कहते हैं दुनिया गोल है। चीजें और स्थितियां घूम फिरकर फिर वहीं की वहीं आकर खड़ी हो गयी हैं, जहां वो 2014 के आसपास के सालों में थी। द वायर नाम के न्यूज़ पोर्टल नें आजकल भाजपा परिवार में ऊहापोह वाली स्थिति पैदा कर दी है। द वायर ने अपने एक आर्टिकल में बताया है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सुपुत्र जय अमितभाई शाह की कंपनी ने मोदी के पीएम बनते ही 50 हज़ार के टर्न ओवर को 80 करोड़ तक पहुंचा दिया था।
अब द वायर पर सैकड़ा करोड़ का मानहानि दावा किया गया है। ये मानहानि नापने का पैमाना रुपया कैसे हो जाता है, मैं तो आज तक इस बात को नही समझ पाया हूँ। बड़े मीडिया समूह सरकारों की अर्दलीगीरी करते हैं, यह बात अब हर कोई जानता है। छोटे और नए मीडिया हाउसेज कभी कभी इस तरह की डेयरिंग भरी पत्रकारिता कर गुज़रते हैं। फिलहाल द वायर नें कोई बड़ी खोजी पत्रकारिता भी नही की है। कंपनी मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर ये सारे आंकड़े उपलब्ध थे, उसने उन्हें उजागर करने का साहस जुटाया है। जो कि बड़े समूह जानकर भी नही स्पर्श किये।
2014 में राहुल गांधी को शहज़ादा कहकर संबोधित करने वाले नरेंद्र मोदी नही जानते थे कि 2017 आते आते स्थितियां ऐसी पलटा मारेंगी कि शहज़ादा भी उन पर शाहज़ादा शब्द को हथियार बनाकर पलटवार करेगा।यहां शाह मतलब अमित शाह और जादा मतलब औलाद है।
आप सबको याद होगा कि रावर्ट वाड्रा मामले में जब यूपीए सरकार के मंत्री उनके समर्थन में बयान देने के लिए उतरते थे, तो यही भजपैये चीख चीखकर पूछते थे कि रॉबर्ट वाड्रा सरकार के कौन है, जो मंत्री सफाई देने उतरते हैं। अब जय शाह के बचाव में पीयूष गोयल किस हैसियत से दलीलें ग़ढ रहे हैं? ये कोई नहीं बता रहा कि जय शाह सरकार में क्या हैं?
मुझे तो बिल्कुल भी नहीं लगता कि द वायर नें कोई ऐसा काम किया है जिस पर सैकड़ा करोड़ का दावा बनता हो। जाय शाह की इज़्ज़त 100 करोड़ की है मैं तो यह भी नही मानता हूं।
सुशील अवस्थी "राजन"
9454699011
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