शुक्रवार, 20 अक्तूबर 2017

"हारे को हरिनाम" फार्मूले पर काम करती भाजपा

 

   अयोध्या में सरकारी दीवाली मनाने के बाद अब योगी चित्रकूट का रुख करेंगे। चित्रकूट वो स्थान है जहां अयोध्या के राजकुमार भगवान राम ने अपने वनवास के करीब 12 वर्ष गुजारे थे। ये खबर ऐसे समय आयी है जब देश के पीएम नरेंद्र मोदी स्वयं केदारनाथ धाम में जय भोले, जय केदार का जय घोष कर रहे हैं।
   सवाल यह उठता है कि ये भक्ति स्वान्तः सुखाय है या राजनीतिक? स्वान्तः सुखाय भक्ति इस देश का करीब-करीब हर हिन्दू करता है। वो कहाँ प्रचार करता है? 
   
   मुझे ये पूरा मामला विशुद्ध राजनीतिक लगता है। मोदी के सुशासन और विकास के मुद्दे अब भोथरे हो चले है। आर्थिक विकास के उनके प्रयास निष्फल हो चुके हैं। आर्थिक विकास दर जमीन पर आ चुकी है। ऐसे में गुजरात चुनावों का सामना भाजपा भला कैसे करेगी?
   भगवान और आस्था बीजेपी का ट्रम्प कार्ड है। ये पार्टी जब-जब मुसीबत में होती है राम रट्टा तेज़ कर देती है। आजकल भी राम रट्टा कुछ ज्यादा ही तेज़ हो गया है। योगी सरकार भी यूपी में सुशासन के मुद्दे पर महा फेल होती जा रही है। ऐसे में जनता को खुश रखने के भी तो जतन जारी रखने होंगे ही, क्योंकि 2019 अब ज्यादा दूर नही है।

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