शनिवार, 25 जून 2011

"सत्ता बेरहम होती है"

       सत्ता बेरहम होती है, इसकी बानगी यूपी और देश के लोगों ने डॉ. सचान  मौत  प्रकरण में देखा है| शरीर में आठ जगह धारदार हथियार से किये गए घावों के बाद भी सरकारी अमला बड़ी बेशर्मी से चिल्लाता रहा कि प्रथम दृष्टया ये आत्म हत्या का मामला लगता है| जबकि आम आदमी प्रथम दृष्टया ही इसे हत्या का मामला समझ चुका है| करोड़ों रुपयों के घपले के खेल में नीचे से ऊपर तक कई ताकतवर लोग शामिल हैं, यह भी जनता समझ रही है/ इसी कारन दो cmo और अब एक डिप्टी cmo सचान को अपनी जान से हाँथ धोना पड़ा है/ सरकार अपने आपको पाक-साफ सिर्फ सीबीआई जाँच की संस्तुति कर ही कर सकती है/ लेकिन दुर्भाग्य कि सरकार अपने आपको पाक साफ दिखाने की कोई जरुरत ही नहीं महसूस कर रही है/ वोट तो जातिवाद से आता है पाक साफ दिखने से नहीं, सरकार संचालकों के मन में यही दुर्विचार उनके अति आत्म विश्वास व हठ धर्मिता का प्रमुख कारण है/
     अन्ना जैसे ईमानदार देशभक्त को अपमानित करनेवाली केंद्र सरकार भी यही सन्देश दे रही है कि सत्ता बेरहम होती है/ पेट्रोल,डीजल,रसोई गैस के बढ़ते दाम भी कह रहे हैं कि सत्ता बेरहम होती है/ बाबा रामदेव के सोते भक्तों पर चटकी लाठियों ने भी यही कहा था/ भगवान् राम जिस अपनी प्राण-प्रिय पत्नी के लिए रावण जैसे महापराक्रमी से भिड गए थे, उसी सीता को अयोध्या की सत्ता पर सत्ता नसीन होते ही खुद ही वनवास का मार्ग प्रशस्त करते हैं, रामायण की यह घटना भी लाखों साल से यही सन्देश दे रही है कि सत्ता बेरहम होती है/

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