तरफ आशा भरी  निगाहों से देख रही है| उसका मजबूत कारन हैं कि भाजपा पूरी तरह से लोकतान्त्रिक पार्टी है, न कि किसी ख़ानदान की बपौती|





प्रमोद बाजपेई
सदस्य प्रदेश कार्य समिति,
भारतीय जनता पार्टी,
उत्तर प्रदेश,
मोबाइल- 9415021945  

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