झमाझम बारिश की ख़बरें| लोगों के भीगते फोटो, बारिश का मजा लेते युवा लडकें,लड़कियों के फोटो, लेकिन इन सब के बीच भारतीय किसान का फोटो ही वास्तविक फोटो है, परन्तु ये फोटो किसी अख़बार में छपा है क्या? वह किसान जो सारे देश का पेट भरता है,उसकी झोली सिर्फ बारिश की बूंदें ही भर सकती हैं| हमारे देश में खेती को मानसून का जुआं अंग्रेजों के शासन काल में कहा जाता था, लेकिन हमारे अपने लोगों के शासन में भी खेती किसानी मानसून का जुआं ही बनी हुई है| इसलिए किसान का फोटो कहीं छपे न छपे बारिश की ख़ुशी सिर्फ उसके चेहरे पर पढ़ी जा सकती है, लेकिन ये ख़ुशी पढने के लिए हमको-आपको वह द्रष्टि पैदा करनी होगी|
वास्तविकता यह है कि हिंदुस्तान में कृषि के सामने एक या दो समस्याएँ नहीं हैं, बल्कि समस्याओं का अम्बार है| उस पर दुर्भाग्य कि हमारे अपने भारत-भाग्य-विधाताओं ने कभी किसानों के लिए कुछ करने की सोंची भी नहीं, सिर्फ कहा है| किसानों में फैली अशिक्षा,और गरीबी की महामारी को ख़त्म किये बगैर उनका भला किया भी नहीं जा सकता| कौन करेगा किसानों का भला?
आपका -
सुशील अवस्थी "राजन"
मोबाइल - 09454699011
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