रविवार, 12 जून 2011

"राहुल गाँधी को खुला पत्र"

भाई राहुल गाँधी जी सादर नमस्कार ,

       इधर कुछ दिनों से मेरा मन आपसे बात करना चाह रहा था| शायद मेरा सार्वजानिक रूप से लिखा गया यह पत्र आप तक पहुँच सके| इधर कुछ दिनों में घटी घटनाओं से आप वाकिफ तो जरुर होंगे| जैसे बाबा रामदेव के आन्दोलन को कुचलने के लिए आपकी केंद्र सरकार द्वारा अपनाया गया तरीका, जिस पर देश की जनता आपके विचार सुनने को बेताब है| आपके विचार इसलिए क्योंकि आप कांग्रेस के कमाऊ पूत हैं| कमाऊ मतलब वोट कमाने में, आपसे आगे इस पार्टी में कोई नहीं है| पूरी पार्टी, बडबोले व भोले  नेता सब आपकी ही कमाई खा रहे हैं| भट्टा पारसोल में आपने यूपी सरकार के दमन चक्र का मुखरता से विरोध किया था, जबकि जिनका आपने समर्थन किया था, उन लोगों ने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों पर गोली तक चलाई थी| पर बाबा के अनुयायी तो सो रहे थे, और किसी तरह की हिंसा की सम्भावना किसी को नहीं दिख रही थी| फिर कैसे सरकारी आतंकवाद को जायज़ ठहराया जा सकता है?
          आपसे वार्ता की मेरी प्रबल इक्षा का अहम कारन मेरा रायबरेली वासी होना भी है| गाँधी परिवार से जुड़ा मेरे स्वर्गीय बाबा लक्ष्मी प्रसाद अवस्थी व मेरे पिता श्री हनोमन प्रसाद अवस्थी द्वारा मिला वंशानुगत अनुराग मेरे भी खून में  है| मेरा बचपन आपकी दादी इंदिरा जी के किस्से कहानियां सुनते हुए बीता है| किशोरावस्था आपके पिता स्वर्गीय राजीव गाँधी जी को नैतिक समर्थन देते हुए बीता| जवानी आपको प्रधान मंत्री बनते हुए देखना चाहती है| परन्तु मेरा यह वंशानुगत अनुराग देश विरोधी व लोकतंत्र विरोधी कभी नहीं हो सकता| इसलिए भी आपको अपनी चुप्पी तोडनी होगी|
      एक बात और नहीं समझ पा रहा हूँ भैया राहुल जी,  क्या आपको भी दिग्विजय जैसे पागल आदमी की जरुरत है? यह व्यक्ति कैसे पार्टी के वोट बढ़ा रहा है, मेरी समझ से परे है, आप समझ रहे हों तो बताना जरुर| इसकी बे सर पैर की बातों से आम आदमी कुपित है| इसे तो बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होना चाहिए, क्योंकि इसकी बातों से सिर्फ बीजेपी मजबूत हो रही है| बीजेपी अपने किसी आन्दोलन से यूपी में ताकतवर नहीं बन रही है, बल्कि इस सनकी की बातें उसे बढ़ा रही हैं| भगाओ न इस गंदे को| मुझे तो कभी कभी लगता है कि कांग्रेस में ही कुछ लोग हैं, जो आपको प्रधान मंत्री बनते हुए नहीं देखना चाहते? उसी ग्रुप का  आदमी है ये सनकी दिग्विजय| जो मुझे यहाँ कसरावाँ, बछरावाँ, रायबरेली, यूपी में महसूस हो रहा है वह लिख रहा हूँ| आप दिल्ली में बैठकर क्या महसूस कर रहें हैं, बताइए न भैया....|
           आपका वंशानुगत समर्थक - 

                                                         सुशील अवस्थी "राजन"
                                                                  9454699011

1 टिप्पणी:

  1. Achcha maadhyam hain...! Rajan Ji aisey hi jhakjhorney wale prayas karne honge...aapki kamyaabi prashast ho aur aapke Rahul bhaiya ka kuch jawaab zaroor aaye...

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